एशेज इतिहास के 5 अनजान हीरो

मोंटी पनेसर और जेम्स एंडरसन (2009)

56daa-1509200929-800 बहुत से लोग पनेसर (जिन्होंने श्रृंखला में केवल एक टेस्ट खेला था) और एंडरसन (जिन्होंने 5 मैचों में केवल 12 विकेट लिए थे) की इस सूची में उपस्थित होने के बारे में सवाल उठा सकते हैं क्योंकि उनके नाम कोई उल्लेखनीय प्रदर्शन नहीं था, लेकिन उन्होंने इंग्लैंड के एशेज -2009 को 2-1 से कायम रखने में अहम रोल निभाया था। 2006-07 की पिछली एशेज श्रृंखला इंग्लैंड के लिए एक दुःस्वप्न रही थी, जब ऑस्ट्रेलियाई ने अपनी सरजमीं पर उन्हें 5-0 से हरा दिया था। कार्डिफ़ में पहले टेस्ट की पहली पारी में इंग्लैंड के 435 के जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 2009 एशेज की दमदार शुरुआत करते हुए 674/6 का स्कोर खड़ा किया था। खेल के अंतिम दिन 70/5 के स्कोर पर खड़ी मेजबान टीम के पास लगभग 80 ओवर बचे थे। पॉल कॉलिंगवुड ने शानदार प्रदर्शन किया और 74 रन की पारी खेली, जिससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण उनका 344 मिनटों तक 245 गेंदों के लिये क्रीज़ पर खड़े रहना रहा। लेकिन उन्हें दूसरे छोर पर कोई समर्थन नहीं मिला और आखिर में 9 वां विकेट गिरने पर खेलने के लिये 12 ओवर बचे थे। मोंटी पनेसर जिनका गेंद के साथ एक ख़राब मैच रहा (38.8 ओवर में 1/115 के आकड़े) नंबर 11 पर बल्लेबाज़ी करने के लिए आये। उन्होंने एंडरसन के साथ, जिन्होंने कोलिंगवुड के साथ सात ओवर बल्लेबाजी की थी, खेलना शुरू किया। एंडरसन के पास तो नाईटवाचमैन बनने का अनुभव था, जबकि पनेसर को बल्लेबाजी का उतना अनुभव नहीं था। ऑस्ट्रेलिया टीम की जीत लगभग तय थी।। लेकिन इसके बाद मैच में वो हुआ जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी। मैच को ड्रॉ कराने के लिए जेम्म एंडरसन और मोंटी पनेसर ने 69 गेंदे खेली, जिसमें से मोंटी ने 35 गेंदें और एंडरसन ने 53 गेंदों को खेल, इंग्लैंड को एक रोमांचक ड्रॉ करवाने में मदद की। ऑस्ट्रेलिया का विश्वास इस अप्रत्याशित ड्रॉ से ऐसा हिला कि वे आगे के मैचों में आत्मसमर्पण कर बैठे और 2-1 से सीरीज हार गए ।