#4 हैमिलटन मासाकाद्ज़ा (ज़िम्बाब्वे) - 17 साल 352 दिन
हैमिलटन मासाकाद्ज़ा जिम्बाब्वे के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक रहे हैं। ज़िम्बाब्वे के लिए उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच 2001 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था और उस मैच में शतक जमाकर वह उस समय पदार्पण टेस्ट में शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के बल्लेबाज बन गये थे। पहली पारी में 9 रन बनाकर आउट होने वाले मासाकाद्ज़ा ने दूसरी पारी में 119 रन बनाये और उनकी इस पारी की बदौलत पहली पारी में 216 रनों से पिछड़ रही ज़िम्बाब्वे की टीम मैच ड्रा कराने में सफल रही। इस पारी में उन्होंने 316 गेंदों का सामना किया और करीब 6 घंटों तक पिच पर टिके रहे। पिछले करीब 15 सालों से लगातार मासाकाद्ज़ा ज़िम्बाब्वे टीम की बल्लेबाजी की रीढ़ की हड्डी बने हुए हैं।
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