पुजारा पिछले कुछ समय से भारतीय टेस्ट टीम की बल्लेबाजी की धुरी बने हुए हैं। हालांकि साल के शुरुआत में जब उनका प्रदर्शन ठीक नहीं था, तो उन पर काफी सवाल उठे थे। कोहली की कप्तानी में इस साल भारतीय टीम ने काफी आक्रामक क्रिकेट खेला और दुनिया की दिग्गज टीमों के खिलाफ मैच जीता। कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम ने सिर्फ जीत के लिए खेला ड्रॉ के लिए नहीं। भारतीय टीम के इस शानदार प्रदर्शन में पुजारा का अहम योगदान रहा। उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से सबको प्रभावित किया खासकर दूसरी पारी में जब टीम को इसकी सबसे ज्यादा जरुरत थी। हालांकि 2014 के बाद उनकी स्ट्राइक रेट में काफी गिरावट आई, खासकर पारी की शुरुआत में। वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच में पुजारा ने 226 गेंदों पर महज 62 रन बनाए और अगले टेस्ट मैच से उन्हें बाहर भी कर दिया गया। लेकिन जब विराट कोहली टेस्ट टीम के कप्तान बने तो उन्होंने कोच अनिल कुंबले से इस बारे में बात की और पुजारा की बल्लेबाजी पर काम किया। इसके बाद पुजारा ने अच्छी वापसी की और कानपुर टेस्ट में न्यूजीलैंड के खिलाफ 261 गेंदों पर 141 रनों की पारी खेली। 2016 में टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की तरफ से वो दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। पुजारा ने 2016 में 55.73 की औसत और 48.43 की स्ट्राइक रेट से रन बनानए। उनका स्ट्राइक रेट मुरली विजय और अंजिक्य रहाणे से भी अच्छा रहा।