IPL 2018: 5 खिलाड़ी जो ख़ामोशी से करते जा रहे हैं कमाल

हर साल, आईपीएल युवा खिलाड़ियों को अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने का एक मंच प्रदान करता है। हालांकि, हर साल कुछ ऐसे खिलाड़ी भी होते हैं जिन्हे अच्छे प्रदर्शन के बावजूद तरजीह नहीं दी जाती। तो आइए जानते हैं ऐसे 'गुमनाम खिलाड़ियों' के बारे में जिन्होंने अपने प्रदर्शन से इस सीज़न में अपनी टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया है, लेकिन किसी कारणवश उनके प्रदर्शन को अनदेखा कर दिया गया।

संदीप शर्मा

इस सीजन में सनराइज़र्स हैदराबाद का गेंदबाजी आक्रमण असाधारण रहा है। राशिद खान, भुवनेश्वर कुमार और सिद्धार्थ कौल जैसे गेंदबाजों को सभी से प्रशंसा मिल रही है, जबकि दूसरी तरफ गेंदबाज़ संदीप सिंह के गेंदबाज़ी प्रदर्शन को लगभग अनदेखा कर दिया गया है। आंकड़ों की बात करें तो संदीप ने अब तक 6 पारियों में 7 विकेट लिए हैं; लेकिन इकोनॉमी रेट (5.26) की बात करें तो आईपीएल के मौजूदा सीज़न में उन्होंने सबसे किफायती गेंदबाज़ी की है। फटाफट क्रिकेट में जहां जसप्रीत बुमराह, राशिद खान और भुवनेश्वर कुमार सरीखे स्टार गेंदबाज़ों ने लगभग 7.00 की इकोनॉमी रेट से रन दिए हैं, ऐसे में संदीप शर्मा का प्रदर्शन उनकी लाजवाब गेंदबाज़ी का एक प्रमाण है।

मनदीप सिंह

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर आईपीएल के मौजूदा सीज़न में अंक-तालिका में निचले पायदान पर है। लेकिन आरसीबी के बल्लेबाज़ मनदीप सिंह ने एक फिनिशर के रूप में प्रभावशाली प्रदर्शन किया है, जो कि उनके लिए एक नई भूमिका है। 10 पारीयों में, उन्होंने 33.14 की औसत से 232 रन बनाए हैं; भले ही पहली नजर में यह आंकड़े मनदीप की बल्लेबाजी क्षमता का बखान नहीं करते, लेकिन आरसीबी की तरफ से उन पर दिखाए भरोसे से पता चलता है कि मनदीप ने आरसीबी की बल्लेबाज़ी लाइनअप में कितना योगदान दिया है। इसके अलावा, मनदीप आने वाले मैचों में अपनी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलते की उम्मीद कर रहे होंगे, लेकिन अभी के लिए, एक फिनिशर के रूप में उनका प्रदर्शन लाजवाब रहा है।

उमेश यादव

'लाल गेंद विशेषज्ञ' माने जाने वाले उमेश यादव ने इस आईपीएल में अभी तक शानदार प्रदर्शन किया है। जबकि क्रिकेट पंडित यह मानते हैं कि यादव ने इस आईपीएल में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन इसका उतना श्रेय उनको नहीं मिला है, जिसके वह हकदार थे। अब तक 10 मैचों में, उन्होंने 8.14 की स्ट्राइक रेट के साथ 14 विकेट लिए हैं, जो पिछले सत्रों की तुलना में काफी बेहतर है। इसके अलावा यादव ने इस सीज़न में दूसरी सबसे ज्यादा डॉट गेंदें की हैं। यादव अंततः अपनी पूरी क्षमता से गेंदबाज़ी कर रहे हैं और मैच के महत्वपूर्ण पलों में विकेट ले रहें हैं। आने वाले समय में विश्व कप 2019 और टी -20 विश्वकप में यादव इस फॉर्म के साथ सीमित ओवरों के मैचों में टीम में जगह बनाने के लिए उत्सुक होंगे।

मिचेल मैकलेनाघन

आंकड़ों पर नज़र डालें तो मिचेल मैकलेनाघन ने अभी तक हालाँकि, इस सीज़न में अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन नहीं किया है लेकिन उनका अब तक का प्रदर्शन भी अनदेखा नहीं किया जा सकता और निश्चित रूप से यह अच्छे प्रदर्शन की श्रेणी में आता है। अब तक 9 मैचों में, उन्होंने 12 विकेट लिए हैं। जबकि आलोचक उनकी 8.34 की इकोनॉमी रेट की आलोचना कर रहे हैं, उन्हें शायद याद नहीं कि आईपीएल के पिछले सीज़न में मिचेल मैकलेनाघन ने इस से भी ज़्यादा महंगी गेंदबाज़ी की थी जब उन्हें मुंबई के सर्वश्रेष्ट खिलाड़ियों में से एक होने का तमगा दिया गया था । उनका गेंदबाज़ी औसत इस सीज़न में भी 22.25 के आस पास है। हालाँकि इसे मिचेल मैकलेनाघन का सर्वोत्तम प्रदर्शन तो नहीं कह सकते लेकिन अपने प्रदर्शन में उन्होंने जैसी निरंतरता और परिपक्वता दिखाई है, उसका श्रेय उन्हें मिलना चाहिए।

सुनील नारेन

यह आखिरी विकल्प शायद काफी लोगों के लिए हैरान करने वाला हो, लेकिन सुनील नारेन को वह श्रेय नहीं मिला है जिसकी वह पात्र हैं। अधिकांश क्रिकेट पंडितों का मानना है कि सुनील ने दृढ़ता से प्रदर्शन किया है, लेकिन यह प्रदर्शन वैसा नहीं है जिसके लिए वह जाने जाते हैं। हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों के साथ इस सीजन में बढ़िया खेल दिखाया है। दूसरी तरफ कुछ क्रिकेट पंडितों का मानना है कि टी 20 बल्लेबाज के रूप में नरेन का प्रदर्शन क्रिकेट की पारंपरिक पद्धतियों से सटीक रूप से मापा नहीं जा सकता। जब भी नरेन शीर्ष क्रम में बल्लेबाज़ी करने आते हैं तो दो परिदृश्य होते हैं: #1 वह पहली गेंद से ही विस्फोटक बल्लेबाज़ी करते हैं टीम को शानदार शुरुआत दिलाते हैं। #2 वह बिना ज़्यादा गेंदें बर्बाद किए आउट हो जाते हैं। इसके अलावा गेंद के साथ भी, उनका प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने 11 पारीयों में 7.5 की इकोनॉमी रेट से 13 विकेट लिए हैं। अपने गेंदबाज़ी स्टाइल में तबदीली के बाद नरेन निश्चित रूप से इस सीज़न में उपयोगी खिलाड़ी हैं और इसका श्रेय उन्हें मिलना चाहिए । लेखक: प्रणय गुप्ता अनुवादक: आशीष कुमार