7 फ़रवरी 2018 को भारत और दक्षिण अफ़्रीका के बीच केपटाउन के न्यूलैंड्स मैदान में सीरीज़ का तीसरा वनडे जारी था। इस मैच में पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी विश्व के ऐसे चौथे विकेटकीपर बन गए जिन्होंने 50 ओवर के फ़ॉर्मेट में 400 से ज़्यादा शिकार किए हैं। फ़िलहाल सिर्फ़ श्रीलंका के कुमार संगकारा, ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट और साउथ अफ़्रीका के मार्क बाउचर ही धोनी से आगे हैं। क्रिकेट के खेल में विकेट कीपिंग सबसे मुश्किल ज़िम्मेदारियों में से एक है। एक विकेट कीपर के पास सजगता, चतुराई, रफ़्तार और ताक़त होनी चाहिए जिस्से बल्लेबाज़ को आउट किया जा सके, भले ही वो विकेट कैच लपकते हुए हासिल हो या फ़िर स्टंपिंग के ज़रिए। इसके अलावा एक विकेट कीपर विपक्षी बल्लेबाज़ को रन आउट करने में भी अहम भूमिका निभाता है। वो स्टंप के पीछे रन को रोकने में भी मदद करता है। हम यहां उन 5 विकेटकीपर के बार में बता रहें जिन्होंने वनडे क्रिकेट में सबसे ज़्यादा संख्या में विपक्षी टीम के बल्लेबाज़ों का शिकार किया है।
#1 कुमार संगाकारा
श्रीलंका के महानतम क्रिकेटर कुमार संगकारा वनडे में सबसे ज़्यादा शिकार करने के मामले में टॉप पर हैं। उनकी बराबरी करना बेहद मुश्किल है, संगकारा ने साल 2000 में अपने वनडे करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने संन्यास लेने तक श्रीलंका के लिए 404 मैच खेले थे, जिसमें 353 पारियों में उन्हें विकेट कीपिंग का मौक़ा मिला था। इस दौरान संगकारा ने 482 शिकार किए थे, जिसमें 383 कैच और 99 स्टंपिंग शामिल थे। प्रति इंनिंग में उनके शिकार करने का औसत 1.365 था। इस महान विकेट कीपर बल्लेबाज़ ने साल 2015 के आईसीसी वर्ल्ड कप के बाद क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।
#2 एडम गिलक्रिस्ट
ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट की महानता किसी से भी छिपी नहीं है। इस क्रिकेटर ने साल 1996 में अपने वनडे करियर की शुरुआत की थी। गिली शिकार करने के मामले में दूसरे नंबर पर हैं उन्होंने कैच और स्टंपिंग के ज़रिए कुल 472 बल्लेबाज़ों को आउट किया है। ऑस्ट्रेलिया के इस विकेट कीपर में 287 वनडे मैच खेले हैं जिसमें उन्हें 281 पारियों में विकेट कीपिंग का मौक़ा मिला है। इस दौरान उन्होंने 417 कैच और 55 स्टंपिंग के ज़रिए शिकार किए हैं। प्रति इंनिंग उनके शिकार करने का औसत 1.679 है। गिली तुरंत फ़ैसला लेने के लिए जाने जाते थे। उन्होंने साल 2008 में वनडे करियर से संन्यास ले लिया था। वनडे के अलावा वो टेस्ट में भी कमाल दिखाते थे। क्रिकेट के सबसे लंबे फ़ॉर्मेट में उन्होंने 416 शिकार किए हैं जिसमें 379 कैच और 37 स्टंपिंग शामिल है। गिली ने 96 टेस्ट मैच और 191 पारियों में विकेट कीपिंग की है।
#3 मार्क बाउचर
मार्क बाउचर प्रोटियाज़ टीम के अब तक के सबसे बेहतरीन विकेट कीपर साबित हुए हैं। उन्होंने साल 1998 में वनडे में डेब्यू किया था। उन्होंने अपने वनडे करियर में 295 मैच खेले हैं जिनमें उन्हें 290 पारियों में विकेट कीपिंग का मौक़ा मिला था। इस दौरान उन्होंने 424 शिकार किए हैं जिनमें 402 कैच और 22 स्टंपिंग शामिल थे। प्रति इनिंग उनके शिकार करने का औसत 1.462 था। साल 2011 में उन्होंने वनडे क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। टेस्ट क्रिकेट में बाउचर का रिकॉर्ड शानदार है। टेस्ट में उनके नाम सबसे ज़्यादा शिकार करने का रिकॉर्ड है। उन्होंने क्रिकेट के सबसे लंबे फ़ॉर्मेट में 555 शिकार किए हैं जिनमें 523 कैच और 23 स्टंपिंग शामिल है। बाउचर ने 147 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें उन्होंने 281 पारियों में विकेट कीपिंग की है।
#4 महेंद्र सिंह धोनी
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भारत के पहले और विश्व के चौथे ऐसे विकेटकीपर हैं जिन्होंने वनडे क्रिकेट के इतिहास में 400 से ज़्यादा शिकार किए हैं। धोनी ने साल 2004 में वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया था और वो आज तक इस ज़िम्मेदारी को निभा रहे हैं। उन्होने अब तक 315 मैच खेले हैं जिनमें से 310 मैच में उन्हें विकेट कीपिंग का मौक़ा मिला है। मौजूदा वनडे सीरीज़ के तीसरे मैच में केपटाउन शहर के न्यूलैंड्स मैदान में भारत और साउथ अफ़्रीका के मैच में धोनी ने शानदार रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने इस मैच में अपने करियर का 400वां शिकार किया जब प्रोटियाज़ टीम के कप्तान एडेन मार्करम को उन्होंने स्टंपिंग के ज़रिए आउट किया था। प्रति इंनिंग उनके शिकार करने का औसत 1.293 है। धोनी ने 90 टेस्ट मैच की 166 पारियों में विकेट कीपिंग की है। इसमें उन्होंने 294 शिकार किए हैं, जिनमें 256 कैच और 38 स्टंपिंग शामिल है।
#5 मोईन ख़ान
पाकिस्तान के पूर्व विकेट कीपर मोईन ख़ान ने साल 1990 में अपने वनडे करियर का आग़ाज़ किया था। उन्होंने 219 वनडे मैच की 209 पारियों में विकेट कीपिंग की थी। इस दौरान उन्होंने 287 शिकार किए थे, जिनमें 214 कैच और 73 स्टंपिंग शामिल थे। प्रति इनिंग उनके शिकार करने का औसत 1.373 था। साल 2004 में मोईन ख़ान ने वनडे क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। उन्होंने 69 टेस्ट मैच खेले थे जिनमें उन्होंने अपने नाम 128 कैच और 20 स्टंपिंग किए थे। मोईन ने अपने विकेटकीपिंग करियर में कई विश्व स्तर के गेंदबाज़ों की गेंद पर शिकार किए हैं जिनमें वसीम अकरम, वक़ार युनिस, शोएब अख़्तर जैसे तेज़ गेंदबाज़ और सक़लैन मुश्ताक और मुश्ताक अहमद जैसे स्पिनर का नाम शामिल है। लेखक – पवन सुरेश अनुवादक – शारिक़ुल होदा