5 युवा बल्लेबाज़ जो भारतीय टीम में शिखर धवन की जगह सलामी बल्लेबाज़ बन सकते हैं

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ओपनर शिखर धवन पिछले दो साल से भारतीय टीम में जगह पक्की करने के लिए निरंतर संघर्ष कर रहे हैं। 2013 में कमाल का प्रदर्शन करने के बाद अब गेंदबाज़ो के सामने उनकी कमियां सामने आने लगी है। हाल ही में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 126 रनों की पारी खेली, लेकिन ये पिछले छब्बीस महीनों में उनका चौथा शतक था। अब उम्र भी उनके साथ नहीं है। इसलिए चयनकर्ताओं को दिल्ली के इस 30 वर्षीय खिलाडी के बदले एक स्थायी और युवा ओपनर चुनने की ज़रूरत है। दिल्ली के ये ओपनर कई मौकों पर झूझते हुए दिखे और बड़े सस्ते में अपना विकेट गंवा देते हैं। भारतीय डोमेस्टिक सर्किट में ऐसे कई युवा और सुर्खियां बटोरने वाले ओपनर्स है जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। ये युवा खिलाडी धवन की तरह ही बल्लेबाज़ी कर सकते हैं और गेंदबाजों के सामने उनकी कमियां सामने नहीं आई है। ये रहे ऐसे 5 ओपनर्स जो भारतीय टीम में शिखर धवन की जगह लम्बे समय तक ओपनर बन सकते हैं:

#1 श्रेयस अय्यर

2015/16 के घरेलू सीजन में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला कोई खिलाडी है, तो वो हैं मुम्बई के श्रेयस अय्यर। अनुभव की कमी के चलते ही शायद इस 21 वर्षीय खिलाडी को भारतीय टीम में नहीं चुना गया, वरना इनके प्रदर्शन को देख कर सभी लोग चयनकर्ताओं के चयन पर सवाल उठा रहे हैं अय्यर ने इस सीजन में 1321 रन बनाए और एक सीजन में वीवीएस लक्ष्मण के सर्वाधिक रन बनाने के रिकॉर्ड से वो 95 रन दूर रह गए। अगर सौराष्ट्र की टीम पारी से नहीं हारती तो अय्यर को वापस बलेबाज़ी का मौका मिलता और शायद लक्ष्मण का ये रिकॉर्ड टूट जाता। दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ खेलते हुए अय्यर पहली बार चर्चा में आए। 2015 का आईपीएल दिल्ली के लिए भले ही अच्छा न रहा हो, लेकिन अय्यर के लिए ये सीजन अच्छा साबित हुआ। मुम्बई इंडियंस 2016 आईपीएल के लिए अय्यर को अपने टीम में लेना चाहती थी, लेकिन अय्यर की कीमत और अपनी स्तिथि को समझते हुए दिल्ली ने उन्हें नहीं छोड़ा। अय्यर की रन बनाने की गति भी काफी अच्छी है। धवन ने जब टेस्ट में डेब्यू किया था तो उनकी तुलना वीरेंद्र सहवाग से की जाने लगी। लेकिन ये तुलना जल्दबाज़ी में की गयी थी। अय्यर का प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 84, लिस्ट A में 95 और टी20 में 132 का स्ट्राइक रेट है। इसलिए अय्यर को अगला सहवाग कहा जा सकता है।

#2 उन्मुक्त चंद

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उन्मुक्त चंद एक अच्छे आक्रामक बल्लेबाज़ हैं जिन्हें भारतीय टीम का ओपनिंग बल्लेबाज़ बनाया जा सकता है। 17 साल की उम्र में उन्मुक्त चंद, अय्यर से 4 साल पहले चर्चा में आए। लेकिन वो उसके बाद अपना अच्छा प्रदर्शन जारी नहीं रख पाए। 2012 में उन्होंने U19 टीम को विश्व कप जितवाया लेकिन सीनियर टीम में जगह बनाने में असफल रहे। साल 2015 में ऐसा लगा कि चंद वापस फॉर्म में आ गए हैं और जल्द ही सीनियर टीम में जगह बना लेंगे। इंडिया A, ऑस्ट्रेलिया A और साउथ अफ्रीका A के साथ हुई त्रिकोणीय सीरीज में चांद ने 5 मैचों में 235 रन बनाए और उस दौरान 3 अर्धशतक बनाए। विजय हज़ारे ट्रॉफी में चंद अच्छी फॉर्म में दिखे। 8 मैचों में 341 रन बनाकर वें दिल्ली की ओर से सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाडी थे। इसके साथ ही दिल्ली की टीम फाइनल के लिए क्वालीफाई हुई लेकिन फाइनल में उन्हें गुजरात के हाथों वें 139 रनों से हार गए। वें ऐसे खिलाडी नहीं है जो पहली बार सभी के नज़रों में चमक के सामने आएं थे लेकिन इस नए 23 वर्षीय खिलाडी ने रनों का पहाड़ बनाकर अपनी काबिलियत साबित की है। क्या धवन से ओपनिंग बल्लेबाज़ की जिम्मेदारी उनके ही राज्य के खिलाडी को देनी चाहिए ?

#3 श्रीकर भरत

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22 वर्षीय विकेट कीपर बल्लेबाज़ श्रीकर भरत रणजी ट्रॉफी में तिहरा शतक बनाने वाले एकमात्र विकेटकीपर बल्लेबाज हैं। आंध्र के वे एकलौते खिलाडी हैं, जिनकी राष्ट्रीय टीम में चुने जाने की अटकलें लगाई जा रही है। मोहम्मद कैफ की अगुवाई वाली आंध्र की टीम के सलामी बल्लेबाज़ हैं श्रीकर भरत। भरत विकेटकीपर के साथ साथ सलामी बल्लेबाज़ की भूमिका निभा सकते हैं, इसलिए अगर उन्हें भारतीय टीम के लिए जल्द बुलावा आ जाये तो चौंकने वाली बात नहीं होगी। भरत की प्रतिभा को देखकर कैफ ने उनसे कहा कि अगर वें भारतीय टीम के लिए न खेल पाएं तो उनके लिए ये बुरी बात होगी। भरत की शानदार बल्लेबाज़ी के साथ-साथ उनकी कीपिंग भी जोश से भरी हुई है। घांस से भरी पिच जहाँ पर कोई और बल्लेबाज़ टिक नहीं पाया वहां पर भरत ने तिहरा शतक जड़ा। ईरानी ट्रॉफी में उन्हें रेस्ट ऑफ़ इंडिया की टीम में जगह मिली है। इस टीम में अनुभवी रॉबिन उथप्पा और उन्मुक्त चांद के पहले भरत को जगह दी गयी है। करीब चार साल से भरत घरेलू सीरीज खेल रहे हैं और रेस्ट ऑफ़ इंडिया टीम में उन्हें सही समय पर उनका बुलावा आया है। लेकिन क्या भरत अपना ये मौका गंवा देंगे ?

#4 अखिल हेरवाडकर

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2015/16 के डोमेस्टिक सीजन में मुम्बई की ओर से श्रेयस अय्यर के साथ एक और 21 वर्षीय ओपनर ने सुर्खियां बटोरी, वो हैं अखिल हेरवाडकर। अखिल हेरवाडकर मुम्बई के टॉप ऑर्डर के अच्छे बल्लेबाज़ हैं और मुम्बई के 41 वीं बार ट्रॉफी जीतने के पीछे उनका अहम योगदान है। हेरवाडकर का यह रणजी सीजन अच्छा रहा और अगले सीजन भी अपने इस प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश करेंगे। उन्होंने इस सीजन 879 रन बनाए, भले ही ये आंकड़ा अय्यर से कम हो, लेकिन बाकि बल्लेबाज़ों से ज्यादा है। विजय हज़ारे ट्रॉफी में उनके द्वारा बनाए 300 रन किसी भी मुम्बई के बल्लेबाज द्वारा बनाया सबसे ज्यादा रन है। टी-20 में अभी उनकी शुरुआत होनी बाकी है लेकिन आईपीएल 2016 में उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स की ओर से मौका मिल सकता है। हेरवाडकर की बल्लेबाज़ी ही नहीं बल्कि उनकी गेंदबाज़ी भी अच्छी है। अपनी ऑफ़ ब्रेक गेंद से उन्होंने पंजाब के खिलाफ 52 रन देकर 6 विकेट लिये और पंजाब को चौंका दिया। इस हरफनमौला काबीलियत के दम पर उन्हें टीम में जगह ज़रूर मिलनी चाहिए।

#5 ऋषभ पंत/ ईशान किशन

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भारतीय U19 टीम के दोनों ओपनर ने इस सीजन बहुत सुर्खियां बटोरी। U19 क्रिकेट में सबसे तेज़ 18 गेंदों में अर्धशतक बना कर ऋषभ पंत ने अपनी प्रतिभा दिखाई तो वहीँ ईशान किशन अभी भी अंतराष्ट्रीय स्तर पर संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन झारखंड की खोज किशन ने अपनी बल्लेबाज़ी की काबिलियत सभी को दिखाई है। भले ही उनका विश्व कप अच्छा न रहा हो, लेकिन इन दोनों में से वे बढ़िया बल्लेबाज़ हैं। आईपीएल 2016 में पंत दिल्ली डेयरडेविल्स का हिस्सा हैं तो किशन को गुजरात लायंस ने अपनी टीम में लिया है। इन दोनों खिलाडियों की राह किस ओर जाएगी ये तो समय बताएगा लेकिन दोनों ने छोटी उम्र में सभी को अपनी प्रतिभा दिखा दी है। लेखक- दीपांकर लहरी, अनुवादक- सूर्यकांत त्रिपाठी