रविचंद्रन अश्विन के गेंदबाजी एक्शन की 5 विविधता

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ऑफ स्पिन गेंदबाजी, क्रिकेट की काफी मुश्किल कला है और भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन इस कला में माहिर हैं। अश्विन पिछले कुछ वर्षों से अपने करियर की बेस्ट फॉर्म में हैंऔर उन्होंने कई बार गजब के स्पैल डालकर अपनी इस कला को दर्शाया है। अश्विन हाल ही में, 200 विकेट लेने वाले विश्व के दूसरे और भारत के सबसे गेंदबाज बने हैं। 30 वर्षीय अश्विन पिछले कुछ वर्ष में क्रिकेट के हर फॉर्मेट में लाजवाब गेंदबाजी कर रहे हैं और उनके टीम में होने से भारतीय टीम गजब का खेल दिखा रही है। खासतौर पर अगर टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो, अश्विन ने अपनी काबिलियत से भारत को कई मैच जीताए हैं। अश्विन न सिर्फ एक शानदार गेंदबाज हैं बल्कि बल्ले से भी कमाल करना अच्छी तरह से जानते हैं। कई मौकों पर उन्होंने भारतीय टीम की नइया पार लगाने में अहम रोल निभाया है। जबकि गेंदबाजी में तो वो लाजवाब हैं ही। अश्विन को 7 बार मैन ऑफ द सीरीज के खिताब से सम्मानित किया गया है। किसी भी क्रिकेट फैन के लिए अश्विन को अपनी गजब की विविधता के लिए साथ गेंदबाजी करते हुए देखना बेहद सुखद अनुभव होता है। जो उन्हें दौर का बेस्ट स्पिनर बनाता है। विपक्षी टीम को उखाड़ फेंकने के लिए अश्विन के पास कई तरह के हथियार मौजूद हैं। चलिए अश्विन की पांच तरह की गेंदों पर नजर डालतें हैं: 1. ऑफ स्पिन ये पारम्परिक गेंद है जिसे अश्विन सबसे ज्यादा डालते हैं जो राइट हाथ के बल्लेबाज़ के लिए ऑफ से लेग में धूमती थी। तमाम स्पिनर ऑफ स्पिन करने के लिए हाथ की पहली (तर्जनी )और दूसरी उंगली का इस्तेमाल करते हैं , लेकिन अश्विन गेंद डालने के लिए सिर्फ पहली उंगली का ही प्रयोग करते हैं। अश्विन की ऑफ स्पिन गेंद भी दो किस्म की है , एक जो ज्यादा ओवर टर्न करती है और दूसरी जो हल्की साइड टर्न करती है। इस गेंद का इस्तेमाल तब होता है जब वो बल्लेबाज़ को हवा में शॉट खेलने के लिए उकसाते हैं और गेंद को आगे टप्पा देंते हैं । इस गेंद की सीम की दिशा फाइन लेग और लेग स्लिप की ओर होती है और ये गेंद दूसरी ऑफ स्पिनर से ज्यादा उछाल लेती है जिसपर ज्यादातर बल्ले का उपरी किनारा लगता है और फील्डर कैच कर लेता है। दूसरी ओर साइड स्पिन ओवर स्पिन से तेज़ डाली जाती है और गेंद की सीम हवा में स्क्वेयर लेग की दिशा में होती है। कई बार बल्लेबाज़ को विकेट के सामने फंसाने के लिए अश्विन दोनों तरह की गेंदे को मिक्स करके डालते हैं। 2. कैरम बॉल Ravichandran Ashwin ये गेंद नक़ल बॉल भी कही जाती है , इस गेंद पर सबसे पहले श्रीलंकाई स्पिनर अजंथा मेंडिस ने इजात किया था। अश्विन ने इस गेंद को बखूबी से इस्तेमाल किया है , खासतौर से टेल एंडर्स के खिलाफ जो ये नहीं भांप पाते के गेंद किस ओर घूमेगी और चकमा खा जाते हैं। अश्विन गेंद को बीच से हाथ की दूसरी उंगली की मदद से फ्लिक करते हैं और गेंद राइट हैंड के बल्लेबाज़ के लिए लेग से ऑफ की ओर घूमती है । जिन बल्लेबाज़ों की तकनीक स्पिनर्स के खिलाफ कमज़ोर होती हैं वो इस गेंद की टर्न को भांपने में काफी मुश्किल होती है। अश्विन की इस कैरम गेंद के दो बेहद मशहूर किस्से हैं। एक जब 2014 टी 20 वर्ल्ड कप में उन्होंने हाशिम अमला को अराउंड द विकेट बोल्ड किया था । गेंद लेग स्टंप के बाहर टप्पा खाई और टर्न होकर ऑफ स्टंप पर लगी और अमला गच्चा खा गए । दूसरा किस्सा साल 2015 में कानपुर टेस्ट का है जब अश्विन ने ए बी डिविलियर्स को फंसाया था । अश्विन ने डिविलियर्स को काफी गेंद ऑफ स्पिन डाली और उन्हें ऑफ स्पिन खेलने का आदी कर दिया फिर अचानक से एक कैरम गेंद डालकर बल्लेबाज़ को चकमा दिया , जो विकेट के सामने पाए गए और एलबीडबल्यू करार दिए गए। 3. टॉप स्पिन 110753268-ravichandran-ashwin-of-india-celebrates-gettyimages-1476086722-800 इस गेंद का इस्तेमाल टर्न से ज्यादा बाउंस कराने के लिए किया जाता है और इसलिए इसे डालने का तरीक बिलकुल अलग है । ये गेंद हवा में सीधी रहती है और पिच पर लेदर की बजाए सीम के साथ टप्पा खाती है जिससे गेंद टर्न कम और बाउंस ज्यादा होती है। इसी तरह ओवर स्पिन गेंद को भी ज्यादा हवा दी जाती है जो बल्लेबाज़ के पैर के पास टप्पा खाती है । बल्लेबाज़ ज्यादातर इस ऑफ स्पिन सोचकर टर्न की अपेक्षा करता है और गेंद बल्ले का किनारा छू कर स्पिल या नजदीकी फील्डर्स के पास चली जाती है । क्योंकि इस गेंद में फ्लाइट के साथ ज्यादा बाउंस होती है इसलिए बल्लेबाज़ के बड़े शॉट खेलने की संभावना बढ़ जाती है और ज्यादा ऊंचाई होने के चलते बल्ले का उपरी किनारा लग जाता है। 4. स्लाइडर 517762898-david-warner-of-australia-looks-dejected-gettyimages-1476087173-800

नई गेंद के साथ स्लाइडर बॉल भारतीय गेंदबाज़ों की खासियत है । टी -20 में अकसर एम एस धोनी अश्विन के साथ शुरुआत करना चाहते हैं और क्योंकि नई गेंद ज्यादा टर्न नहीं होती इसलिए अश्विल स्लाइडर का इस्तेमाल करते हैं।
ये गेंद एक तेज़ गेंदबाज़ की आउट स्विंगर की तरह ही होती है , लेकिन पेस का फर्क होता है । दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के लिए गेंद की सीम पहली स्लिप की ओर रहती है और गेंद बल्लेबाज़ से दूर जाती है। हालांकि इस गेंद को बाकी ऑफ स्पिन गेंदों से जरा तेज़ डाला जाता है जिससे गेंद हवा में मुड़ती है।
कई बार जिस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों की बजाय स्पिनर्स को ज्यादा मदद मिलती है वहां अश्विन विपक्षी टीम को शुरुआत से ही दबाव में लाने के लिए नई गेंद ले लेते हैं।
जैसे कि नई गेंद की सीम काफी उभरी हुई होती है जो गेंदबाज़ को बॉल ग्रिप करने में काफी मदद करती है और उस समय स्लाइडर काफी परेशानी में डालने वाला विकल्प होता है।
5. लेग-स्पिन
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हालांकि अश्विन ऑफ स्पिनर हैं लेकिन उनके पास लेग स्पिन डालने की भी क्षमता है। बल्लेबाज़ को असमंजस में डालने के लिए वो कई बार अचानक लेग स्पिन का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि अश्विन ने अपने करियर में लेग स्पिन कम ही की है लेकिन उनके पास ये कला जरूर है।
लगातार ऑफ स्पिन डालने के बाद अश्विन लेग स्पिन डालते हैं और दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के लिए गेंद को टर्न कराने के लिए अपनी कलाई का प्रयोग करते हैं।
ज्यादातर इस गेंद का इस्तेमाल अश्विन दिन का खेल खत्म होने के करीब ही करते हैं जब बल्लेबाज़ डिफेंड करने की फिराक में होता है ।
अचानक से आई लेग स्पिन से बल्लेबाज़ का दिल ललचा जाता है और वो बड़ा शॉट्स खेल सकता है। हर बढ़ते दिन के साथ अश्विन के खेल में सुधार आता जा रहा है और हो सकता है कि आने वाले दिनों में अश्विन लेग स्पिन का काफी इस्तेमाल करें।
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