साल 2018 की आईपीएल रिटेंशन पॉलिसी के तहत कोई भी टीम अपने 5 खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती थी। यहां मैच से पहले, सीधे रिटेन करने का रास्ता था और नीलामी के वक़्त, राइट टू मैच का भी इस्तेमाल किया गया था। खिलाड़ियों को टीम में बरक़रार रखने के लिए टीम के मालिकों ने काफ़ी ख़र्च किए हैं, लेकिन ऐसा हर फ़ैसला सही नहीं रहा है। कोलकाता नाइट राइडर्स टीम में गौतम गंभीर को रिटेन न किए जाने के फ़ैसले को लेकर काफ़ी सवाल उठाए गए थे, लेकिन केकेआर टीम के मालिकों का ये निर्णय सही साबित हुआ। गंभीर फ़िलहाल अच्छे फ़ॉर्म में नहीं चल रहे हैं। वो दिल्ली टीम के कप्तान बनाए गए थे, लेकिन टीम को एक के बाद एक मिली हार से निराश होकर गंभीर को कप्तानी से इस्तीफ़ा तक देना पड़ गया। इससे ये साबित होता है कि टीम में किसी खिलाड़ी को रिटेन करने की अहमियत क्या है। हम यहां ऐसे 5 खिलाड़ियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं जिन्हें रिटेन करने का फ़ैसला टीम के नुकसानदेह रहा।
#5 सरफ़राज़ ख़ान
सरफ़राज़ ख़ान पहली बार तब चर्चा में आए थे जब वो साल 2014 की आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के लिए चुने गए थे। वो साल 2016 के भी अंडर-19 विश्व में शामिल हुए थे और उन्होंने उस टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा अर्धशतक बनाया था। साल 2015 की आईपीएल नीलामी में उन्हें आरसीबी टीम ने ख़रीदा था, अपनी पहली आईपीएल टीम में सीनियर खिलाड़ियों का साथ मिला और उनके खेल में सुधार आया। साल 2018 में वो उन 3 खिलाड़ियों में शामिल थे जिन्हें आरसीबी टीम ने रिटेन किया गया था, लेकिन वो इस साल कुछ ख़ास नहीं कर पाए। उन्होंने इस सीज़न में खेले गए 3 मैच में महज़ 11 रन बनाए हैं। वो आज प्लेइंग XI में अपने जगह बनाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
#4 मोहित शर्मा
किंग्स XI पंजाब टीम ने इस साल नीलामी से पहले सिर्फ़ एक खिलाड़ी को रिटेन किया था। पंजाब टीम ने अन्य खिलाड़ियों को रिटेन करने के लिए राइट टू मैच कार्ड का इस्तेमाल किया। आरटीएम कार्ड का प्रयोग करते वक़्त मोहित शर्मा को संदीप शर्मा के ऊपर तरजीह दी गई जो एक चौंकाने वाली बात थी। टीम मैनेजमेंट का ये फ़ैसला ग़लत साबित हुआ। जहां संदीप सनराइज़र्स हैदराबाद के लिए शानदार खेल दिखा रहे हैं, वही मोहित शर्मा ने 5 मैच में महज़ 5 विकेट हासिल किए हैं। पंजाब टीम के कप्तान ने मोहित को हटाकर अंकित राजपूत को प्लेइंग XI में जगह दी है।
#3 रविंद्र जडेजा
रविंद्र जडेजा को जब रविचंद्रन अश्विन की जगह जब रिटेन किया गया था तब चेन्नई सुपर किंग्स के फ़ैंस मायूस हो गए थे, क्योंकि उस वक़्त रविंद्र जडेजा सीमित ओवर के खेल में अच्छे फ़ॉम में नहीं चल रहे थे। हांलाकि वो टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन टी-20 के लिए उन्हें भरोसेमंद नहीं माना जा रहा था। उनको रिटेन करने के लिए चेन्नई टीम के मालिकों ने 7 करोड़ रुपये चुकाए हैं। जडेजा इस साल अब तक सिर्फ़ एक ही मैच में अच्छा खेल दिखाया है
#2 काइरोन पोलार्ड
वेस्टइंडीज़ के ऑलराउंडर काइरोन पोलार्ड को मुंबई इंडियंस टीम ने इस साल राइट टू मैच कार्ड के ज़रिए रिटेन किया है। टीम मैनेजमेंट का ये फ़ैसला घातक साबित हुआ। पोलार्ड का जलवा वक़्त के साथ कम होता जा रहा है वो विश्व की कई टी-20 लीग में अपने फ़ॉम को लेकर जद्दोजहद करते हुए देखे जा सकते हैं। पोलार्ड का इस आईपीएल सीज़न में खेल काफ़ी बुरा रह है उनका स्ट्राइक रेट काफ़ी कम है जिसकी वजह से रोहित शर्मा की टीम को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लगातर ख़राब प्रदर्शन के बाद पोलार्ड को प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया है। मुंबई इंडियंस फ़िलहाल मुश्किल हालात में है और इस टीम को हर मैच जीतना बेहद ज़रूरी है ताकि प्लेऑफ़ की उम्मीदें बरक़रार रहें।
#1 पवन नेगी
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने पवन नेगी को राइट टू मैच कार्ड के ज़रिए रिटेन किया था, ये काफ़ी हैरान करने वाला फ़ैसला था क्योंकि बैंगलौर टीम के किसी भी फ़ैस को ऐसी उम्मीद नहीं थी। ज़्यादातर जानकारों ने ये अंदाज़ा लगाया था कि वो इस साल की आईपीएल नीलामी में नहीं बिकेंगे। पवन नेगी पिछले कई सालों में अलग-अलग टीम का हिस्सा थे और साल 2015 में उन्होंने चेन्नई सुपरकिंग्स टीम की तरफ़ से शानदार खेल दिखाया था। यही वजह है कि साल 2016 की आईपीएल नीलामी में टीम के मालिकों ने उन पर जमकर बोली लगाई थी। दिल्ली डेयरडेविल्स टीम ने उन्हें 8.5 करोड़ की क़ीमत में ख़रीदा था, लेकिन नेगी ने निराश किया। उनका प्रदर्शन इस सीज़न में भी कुछ ख़ास नहीं रहा और सिर्फ़ 2 मैच खेलने के बाद उन्हें प्लेइंग XI से बाहर का रास्ता दिखा दिया। लेखक- नवीण के अनुवादक- शारिक़ुल होदा