जब भी कोई खिलाड़ी अपनी नेशनल टीम के लिए खेल रहा होता है तो खबरों में बने रहना, हमेशा फैंस से घिरे रहना, सुर्खियों में रहना उसके लिए आम बात हो जाती है। लेकिन हर किसी को ये चीजें नसीब नही होती हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के भी कुछ खिलाड़ी ऐसे रहे जो इस साल ज्यादा सुर्खियों में नहीं रहे, हालांकि टीम की जीत में उनका अहम योगदान रहा। खासकर कोहली और अश्विन की लोकप्रियता के आगे और सभी खिलाड़ी फीके पड़ गए। इस साल 5 ऐसे खिलाड़ी रहे जिन्होंने टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन टीम के और खिलाड़ियों के ज्यादा बेहतर प्रदर्शन के कारण उनको उतनी लाइमलाइट नहीं मिली। आइए जानते हैं उन 5 खिलाड़ियों के बारे- 5. भुवनेश्वर कुमार भुवनेश्वर भारतीय टीम के मुख्य तेज गेंदबाज हैं, लेकिन चोट की वजह से उनका खेल काफी प्रभावित भी हुआ है। उन्होंने अपनी पेस पर भी काफी काम किया, लेकिन उनकी लय जाती रही। भुवनेश्वर एक अच्छे स्विंग तेज गेंदबाज हैं और स्पीड से स्विंग पर काफी असर पड़ता है। वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड के खिलाफ के खिलाफ सीरीज में उन्होंने काफी अच्छी गेंदबाजी की। भुवनेश्वर ने अपने करियर की शुरुआत साल 2013 में की थी वो सीमित ओवरों के खेल के विशेषज्ञ गेंदबाज माने जाते हैं। लेकिन चोट की वजह से वो काफी समय तक टीम से बाहर रहे और वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज से उन्होंने वापसी की। 33 रन देकर 5 विकेट चटकाकर उन्होंने अपनी वापसी को धमाकेदार बना दिया। वहीं न्यूजीलैंड के खिलाफ कोलकाता टेस्ट के लिए जब उन्हें टीम में चुना गया तो उन्होंने अपनी शानदार गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया। 4.चेतेश्वर पुजारा पुजारा पिछले कुछ समय से भारतीय टेस्ट टीम की बल्लेबाजी की धुरी बने हुए हैं। हालांकि साल के शुरुआत में जब उनका प्रदर्शन ठीक नहीं था, तो उन पर काफी सवाल उठे थे। कोहली की कप्तानी में इस साल भारतीय टीम ने काफी आक्रामक क्रिकेट खेला और दुनिया की दिग्गज टीमों के खिलाफ मैच जीता। कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम ने सिर्फ जीत के लिए खेला ड्रॉ के लिए नहीं। भारतीय टीम के इस शानदार प्रदर्शन में पुजारा का अहम योगदान रहा। उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से सबको प्रभावित किया खासकर दूसरी पारी में जब टीम को इसकी सबसे ज्यादा जरुरत थी। हालांकि 2014 के बाद उनकी स्ट्राइक रेट में काफी गिरावट आई, खासकर पारी की शुरुआत में। वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच में पुजारा ने 226 गेंदों पर महज 62 रन बनाए और अगले टेस्ट मैच से उन्हें बाहर भी कर दिया गया। लेकिन जब विराट कोहली टेस्ट टीम के कप्तान बने तो उन्होंने कोच अनिल कुंबले से इस बारे में बात की और पुजारा की बल्लेबाजी पर काम किया। इसके बाद पुजारा ने अच्छी वापसी की और कानपुर टेस्ट में न्यूजीलैंड के खिलाफ 261 गेंदों पर 141 रनों की पारी खेली। 2016 में टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की तरफ से वो दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। पुजारा ने 2016 में 55.73 की औसत और 48.43 की स्ट्राइक रेट से रन बनानए। उनका स्ट्राइक रेट मुरली विजय और अंजिक्य रहाणे से भी अच्छा रहा। 3. आशीष नेहरा 2016 में केवल मोहम्मद आमिर ने ही लंबे समय बाद क्रिकेट में वापसी नहीं की, बल्कि भारत के अनुभवी तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने भी इस साल जोरदार वापसी की। घुटने की चोट की वजह से नेहरा काफी दिनों तक क्रिकेट से दूर रहे। इसके बाद उन्होंने धमाकेदार वापसी की। ये साल नेहरा के लिए काफी यादगार रहा। 37 साल के नेहरा ने 5 साल बाद टीम में वापसी करते हुए भारतीय टीम के लिए अहम मौकों पर विकेट चटकाए। आशीष नेहरा ने अपना डेब्यू सौरव गांगुली की कप्तानी में किया था और 15 साल बाद भी वनडे और टी-20 मैचों में वो भारत के मैच विनर खिलाड़ी हैं। एशिया कप और टी-20 वर्ल्ड कप में उन्होंने प्रभावशाली गेंदबाजी की। नेहरा काफी अच्छी स्विंग गेंदबाजी भी करते हैं। आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से बेहतरीन गेंदबाजी करने के बावजूद उन्हें ज्यादा तरजीह नहीं मिली। 2. मुरली विजय टेस्ट मैचों में मुरली विजय ने इस साल भारतीय टीम के लिए अच्छी बल्लेबाजी की है। हालांकि दूसरे छोर पर उनके साथी सलामी बल्लेबाज मैच दर मैच बदलते रहे। लगभग हर मैच में नया जोड़ीदार मिलने के बावजूद मुरली विजय का सभी खिलाड़ियों के साथ तालमेल काफी अच्छा रहा। इस चीज का मुरली विजय की बल्लेबाजी पर कोई असर नहीं पड़ा और हर मैच में उन्होंने अपना स्वभाविक खेल ही खेला। चोट के बाद जब उन्होंने वापसी की तो अपनी बल्लेबाजी से सबको प्रभावित किया। वेस्टइंडीज दौरे पर उनकी अंगुलियों में चोट लग गया, जिसकी वजह से आगे के कुछ मैचों में वो टीम से बाहर हो गए। लेकिन जब वो तरोताजा होकर लौटे तो उसके बाद से उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। दूसरे सलामी बल्लेबाजों के प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव आता रहा लेकिन विजय ने टीम के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। उनके आंकड़े इस बात की गवाही भी देते हैं। इस साल 14 पारियों में उन्होंने 4 बार 50 रन का आंकड़ा छुआ, इसके अलावा 2 बड़े शतक भी लगाए। 1.जसप्रीत बुमराह बुमराह इंडियन प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियंस की तरफ से खेलते हुए सुर्खियों में आए। उनका अजीबोगरीब एक्शन उन्हें और गेंदबाजों से अलग करता था। जिसकी वजह से लोगों ने उन्हें नोटिस किया। वहीं बुमराह यॉर्कर गेंदें भी काफी सटीक डालते हैं। आखिर के ओवरों में उनकी यॉर्कर गेंदे खेलने में अच्छे से अच्छे बल्लेबाज का पसीना छूट जाता है। इसी वजह से उन्हें जल्द ही भारतीय टीम से बुलावा आ गया। बुमराह ने इसी साल टी-20 मैचों में अपना डेब्यू किया और इस साल वो टी-20 में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज हैं। भारत की धीमी पिचों पर भी वो बेहतरीन यॉर्कर गेंदे डालते हैं। यही वजह है कि कप्तान धोनी बुमराह को सबसे ज्यादा डेथ ओवरों में गेंदबाजी पर लगाते हैं। आखिर के ओवरों में बल्लेबाज ज्यादा से ज्यादा रन बनाने की कोशिश करता है और इसी कोशिश में वो आगे बढ़कर या इधर-उधर कहीं भी शॉट लगाने की कोशिश करता है, लेकिन बुमराह की गेंदबाजी पर इन सब चीजों का कोई असर नहीं पड़ता है। बल्लेबाज कोई भी हो बुमराह की सटीक गेंदों का जवाब किसी के पास नहीं होता है। अपने डेब्यू के एक साल के अंदर ही इतना नाम कमाना काबिलेतारीफ है।