एकदिवसीय क्रिकेट में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में कभी न भूलने वाली 5 हार

# 2 वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ (2006)

भारत के लिये साल 2006 कीअच्छी शुरुआत रही थी और पाकिस्तान के खिलाफ श्रृंखला (4-1) और इंग्लैंड (5-1) से जीतकर शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने कैरेबियाई दौरे का पहला वनडे मैच भी जीत लिया। टॉस जीतकर भारत जो कि कुछ समय से लक्ष्य का अच्छे से पीछा कर रहा था, उसने पहले गेंदबाज़ी का फैसला किया। गेंदबाजों ने अच्छी शुरआत दी क्योंकि उन्होंने विंडीज के बल्लेबाजों को खुलकर रन नही बनाने दिए और मेजबान अपने 50 ओवरों में केवल 198/9 ही बना पाए थे। वह भी रामनरेश सरवान के नाबाद 98 रन बनाने के बाद। इरफान पठान ने 3/45, अजित आगरकर और रमेश पोवार ने दो-दो विकेट लिए। जवाब में भारत शुरू से ही लड़खड़ा गया और 60/4 तक पहुंगच गया। यह स्कोर जल्द ही 134/7 में बदल गया और खेल बराबरी का हो गया। लेकिन युवराज सिंह ने जुझारू बल्लेबाजी की और भारत को करीब लाने के लिए शानदार पारी खेली। यहां तक ​​कि विकेटों के गिरने के बाद भी, उन्होंने समीकरण को अंतिम ओवर में 11 रनों (हाथ में एक विकेट के साथ) तक पहुंचा दिया था। मुनाफ पटेल ने अंतिम ओवर की पहली गेंद पर (जो ब्रावो द्वारा फेकी गयी थी ) एक रन ले लिया। युवराज ने तब दो चौके लगाए और अचानक भारत जीत को ओर जाता दिख रहा था। लेकिन ब्रावो ने 50 वें ओवर की चौथी गेंद पर एक धीमी यॉर्कर फेंकी और युवराज सिंह को आउट कर वेस्टइंडीज को जीत दिला दी। इस दिल टूटने वाली हार के बाद, भारत कभी भी वापसी नहीं कर पाया और वे 4-1 से सीरीज हार गए।

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