5 बातें जो धोनी की नम्बर वन टीम से कोहली की टीम को अलग करती है

CRICKET-AUS-IND
#2 धोनी के पास स्थापित टीम थी
(L/R) Indian cricketers Rahul Dravid, Sa

किस्मत से धोनी के पास जबरदस्त टीम थी और जब उन्होंने कप्तानी का डेब्यू किया तो टीम में विख्यात बल्लेबाज़ी शामिल थी जिसमें सहवाग , विजय , द्रविड़ , लक्षमण और गांगुली जैसे खिलाड़ी शामिल थे, निश्चित ही ज्यादातर कप्तानों के लिए ये सपना सच होने से भी बड़ी उपलब्धी होगी । धोनी किस्मत वाले थे कि उन्हें पहली बार भारतीय टीम की कप्तानी का जिम्मा टीम में इतने बलशाली बल्लेबाज़ों के रहते मिला। गेंदबाज़ी में भी टीम उज्जवल थी क्योंकि टीम में जहीर खान और हरभजन जैसे अनुभवी गेंदबाज़ शामिल थे और उनको सपोर्ट करने के लिए अमित मिश्रा और ईशांत शर्मा भी थे। इस तरह के अनुभवी खिलाड़ी से भरी टीम की कमान मिलने से जाहिर तौर पर कप्तानी करना और प्लान को अमलीजामा पहनाना और नंबर वन की सीढ़ी चढ़ने का रास्ता तैयार करना भी आसान हो जाता है और वो भी तब जब आपको सुधाव देने के लिए टीम में कई दिग्गज शामिल हों तो नए और युवा कप्तान के लिए रास्ता काफी आसान हो जाता है। इसके बिलकुल उलट विराट ने कप्तानी की शुरुआत की और उनके कप्तानी के डेब्यू पर नजर डालें तो विराट जब धोनी की उनुपस्थिति में पहली बार फुल टाइम कप्तान बने तो टीम में रहाणे, रोहित शर्मा, वरुण एरॉन, शमी, साहा, लोकेश राहुल, उमेश यादव और कर्ण शर्मा जैसे युवा खिलाड़ी थे जिन्हें टेस्ट क्रिकेट का बेहद कम अनुभव था। अपने कप्तानी करियर का आगाज़ करना वो भी तब जब टीम के ज्यादातर खिलाड़ियों के पास 10 से 15 टेस्ट का ही अनुभव हो काफी मुश्किल है बजाय की जब टीम के ज्यादातर खिलाड़ियों को 50 से ज्यादा टेस्ट का अनुभव हो।