एशेज इतिहास के 5 अनजान हीरो

सालों से चलती आ रही, एशेज की लड़ाई ने क्रिकेट की दुनिया को ऐसे तमाम खिलाड़ी प्रदान किये है, जिन्होंने इस खेल पर काफी प्रभाव डालने के साथ अपनी एक पहचान बनाने में सफलता भी हासिल की हैं। ऑस्ट्रेलियाई या इंग्लैंड के क्रिकेटरों के लिए शायद ही इससे बड़ा कोई अवसर होता हो अपना नाम और पहचान बनाते हुए एक नायक के रूप में उभरने का। हालाँकि ऐसे खिलाड़ी भी हैं जो चुपचाप अपना काम करते थे और जब उनके बहुत अच्छे प्रदर्शन पर ध्यान भी नही जा पाता है। उन्होंने ऐसे क्षण पर दबाव में खेल कर अपनी टीम को मुश्किल हालात से बाहर निकलने में मदद की जब उनकी टीमें हार की ओर जा सकती थीं। आइए ऐसे ही पांच खिलाड़ियों पर एक नज़र डालते हैं जो एशेज सीरीज में अपनी टीमों के लिए अनजान नायक रहे थे।


ब्रैड हैडिन (2013-14)

एडम गिलक्रिस्ट के साथ में एक ही दौर में खेलते हुए, ब्रैड हैडिन ने 2008 में 30 साल की उम्र में अपना पहला टेस्ट मैच खेला। वो ऑस्ट्रेलिया के 400वें टेस्ट खिलाड़ी भी बने। हैडिन को अंततः माइकल क्लार्क के नेतृत्व में उप-कप्तान बनाकर शुरूआती करियर के नुकसान की कुछ भरपाई मिली। एक ऐसे बदलाव के समय जब टीम के सभी प्रमुख वरिष्ठ खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया टीम से एक-एक कर जा रहे थे, वो टीम की अहम कड़ी बने। 2013-14 से पहले हैडिन के नाम कुछ ठीक ठाक एशेज श्रृंखला रही थी, घर में 2010-11 की एशेज में, उन्होंने 45 के औसत से 360 रन बनाये और 2013 में इंग्लैंड में उन्होंने 29 विकेट के साथ एक टेस्ट सीरीज़ में विकेटकीपर द्वारा सर्वाधिक आउट का एक नया रिकॉर्ड बनाया। वह 2013-14 एशेज क्लीन-स्वीप के दौरान बेहद महत्वपूर्ण कड़ी बन कर उभरे थे। उन्होंने श्रृंखला की लगभग हर पहली पारी में मुश्किल हालात से ऑस्ट्रेलिया को उबारा था। ऑस्ट्रेलिया पहले टेस्ट में पहली बल्लेबाजी करते हुए 132 रनों पर 6 विकेट गंवाकर पर मुश्किल में थी, लेकिन हैडिन ने जॉनसन (64) के साथ मेजबान टीम को सम्मानजनक 295 रन तक पहुँचाने में मदद की। हैडिन ने उस पारी में सबसे ज्यादा 94 रन बनाए और आखिरी विकेट के रुप में आउट हुए। दूसरी पारी में उन्होंने 53 रनों की तेज अर्धशतकीय पारी खेली जिससे ऑस्ट्रेलिया 401 रन तक पहुँच गयी। दूसरे टेस्ट में, हैडिन ने एक कदम आगे बढ़ टेस्ट शतक बनाया और क्लार्क के साथ ऑस्ट्रेलिया को एक विशाल 570 रन के स्कोर पर ले गये। उसके बाद हुए टेस्ट मैचों में, हैडिन 143/5, 112/5 और 97/5 पर उतरने के बाद ऑस्ट्रेलिया को ठीक-ठाक स्कोर तक पहुंचने में मदद की। उन्होंने क्रमशः उन मौकों पर 55, 65 और 75 रन बनाए। हालांकि इस श्रृंखला में, जॉनसन और हैरिस ने अपनी गेंदबाज़ी का कहर बरपाया और डेविड वार्नर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। इसकी वजह से मुख्य आकर्षण का केंद्र हैडिन कभी बन ही नही पाये। उन्होंने आठ पारियों में 5 अर्धशतक और 1 शतक के साथ 493 रन बनाए। जोनाथन ट्रॉट (2010-11) 54637-1509201074-800 जोनाथन ट्रॉट इंग्लैंड के लिए खेलने वाले सबसे आकर्षक बल्लेबाज़ों में से एक हैं। उन्होंने वार्विकशायर के लिए काफी रन बनाए, जिससे उन्हें 2009 एशेज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें टेस्ट मैच में निर्णायक स्थान हासिल करने में मदद की। मैच की दूसरी पारी में बनाये गये शानदार 119 रन ने उन्हें टेस्ट टीम में स्थायी स्थान हासिल करने में मदद की। 2009 में घर में मिली जीत के बाद, इंग्लैंड ने 2010 के एशेज को ऑस्ट्रेलिया में जीतने की पूरी कोशिश की थी क्योंकि उन्होंने 1986-87 से ऑस्ट्रेलिया में एशेज कभी नहीं जीती थी। इंग्लैंड ने पहले टेस्ट में पहली पारी में केवल 260 रन बनाने के बाद 221 रन की बढ़त दे दी थी। शीर्ष तीन बल्लेबाजों के शतकों के बल पर, इंग्लैंड हार से बचा था। जोनाथन ट्रॉट दूसरी पारी में 188-1 पर बल्लेबाजी करने आये और 135 रन बनाकर इंग्लैंड को 517-1 तक पहुचाने में मदद की । उन्होंने दूसरे टेस्ट में 78 रन बनाकर इस प्रदर्शन को आगे बढ़ाया। वह तीसरे टेस्ट में ज्यादा रन नहीं बना पाए और इंग्लैंड मैच हार गया। हालांकि, इंग्लैंड ने चौथे मैच में वापसी की और ट्रॉट भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते नज़र आये। उन्होंने शानदार 168 रन की पारी खेल कर इंग्लैंड को एक बड़ी सीरीज में जीत हासिल करने की स्थिति में ला खड़ा किया। हालांकि श्रृंखला की आखिरी पारी में उनका खाता नही खुला, लेकिन उन्होंने एक शानदार श्रृंखला में 89.00 के शानदार औसत से 445 रन बनाए। हालाँकि ट्रॉट के आकड़ो पर कुक, पीटरसन, एंडरसन और ब्रॉड के शानदार प्रदर्शन भारी पड़े। मोंटी पनेसर और जेम्स एंडरसन (2009) 56daa-1509200929-800 बहुत से लोग पनेसर (जिन्होंने श्रृंखला में केवल एक टेस्ट खेला था) और एंडरसन (जिन्होंने 5 मैचों में केवल 12 विकेट लिए थे) की इस सूची में उपस्थित होने के बारे में सवाल उठा सकते हैं क्योंकि उनके नाम कोई उल्लेखनीय प्रदर्शन नहीं था, लेकिन उन्होंने इंग्लैंड के एशेज -2009 को 2-1 से कायम रखने में अहम रोल निभाया था। 2006-07 की पिछली एशेज श्रृंखला इंग्लैंड के लिए एक दुःस्वप्न रही थी, जब ऑस्ट्रेलियाई ने अपनी सरजमीं पर उन्हें 5-0 से हरा दिया था। कार्डिफ़ में पहले टेस्ट की पहली पारी में इंग्लैंड के 435 के जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 2009 एशेज की दमदार शुरुआत करते हुए 674/6 का स्कोर खड़ा किया था। खेल के अंतिम दिन 70/5 के स्कोर पर खड़ी मेजबान टीम के पास लगभग 80 ओवर बचे थे। पॉल कॉलिंगवुड ने शानदार प्रदर्शन किया और 74 रन की पारी खेली, जिससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण उनका 344 मिनटों तक 245 गेंदों के लिये क्रीज़ पर खड़े रहना रहा। लेकिन उन्हें दूसरे छोर पर कोई समर्थन नहीं मिला और आखिर में 9 वां विकेट गिरने पर खेलने के लिये 12 ओवर बचे थे। मोंटी पनेसर जिनका गेंद के साथ एक ख़राब मैच रहा (38.8 ओवर में 1/115 के आकड़े) नंबर 11 पर बल्लेबाज़ी करने के लिए आये। उन्होंने एंडरसन के साथ, जिन्होंने कोलिंगवुड के साथ सात ओवर बल्लेबाजी की थी, खेलना शुरू किया। एंडरसन के पास तो नाईटवाचमैन बनने का अनुभव था, जबकि पनेसर को बल्लेबाजी का उतना अनुभव नहीं था। ऑस्ट्रेलिया टीम की जीत लगभग तय थी।। लेकिन इसके बाद मैच में वो हुआ जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी। मैच को ड्रॉ कराने के लिए जेम्म एंडरसन और मोंटी पनेसर ने 69 गेंदे खेली, जिसमें से मोंटी ने 35 गेंदें और एंडरसन ने 53 गेंदों को खेल, इंग्लैंड को एक रोमांचक ड्रॉ करवाने में मदद की। ऑस्ट्रेलिया का विश्वास इस अप्रत्याशित ड्रॉ से ऐसा हिला कि वे आगे के मैचों में आत्मसमर्पण कर बैठे और 2-1 से सीरीज हार गए । रिचर्ड एलिसन (1985) f65c1-1509354975-800 1985 में इंग्लैंड चौथे टेस्ट के बाद श्रृंखला पर कब्जा करता दिख रहा था , क्यूंकि श्रृंखला 1-1 पर स्तर पर थी। केंट से आये एक मजबूत शरीर वाले तेज गेंदबाज रिचर्ड एलिसन ने खुद के लिये बहुत भरोसा नहीं बनाया था, जब उन्हें 1985 के पांचवें एशेज टेस्ट, के लिये बुलाया गया और वह भी यह देखते हुए कि उन्होंने पिछले 5 टेस्ट मैचों में केवल 10 विकेट लिए हैं (जिनमे 4 पारियों में उनके विकेट भी नहीं आये थे)। आखिरी दो टेस्ट एलिसन के लिए एशेज नायक बनने के लिए पर्याप्त थे। एजबस्टन में पांचवें टेस्ट में, उनके 6/77 ने ऑस्ट्रेलिया को 335 रनों पर समेटने में योगदान दिया था। दूसरी पारी में, वह फिर ऑस्ट्रेलिया पर भारी पड़े और 4/27 विकेट ले मेहमानों को 142 पर निपटाया। सिर्फ इतना ही नही था - ओवल में अंतिम टेस्ट में, एलिसन के आकड़े 2/35 और 5/46 रहे थे और उनकी दूसरी पारी की गेंदबाज़ी के चलते इंग्लैंड ने सिर्फ 129 पर ऑस्ट्रेलिया को समेटा था, और इंग्लैंड ने एक और श्रृंखला जीत के साथ एशेज को हासिल किया। एलिसन ने श्रृंखला में 17 विकेट लिए (पांचवें स्थान पर) और विपक्षी कप्तान एलन बॉर्डर को चार पारियों में तीन बार आउट किया। एलिसन के शामिल होने के कारण इंग्लैंड के गेंदबाजी आक्रमण को एक नया जीवन मिला था, क्यूंकि उन्होंने 1985 की एशेज को जीतने में मदद की। बॉब मास्सी (1972) 76b00-1509200656-800 यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस व्यक्ति ने अपने पहले टेस्ट मैच में 16 विकेट लिए थे, वह ऑस्ट्रेलिया के लिए केवल पांच और टेस्ट मैच खेल पाया। पर्थ से आये इस तेज गेंदबाज ने गेंद को अपने मन मुताबिक स्विंग कराया जिसके चलते इंग्लैंड ने खुद को 1972 एशेज में मुश्किल में पाया। इंग्लैंड ने 1-0 की बढ़त हासिल कर रखी थी, लेकिन मास्सी ने पहली बार गेंदबाज़ी करते हुए इंग्लिश बल्लेबाजों को हैरत में डाल दिया और विकेट की झड़ी लगा दी। उनहोने 8/84 और 8/53 के आकड़ों के साथ इंग्लैंड की दोनों पारी में विकेट पर खिलाड़ियों को टिकने ही नहीं दिया, इससे ऑस्ट्रेलिया ने आठ विकेट से जीत हासिल की। पांच मैच की टेस्ट सीरीज का अंत 2-2 के ड्रा के साथ हुआ था। लेकिन टेस्ट के इतिहास में उनके 16 विकेट का मैच हॉल आज भी चौथा सबसे बेहतरीन गेंदबाजी प्रदर्शन है।