इंग्लैंड के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट में हार के बाद टीम इंडिया बैकफ़ुट पर आ चुकी है। भारत की कोशिश होगी कि आने वाले मैचेज़ में वो अच्छा प्रदर्शन करे ताकि सीरीज़ में कुछ कामयाबी हासिल हो सके। दूसरा टेस्ट मैच भारत के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। टीम सेलेक्शन को लेकर काफ़ी आलोचनाएं भी हो रही हैं। 2 स्पिनर्स, 2 दो सीम गेंदबाज़ और 1 ऑलराउंडर को ऐसे हालात में टीम में मौका देना सवालों के घेरे में है। इंग्लैंड के एंडरसन, वोक्स और ब्रॉड जैसे गेंदबाज़ों के आगे टीम इंडिया की एक न चली। भारत अब इन तीन गेंदबाज़ों का जवाब तलाश कर रहा है। जो खिलाड़ी इस वक़्त काफ़ी सवालों के घेरे में है वो हैं दिनेश कार्तिक, चूंकि ऋद्धिमान साहा फ़िलहाल चोटिल हैं ऐसे में विकेटकीपिंग की ज़िम्मेदारी कार्तिक को सौंपी गई थी। आईपीएल में शानदार प्रदर्शन को देखते हुए कार्तिक को दोबारा टीम इंडिया में मौका दिया गया था, लेकिन बल्लेबाज़ी के मामले में वो कमाल नहीं दिखा पाए। इसके अलावा स्टंप के पीछे भी वो इतने प्रभावशाली नहीं दिखे। इंग्लिश हालात में वो ख़ुद को ढालने में नाकाम साबित हुए हैं। धोनी के जाने के बाद टेस्ट में भारत एक स्थापित विकेटकीपर नहीं खोज पाया है। हालाँकि भारत के पास नए विकेटकीपर्स की कमी नहीं है। कई नए युवा विकेटकीपर्स टीम इंडिया में शामिल होने के लिए बेक़रार हैं। धोनी के टेस्ट से संन्यास लेने के बाद ऋद्धिमान साहा को मौका दिया गया था। साहा एक अच्छे विकेटकीपर हैं, लेकिन बल्लेबाज़ी में वो इतने कारगर साबित नहीं हो पाए है। साहा इस वक़्त दाहिने कंधे की सर्ज़री करा रहे हैं। भारत को अब नए विकल्प को आज़माना होगा। हम यहां ऐसे 5 विकेटकीपर-बल्लेबाज़ के बारे में चर्चा कर रहे हैं जो स्टंप के पीछे कार्तिक की जगह ले सकते हैं। #5 पार्थिव पटेल पार्थिव पटेल इस वक़्त गुजरात टीम के कप्तान हैं, उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अच्छा ख़ासा अनुभव है। उन्होंने टीम इंडिया के लिए 25 टेस्ट और 38 वनडे मैच खेले हैं। उन्होंने घरेलू सर्किट औऱ आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन किया है। बतौर बल्लेबाज़ वो बेहतर हुए हैं और एक विकेटकीपर के तौर पर वो पहले से ज़्यादा प्रभावशाली हो चुके हैं। वो टीम में ओपनिंग भी कर सकते हैं। ऐसे में उन्हें टीम इंडिया में एक और मौका दिया जा सकता है। #4 ऋषभ पंत ऋषभ पंत इस वक़्त भारतीय क्रिकेट फ़ैंस के पसंदीदा विकेटकीपर बन चुके हैं। अगले टेस्ट मैच में वो विकेटकीपिंग के सबसे बड़े दावेदार साबित हो सकते हैं। वो टीम में शामिल हैं और भारत के लिए टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेल चुके हैं। हांलाकि विदेशी हालात में सीम अटैक के बीच टेस्ट मैच खेलना इतना आसान नहीं है। पंत को एक विस्फोटक बल्लेबाज़ के तौर पर जाना जाता है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट संयम और समझदारी का खेल है। हांलाकि टेस्ट अनुभव न होने के बावजूद पंत को एक बार मौक़ा ज़रूर दिया जाना चाहिए, ताकि वो ख़ुद को साबित कर सकें। #3 संजू सैमसन काफ़ी लंबे समय से संजू सैमसन को टीम इंडिया का अलगा सितारा माना जा रहा है। वो लगातार घरेलू सर्किट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा आईपीएल में भी उनका जलवा कायम है। वो विश्व के बेहतरीन गेंदबाज़ के ख़िलाफ़ भी अच्छी बैटिंग कर सकते हैं। स्टंप के पीछे भी वो काफ़ी कारगर हैं। वो भारत की तरफ़ से टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेल चुके हैं। अब वक़्त आ गया है कि संजू को बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी जाए। लाल गेंद की क्रिकेट उनका इंतज़ार कर रही है। #2 नमन ओझा नमन ओझा अब 35 साल के हो चुके हैं, उन्हें क्रिकेट खेलने का काफ़ी अनुभव है, वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीनों फ़ॉर्मेट में खेल चुके हैं। 3 साल पहले उन्होंने अपने करियर का एकमात्र टेस्ट मैच खेला था। ओझा को अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का ज़्यादा मौका नहीं मिला, लेकिन वो घरेलू सर्किट में कमाल दिखाते रहे। हर आईपीएल सीज़न में वो अच्छा खेल दिखाते रहे। हांलाकि उनकी उम्र ज़्यादा हो चुकी है, फिर भी टीम इंडिया के लिए वो फ़ायदेमंद साबित हो सकते हैं। #1 केएल राहुल इस बात में कोई शक नहीं कि भारतीय क्रिकेट फ़ैंस और टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली चाहते हैं कि केएल राहुल टीम इंडिया में लंबे वक़्त तक बरक़रार रहे। क्रिकेट एक्सपर्ट्स का कहना है कि राहुल तीनों फ़ॉर्मेट में अच्छा खेल दिखा सकते हैं। लेकिन इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टी-20 अंतरराष्ट्रीय में शानदार शतक के बाद वो बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे हैं। हांलाकि टीम इंडिया के बाक़ी बल्लेबाज़ों का भी यही हाल है। केएल राहुल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर कभी भी विकेटकीपिंग नहीं की है, लेकिन घरेलू मैच और आईपीएल में वो दस्ताने के साथ देखे गए हैं। राहुल को बल्लेबाज़ी के अलावा विकेटकीपिंग की अतिरिक्त ज़िम्मेदारी सौंपी जा सकती है। लेखक- भाव पटेल अनुवादक- शारिक़ुल होदा