तकरीबन 140 साल पहले पहले टेस्ट मैच खेला गया था। तब से आजतक हम टेस्ट क्रिकेट बेहतरीन यात्रा देखते आ रहे हैं। चौथी पारी में लक्ष्य का पीछा करना काफी कठिन काम माना जाता है। साल 2003 में वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया के 418 रन के दिए लक्ष्य को हासिल किया था। जो आजतक रिकॉर्ड बना हुआ है। हाल ही में न्यूज़ीलैंड और पाकिस्तान के बीच हुई टेस्ट सीरिज में पाक टीम 369 रन का पीछा कर रही थी। एक समय पाकिस्तानी टीम ने 131 रन बिना विकेट के बना लिए थे। लेकिन अंत में उनकी पूरी टीम 230 रन पर आलआउट हो गयी। मतलब पाक के 10 विकेट 99 रन पर गिरे। आइये एक नजर डालते हैं, 5 सबसे खराब रन चेज पर: इंग्लैंड (बनाम ऑस्ट्रेलिया, मेनचेस्टर-1902)-44/0 से 120/10 1877 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर पहला टेस्ट मैच खेला गया था। चार्ल्स बैनरमैन ने टेस्ट क्रिकेट के इतिहास की पहली गेंद का सामना किया और पहली पारी में पहला शतक भी उन्होंने ही बनाया था। उसके 2 दशक बाद विक्टर ट्रम्पर ने 1902 में एशेज में सलामी बल्लेबाज़ी की थी। पहला मैच जीतने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम सीरिज जीतने की ओर बढ़ रही थी। ट्रम्पर ने शतक बनाकर मेहमान टीम को 299 के स्कोर तक पहुँचाया था। जवाब में इंग्लैंड ने भी 262 रन बनाये थे। दूसरी पारी में कंगारू टीम मात्र 86 रन पर सिमट गयी। जिसके चलते इंग्लैंड को जीत के लिए मात्र 124 का लक्ष्य हासिल करना था। अंग्रेज ओपनरों ने 44 रन बिना विकेट गवांये बनाकर इस लक्ष्य की सहजता से कदम बढ़ा दिए थे। लेकिन हग ट्रम्बल ने 6 विकेट लेकर इंग्लैंड को बैकफुट पर ला दिया। अंततः इंलिश टीम मात्र 120 रन पर आलआउट हो गयी और ऑस्ट्रेलिया ने इस मुकाबले को जीत लिया। न्यूज़ीलैंड(बनाम पाकिस्तान, हैमिल्टन-1993)-19/0 से 93/10 1993 में पाकिस्तान ने न्यूज़ीलैंड का दौरा किया था। जहां हैमिल्टन में हुए एक मात्र टेस्ट में जावेद मियांदाद(92) की अगुवाई में पाक ने पहली पारी में 216 रन बनाये थे। मार्क ग्रेटबैच के शतक की मदद से कीवी टीम को 48 रन की बढ़त हासिल हुई। उसके बाद डैनी मोरिसन ने यादगार गेंदबाज़ी करते हुए पाक टीम के 5 विकेट लिये। जिसके चलते कीवी टीम के सामने 127 रन की चुनौती थी। लेकिन वसीम अकरम और वकार युनिस के दिमाग कुछ और ही चल रहा था। दोनों गेंदबाजों ने 5-5 विकेट लेकर न्यूज़ीलैंड को 93 रन पर आलआउट कर दिया। जिसमें 22 रन अतिरिक्त के थे। पाकिस्तान(बनाम दक्षिण अफ्रीका, फैसलाबाद-1993)-23/0 से 92/10 फैसलाबाद में हुए इस टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया था। गैरी कर्स्टन के शतक की मदद से प्रोटेस ने 239 रन बनाये। अकरम ने इस मैच में 4 विकेट लिए थे। जवाब पाक ने इंजमाम के 96 रन की मदद से 308 रन बनाये। दूसरी पारी में हैन्सी क्रोनिये को छोड़कर बाकी बल्लेबाज़ पाक स्पिन डुओ सक्लेन मुश्ताक और मुश्ताक अहमद को सही से खेल नहीं पाए। पाक के सामने मात्र 146 रन का लक्ष्य था। लेकिन शान पोलक और पैट सिमकॉक्स ने कुछ और ही सोंच रखा था। 23 पर पहला विकेट गवाने वाली पाक टीम 92 रन पर सिमट गयी थी। इस तरह प्रोटेस ने ऐतिहासिक सीरिज जीती। न्यूज़ीलैंड(बनाम दक्षिण अफ्रीका, जोहान्सबर्ग-1953)-35/0 से 100/10 सन 1953 में जब न्यू वांडर्स स्टेडियम बनकर तैयार नहीं हुआ था, तो दक्षिण अफ़्रीकी टीम अपने होम मुकाबले एलिस पार्क, जो एक रग्बी मैदान था। वहां होस्ट किया करता था। इस मैदान पर फीफा वर्ल्डकप भी हो चुका है। प्रोटेस इस मैच को हमेशा याद रखना चाहेंगे। मेजबान टीम ने टॉस जीतकर 271 रन बनाये थे। जवाब में कीवी टीम 187 रन पर आलआउट हो गयी। लेकिन प्रोटेस टीम की दूसरी पारी 148 रन पर सिमट गयी। जिसमें जॉन रीड और मैकगिबन ने शानदार गेंदबाज़ी की थी। इस तरह कीवी टीम को 233 रन का लक्ष्य मिला था। 35 तक मेहमान टीम का एक भी विकेट नहीं गिरा था। लेकिन उसके बाद कीवी टीम तिहरे अंक तक भी नहीं पहुँच पायी। इंग्लैंड(बनाम वेस्टइंडीज, पोर्ट ऑफ़ स्पेन-1994)-0/0 से 46/10 70 और 80 के दशक में वेस्टइंडीज दुनिया की सबसे दबंग टीम मानी जाती थी। लेकिन उसके बाद कैरेबियाई टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट देखने को मिली है। उस वक्त उनके पास कर्टली एम्ब्रोस और कोर्टनी वाल्श जैसे गेंदबाज़ हुआ करते थे। सन 1994 में इंग्लैंड विंडीज के दौरे पर आई हुई थी। पोर्ट ऑफ़ स्पेन में रिची रिचर्डसन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का निर्णय लिया। मेजबान टीम 252 पर आलआउट हो गयी। जवाब में इंग्लैंड ने 328 रन बनाये। ग्राहम थोर्प ने 86 रन की बेहतरीन पारी खेली थी। उसके बाद विंडीज की दूसरी पारी में शिवनारायण चंद्रपाल के अर्धशतक की मदद से 269 पर जाकर सिमटी। इस तरह इंग्लैंड को मैच जीतने के लिए 194 के लक्ष्य को हासिल करना था। लेकिन कर्टली एम्ब्रोस ने 6 और वाल्श ने 3 विकेट लेकर इंग्लैंड को 46 रन की हार की तरफ धकेल दिया।