5 बल्लेबाज़ जिन्होंने टेस्ट मैचों में सबसे कम उम्र में शतकीय पारियां खेली

टेस्ट मैच खेलने वाले सभी बल्लेबाजों का सपना होता है कि अपने करियर के शुरूआती मैचों में ही शतक बनाकर क्रिकेट जगत पर अपनी छाप छोड़ें। कई बल्लेबाजों ने किशोरावस्था यानि 20 साल की उम्र से पहले टेस्ट मैच खेलना शुरू कर दिया और 20 बल्लेबाजों ने इसी अवस्था में शतक भी बना दिए। आज हम आपको सबसे कम उम्र में टेस्ट शतक बनाने वाले 5 बल्लेबाजों के बारे में बताने जा रहे हैं:

#5 इमरान नज़ीर (पाकिस्तान)- 18 साल और 154 दिन

इमरान नज़ीर उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जो लगातार टीम से अंदर-बाहर होते रहते हैं। मार्च 1999 में मात्र 17 साल की उम्र में टेस्ट पदार्पण करने वाले नज़ीर पहली बार बल्लेबाजी करते हुए 64 रन बनाकर सभी को प्रभावित किया लेकिन अगला टेस्ट मैच खेलने के लिए उन्हें एक साल से ज्यादा समय का इंतजार करना पड़ा। मई 2000 में वेस्टइंडीज के खिलाफ बारबाडोस में खेले गये टेस्ट मैच में 180 गेदों में 131 रनों की पारी खेलकर टीम के लिए टेस्ट मैच बचा लिया और इसके साथ ही टेस्ट मैचों में शतक बनाने वाले वह दूसरे सबसे युवा पाकिस्तानी बल्लेबाज बन गये। हालांकि, इस बल्लेबाज का करियर सिर्फ 8 टेस्ट मैचों तक ही सीमित रह गया जहाँ उन्होंने 32.85 की औसत से 427 रन बनाये जबकि सीमित ओवरों के खेल में भी उन्हें 100 से कम ही अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका मिला।

#4 हैमिलटन मासाकाद्ज़ा (ज़िम्बाब्वे) - 17 साल 352 दिन

हैमिलटन मासाकाद्ज़ा जिम्बाब्वे के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक रहे हैं। ज़िम्बाब्वे के लिए उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच 2001 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था और उस मैच में शतक जमाकर वह उस समय पदार्पण टेस्ट में शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के बल्लेबाज बन गये थे। पहली पारी में 9 रन बनाकर आउट होने वाले मासाकाद्ज़ा ने दूसरी पारी में 119 रन बनाये और उनकी इस पारी की बदौलत पहली पारी में 216 रनों से पिछड़ रही ज़िम्बाब्वे की टीम मैच ड्रा कराने में सफल रही। इस पारी में उन्होंने 316 गेंदों का सामना किया और करीब 6 घंटों तक पिच पर टिके रहे। पिछले करीब 15 सालों से लगातार मासाकाद्ज़ा ज़िम्बाब्वे टीम की बल्लेबाजी की रीढ़ की हड्डी बने हुए हैं।

#3 सचिन तेंदुलकर (भारत) - 17 साल 107 दिन

जब 1989 में 16 साल की उम्र में मुंबई के इस खिलाड़ी ने पाकिस्तान के खिलाफ अपना पदार्पण मैच खेला तो किसी को उम्मीद नहीं थी कि यह लड़का संन्यास लेने समय तक बल्लेबाजी के लगभग सारे रिकॉर्ड अपने नाम कर लेगा। अपने पहले सीरीज में पाकिस्तान की तेज पिचों पर कुछ संघर्ष भरी पारियां खेलने वाले सचिन तेंदुलकर ने इंग्लैंड के खिलाफ मेनचेस्टर में खेले अपने करियर के 9वें टेस्ट मैच में शतकीय पारी खेली। यह पारी उस समय आई जब भारतीय टीम पर हार का खतरा मंडरा रहा था। पहली पारी में 68 रनों की पारी खेलने वाले सचिन जब दूसरे पारी में बल्लेबाजी करने पिच पर पहुंचे तो टीम का स्कोर 109/4 था और जल्द ही 183/6 हो गया लेकिन उन्होंने एक छोर थाम कर रखा और 119 रनों की नाबाद पारी खेल टीम को हार से बचा लिया। उस शतक के बाद सचिन के बल्ले से 50 और शतक निकले और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके शतकों की संख्या 100 है।

#2 मुश्ताक मोहम्मद (पाकिस्तान) - 17 साल 78 दिन

भारत के गुजरात में जन्मे मुश्ताक मोहम्मद पाकिस्तान चले गये और 1959 में मात्र 15 साल और 124 दिन की उम्र में पाकिस्तान के लिए पहला टेस्ट मैच खेल लिया। उनके करियर के शुरूआती साल कुछ खास नहीं रहे लेकिन 1961 में भारत के खिलाफ शतक जमाकर वह उस समय टेस्ट मैचों में शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के बल्लेबाज बन गये थे। फ़िरोज़ शाह कोटला मैदान पर खेले गये मैच में जब वह बल्लेबाजी करने आये तो भारत के पहली पारी के 463 के जबाव में पाकिस्तान टीम का स्कोर 89/4 था और उन्होंने 101 रनों की पारी खेल टीम का स्कोर 286 तक पहुंचा दिया। अंत में उनकी टीम मैच ड्रा कराने में सफल रही और इसमें सबसे बड़ा योगदान इस 17 वर्षीय बल्लेबाज का था। मुश्ताक मोहम्मद ने पाकिस्तान के लिए 57 टेस्ट मैच खेले जिसमें 39.17 की औसत से उन्होंने 3643 रन बनाये जबकि 502 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्हें बल्ले से 72 शतकों समेत करीब 31 हजार रन निकले।

#1 मोहम्मद अशरफुल (बांग्लादेश)- 17 साल 61 दिन

बांग्लादेश के बल्लेबाज मोहम्मद अशरफुल की उम्र अभी 33 साल ही है लेकिन लगता ऐसा है कि वह काफी समय से टीम के लिए खेल रहे हैं। अशरफुल ने अपना पहला टेस्ट मैच 17 साल की उम्र में श्रीलंका के खिलाफ खेला था और पहली पारी में उनकी टीम 90 रनों पर ऑल आउट हो गयी और इसमें अशरफुल ने सर्वाधिक 26 रनों की पारी खेली थी। पहली पारी में 465 रनों से पिछड़ने के बाद दूसरी पारी में बांग्लादेश की तरफ से युवा मोहम्मद अशरफुल ने 114 रनों की पारी खेली। इसके साथ ही वह सबसे कम उम्र में पदार्पण मैच में शतक बनाने वाले बल्लेबाज बन गये और साथ ही टेस्ट मैचों में शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के बल्लेबाज भी बने और ये रिकॉर्ड अभी तक क़ायम है। उसके बाद अशरफुल ने बांग्लादेश के के लिए करीब 260 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जिसमें 61 टेस्ट मैच भी शामिल था लेकिन वह बल्ले से कुछ खास नहीं कर पाये। टेस्ट और एकदिवसीय दोनों की प्रारूपों में उनका औसत 25 से नीचे का ही रह गया लेकिन आज भी सबसे कम उम्र में टेस्ट शतक बनाने का विश्व रिकॉर्ड उनके नाम ही दर्ज है। लेखक- साहिल जैन अनुवादक- ऋषिकेश सिंह