5 क्रिकेटर्स जिनका करियर लगभग खत्म हो चुका था, फिर भी उन्होंने भारतीय टीम में की वापसी

ashish-nehra-1450559156-800

प्रोफेशनल स्पोर्ट कई बार क्रूर भी हो सकता है, वह आपको शायद ही कभी दूसरा मौका दे। एक क्रिकेटर को कई मौके मिलते हैं अपने आप को साबित करने के लिए, लेकिन फिर भी लगातार खराब प्रदर्शन हो तो उन्हें बाहर किया जाता है। वहीँ कुछ दुर्भाग्यशाली क्रिकेटर्स ऐसे भी होते हैं, जिन्हें ज्यादा मौका नहीं मिलाता और चयनकर्ता उन्हें बाहर कर देते हैं। ऐसे मुश्किल समय में वापस राष्ट्रीय टीम में चुने जाने के लिए खिलाडी में दृढ़ संकल्प, धैर्य और कड़ी मेहनत की ज़रूरत होती है। हालांकि ऐसी वापसी कुछ खिलाडियों के लिए थोड़े समय के लिए रही है, तो वहीँ कुछ खिलाडियों की ज़िन्दगी का ये दूसरी पारी साबित हुई। ऐसे ही 5 क्रिकेटर्स के बारे में बात करते हैं जिनका करियर लगभग खत्म हो चुका था, फिर भी उन्होंने भारतीय टीम में वापसी की: #1 आशीष नेहरा अगर आपको लगता है कि टी20 युवाओं का खेल है, तो दोबारा सोचिये। 36 वर्षीय नेहरा क्रिकेट पंडितों की इस सोच को गलत साबित कर रहे हैं। इसके सबूत ये है कि उन्हें भारतीय टी20 टीम में जगह मिली है। ये नेहरा की क्रिकेट के प्रति लगन और मेहनत का नतीजा है। इस साल नेहरा ने आईपीएल में RCB के खिलाफ 4-0-10-4 की शानदार गेंदबाज़ी की। पुरे टूर्नामेंट में वें शानदार फॉर्म में रहे। मलिंगा और चहल के बाद वें तीसरे सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उन्होंने आईपीएल 8 में कुल 22 विकेट लिये। उस दिन RCB के खिलाफ चार विकेट लेने के बाद नेहरा ने कहा,"मैंने हमेशा आईपीएल में अच्छी गेंदबाज़ी की है, लेकिन कभी ज्यादा विकेट नहीं मिले। शायद इसलिए किसी ने मुझपर ध्यान नहीं दिया। इस बार मैं विकेट ले रहा हूँ तो सब ध्यान दे रहे हैं।" नेहरा आईपीएल 8 में विकेट लेने के साथ साथ गेंद भी स्विंग करा रहे थे। अब उनकी मेहनत रंग लाई है। #2 युवराज सिंह yuvraj-singh-1450559329-800 युवराज जब बल्लेबाज़ी के ख़राब दौर से गुजर रहे थे, तब भी ये उम्मीद थी कि युवराज की वापसी होगी भारतीय टीम में। युवराज एक कमाल के बल्लेबाज़ हैं इसलिए भारतीय दर्शक उन्हें बहुत चाहते हैं। खराब प्रदर्शन के बावजूद आईपीएल में ज्यादा पैसे मिल रहे थे। विजय हज़ारे ट्राफी में उन्हें वापस फॉर्म में देखा गया। युवराज ने राजस्थान के खिलाफ नाबाद 78 और क्वार्टर फाइनल में मुम्बई के खिलाफ 98 रनों की पारी खेली। युवराज की पारी की बदौलत, पंजाब ने मुम्बई के खिलाफ 300 से अधिक रनों के लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया। घरेलु प्रदर्शन के आधार पर उन्हें भारतीय टी20 टीम में जगह मिली है। टी20 टीम में सिलेक्शन की ख़बर आने के कुछ समय पहले, स्पोर्टसकीड़ा से बात करते हुए युवराज ने कहा,"मेरा लक्ष्य हमेशा खेलते रहना है। मैं अपने बल्ले से जवाब देना पसंद करता हूँ। मैं चुना जाता हूँ या नहीं ये चयनकर्ताओं पर निर्भर है। लेकिन अगर सिलेक्शन होता है, तो बेहद ख़ुशी होगी। मुझ में अभी भी क्रिकेट का जूनून है।" #3 हरभजन सिंह harbhajan-singh-1450559443-800 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता टेस्ट के बाद हरभजन सिंह एक हीरो बन गए थे। लेकिन 2007 के बाद हरभजन के प्रदर्शन में गिरावट आई। भज्जी के लिए स्थिति और खराब होते गयी और उन्हें 2011 की वनडे टीम से बाहर कर दिया गया। आईपीएल 2012 में भज्जी प्रभावित करने में असफल रहे। इसके बाद 2013 में उन्हें टेस्ट टीम में भी जगह नहीं मिली। वहीँ भारतीय टीम में अश्विन के बढ़ते कद और शानदार प्रदर्शन के कारण पिछले कुछ सालों में आश्विन ही पसंदीदा विकल्प रहे हैं। आईपीएल 2014 और 2015 में शानदार प्रदर्शन के बाद हरभजन को बांग्लादेश के खिलाफ 2015 में एकमात्र टेस्ट मैच के लिये बुलावा आया। जिम्बाब्वे में गयी भारत की कमज़ोर टीम में हरभजन सिंह को वनडे और टी20 की टीम में जगह दी गयी। हालांकि वापसी के बाद से हरभजन ने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया। उन्हें अपनी प्रदर्शन सुधारने की ज़रूरत है। #4 सौरव गांगुली dada-doubleton-1450559551-800 भारतीय टीम में वापसी की बात की जाय तो सबसे पहले नाम सौरव गांगुली का ध्यान में आता है। वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पहले एकदिवसीय मैच में गांगुली ने सिर्फ तीन रन बनाये थे, इसके तुरंत बाद उन्हें ड्राप कर दिया गया था। 1996 में उन्हें एकदिवसीय टीम में शामिल किया गया। इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में नवजोत सिंह सिधु के नाटकीय रूप से बाहर होने के बाद गांगुली ने टेस्ट डेब्यू किया। उस मैच में गांगुली ने शानदार शतक बनाया और ऐसा करने वाले तीसरे बल्लेबाज़ बने। 2005 में ख़राब प्रदर्शन और ग्रेग चैपल के साथ हुए विवाद के कारण उन्हें कप्तानी के भार से मुक्त किया गया। उसके बाद उन्हें टीम से भी ड्राप कर दिया गया। गांगुली को विवादास्पद तरीके से बाहर करने की देश भर में कड़ी आलोचना हुई। लेकिन उन्होंने 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में वापसी की और इस दौरे में अच्छे रन्स बनाये। बाद में वेस्टइंडीज के खिलाफ एकदिवसीय मैच में भी वापसी की और पहले मैच में 98 रन बनाये। #5 मोहिंदर अमरनाथ mohinder2152015-1450559669-800 मोहिंदर अमरनाथ ने 1969 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना डेब्यू किया, लेकिन प्रभवित करने में असफल रहे। उन्हें सात साल के इंतज़ार के बाद 1976 में किविस के खिलाफ टेस्ट टीम में जगह मिली। अपने वापसी मैच में उन्होंने 64 रन बनाये। इसके बाद उन्होंने ऑल राउंड प्रदर्शन करते हुए क्राइस्टचर्च में 74 रनों की पारी खेली और 4 विकेट भी लिये। उस दौर में अमरनाथ वनडे और टेस्ट दोनों जगह सफल रहे। हालांकि उनकी शुरुआत गेंदबाज़ी करने वाले ऑल राउंडर के रूप में हुई, लेकिन बाद में वें टॉप आर्डर बल्लेबाज़ भी बने। 1983 विश्वकप जीत के अमरनाथ एल हीरो रहे हैं। उस कैम्पेन में उन्हें दो मैन ऑफ़ द मैच अवार्ड मिले। उन्होंने टूर्नामेंट में 29.62 की औसत से 237 रन बनाये और 8 विकेट भी लिये। उसके बाद कई बार वें टीम से अंदर बाहर होते रहे, लेकिन वें हमेशा वापसी करते थे। भारतीय क्रिकेट में अमरनाथ वापसी के सरताज हैं। लेखक: दीप्तेश सेन, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
WWE
WWE
NBA
NBA
NFL
NFL
MMA
MMA
Tennis
Tennis
NHL
NHL
Golf
Golf
MLB
MLB
Soccer
Soccer
F1
F1
WNBA
WNBA
More
More
bell-icon Manage notifications