2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता टेस्ट के बाद हरभजन सिंह एक हीरो बन गए थे। लेकिन 2007 के बाद हरभजन के प्रदर्शन में गिरावट आई। भज्जी के लिए स्थिति और खराब होते गयी और उन्हें 2011 की वनडे टीम से बाहर कर दिया गया। आईपीएल 2012 में भज्जी प्रभावित करने में असफल रहे। इसके बाद 2013 में उन्हें टेस्ट टीम में भी जगह नहीं मिली। वहीँ भारतीय टीम में अश्विन के बढ़ते कद और शानदार प्रदर्शन के कारण पिछले कुछ सालों में आश्विन ही पसंदीदा विकल्प रहे हैं। आईपीएल 2014 और 2015 में शानदार प्रदर्शन के बाद हरभजन को बांग्लादेश के खिलाफ 2015 में एकमात्र टेस्ट मैच के लिये बुलावा आया। जिम्बाब्वे में गयी भारत की कमज़ोर टीम में हरभजन सिंह को वनडे और टी20 की टीम में जगह दी गयी। हालांकि वापसी के बाद से हरभजन ने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया। उन्हें अपनी प्रदर्शन सुधारने की ज़रूरत है।