भारत ने अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच में जितनी आसानी से जीत दर्ज की है उसकी उसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। बैंगलोर में ये मैच महज़ 2 दिन में ख़त्म हो गया। इस मैच से टीम इंडिया के खिलाड़ियों को अपनी फ़िटनेस साबित करने का मौका मिला जो लंबे इंग्लैंड टूर से पहले बेहद ज़रूरी था। टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर बल्लेबाज़ों ने अच्छी शुरूआत दी और टीम इंडिया ने पहली पारी में बड़ा स्कोर खड़ा किया। इसके बाद भारतीय स्पिनर्स और तेज़ गेंदबाज़ों ने मिलकर क्रमश: 11 और 9 विकेट हासिल किए। टीम इंडिया के इतिहास को देखें तो इसके गेंदबाज़ी की पहचान अकसर स्पिन गेंदबाज़ों से होती रही है। हांलाकि टीम इंडिया में कई तेज़ गेंदबाज़ों ने अपनी जगह बना ली है जो तीनों फ़ॉर्मेट में अपना जलवा दिखा रहे हैं। हांलाकि कुछ ऐसे भी भारतीय गेंदबाज़ हैं जिन्होंने पहले भी अपनी तेज़ गेंदबाज़ी से विश्व में अपनी धाक जमाई है। आइये नज़र डालते हैं भारतीय क्रिकेट इतिहास के 6 महान तेज़ गेंदबाज़ों पर। सबसे पहले वो खिलाड़ी जो लिस्ट में शामिल नहीं हैं लेकिन उनका नाम लेना ज़रूरी है।
कर्सन घावरी
कर्षण घावरी भारत के पहले ऐसे तेज़ गेंदबाज़ थे जिन्होंने टेस्ट मैच में 100 विकेट हासिल किए हैं। वो साल 1980 तक भारत के अहम तेज़ गेंजबाज़ रहे हैं। उन्होंने साल 1974 से लेकर 1981 तक 39 टेस्ट मैच खेले हैं और 109 विकेट हासिल किए हैं। घावरी ने 4 बार एक पारी में 5 विकेट लेने का कारनामा भी किया है।
इरफ़ान पठान
एक वक़्त ऐसा था जब इरफ़ान पठान टीम इंडिया के सूरमा कहलाते थे, लेकिन उनका अंतरराष्ट्रीय करियर वक़्त से पहले ख़त्म हो गया, इसके पीछे कई वजहें थी। साल 2003 से लेकर साल 2008 के बीच वो टीम इंडिया के सबसे बेहतरीन तेज़ गेंदबाज़ थे। उन्होंने 29 टेस्ट मैच में 100 विकेट हासिल किए थे, जिसमें एक हैट्रिक भी शामिल है। उन्होंने 7 दफ़ा एक पारी में 5 विकेट लिए हैं, इसके अलावा उन्होंने 2 बार एक टेस्ट मैच में 10 विकेट हासिल किए हैं।
भुवनेश्वर कुमार
भुवनेश्वर कुमार साल 2017 में ही टीम इंडिया के रेग्युलर सदस्य बने हैं। उन्होंने अब तक महज़ 21 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 63 विकेट हासिल किए हैं। उनकी गेंदबाज़ी का औसत 26.1 और इकॉनमी 2.94 है। वो भविष्य में टीम इंडिया के लिए और योगदान दे सकते हैं, पिछली बार भुवनेश्वर कुमार ने इंग्लैंड दौरे पर कमाल का प्रदर्शन किया था और उम्मीद है कि इस बार भी वह टीम इंडिया के लिए अहम योगदान देंगे।
#6 मोहम्मद शमी
मोहम्मद शमी ने साल 2013 में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ अपने टेस्ट करियर की धमाकेदार शुरुआत की थी। उन्होंने उस मैच में 9 विकेट लेकर अपनी गहरी छाप छोड़ी थी। इसके बाद वो टीम इंडिया के अहम सदस्य बन गए थे। उन्होंने अब तक 30 टेस्ट मैच खेले हैं। इन 30 मैचों की 58 पारियों में शमी ने 110 विकेट हासिल किए हैं, जिसमें 3 बार एक पारी में 5 विकेट लेने का कारनामा शामिल है। वो इस वक़्त कई वजहों से टीम से बाहर हैं।
#5 उमेश यादव
उमेश यादव अपनी तेज़ गेंदबाज़ी से विपक्षी टीम के बल्लेबाज़ों के दिलों में ख़ौफ़ पैदा कर देते हैं। नागपुर के इस पेस गेंदबाज़ ने पिछले 7 सालों में काफ़ी करिश्मे किए हैं। साल 2011 से लेकर अब तक उन्होंने 37 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें 72 पारियों में उन्हें गेंदबाज़ी का मौका मिला है। उन्होंने टेस्ट करियर में 103 विकेट हासिल किए हैं, जिसमें एक बार एक पारी में 5 विकेट लेने का कारनामा शामिल है। उनकी टेस्ट गेंदबाज़ी का औसत क़रीब 35 और इकॉनमी रेट 3.64 है।
#4 इशांत शर्मा
इशांत शर्मा का रिकॉर्ड बाक़ी फ़ॉर्मेट के मुकाबले टेस्ट में ज़्यादा बेहतर रहा है। उन्होंने साल 2007 में 18 साल की उम्र में टेस्ट में डेब्यू किया था। उसके बाद वो टीम इंडिया के अहम खिलाड़ी बन गए थे। टेस्ट में उन्होंने भारतीय टीम के लिए काफ़ी योगदान दिया है। पिछले 11 सालों में दिल्ली के इस पेस गेंदबाज़ ने 82 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 238 विकेट हासिल किए हैं। उन्होंने 7 बार एक पारी में 5 विकेट लेने का करिश्मा किया है। इसके अलावा एक बार एक टेस्ट मैच में 10 विकेट हासिल किया था। अभी उनकी उम्र महज़ 28 साल है इसलिए ये कहा जा सकता है कि उनमें काफ़ी क्रिकेट बाक़ी है।
#3 जवागल श्रीनाथ
जवागल श्रीनाथ टीम इंडिया के पहले ऐसे तेज़ गेंदबाज़ हैं जिन्होंने 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार हासिल की थी। वो क़रीब एक दशक तक टीम इंडिया के अहम खिलाड़ी रहे हैं। वनडे की तरह उन्होंने टेस्ट में भी घातक गेंदबाज़ी की थी। 1990 के दशक में वो टीम इंडिया में लगातार बने हुए थे। 1991 और 2001 के बीच जवागल श्रीनाथ ने 67 टेस्ट मैच खेले हैं। 121 टेस्ट पारियों में उन्होंने 30.49 की औसत और 2.85 की इकॉनमी रेट से 236 विकेट हासिल किए हैं।
#2 ज़हीर ख़ान
जवागल श्रीनाथ के संन्यास लेने के बाद ज़हीर ख़ान का दौर शुरू हो गया था। उन्होंने एक दशक से ज़्यादा वक़्त तक टीम इंडिया की तरक्की में अहम रोल अदा किया है। उन्होंने साल 2000 में टेस्ट करियर की शुरुआत की थी और वो भारत के कामयाब टेस्ट गेंदबाज़ों में गिने जाते हैं। उनमें दोनों दिशाओं में गेंद को स्विंग करना का हुनर मौजूद था। 14 साल के टेस्ट करियर में उन्होंने 92 टेस्ट मैच खेले हैं। ज़हीर ने इन 92 टेस्ट मैच में 32.94 की औसत और 3.27 की इकॉनमी रेट से 311 विकेट हसिल किए हैं। ज़हीर ने 11 दफ़ा टेस्ट की एक पारी में 5 विकेट लिए हैं। इसके अलावा एक बार एक टेस्ट में 10 विकेट भी हासिल किए हैं।
#1 कपिल देव
भारतीय क्रिकेट इतिहास में कपिल देव जैसा तेज़ गेंदबाज़ न कभी हुआ है और शायद न कभी होगा। उनके योगदान को भारतीय क्रिकेट फ़ैस हमेशा याद रखेंगे। वो न सिर्फ़ एक अच्छे गेंदबाज़ थे, बल्कि बल्लेबाज़ी में भी उनका कोई जवाब नहीं था। उन्होंने अपने हरफ़नमौला प्रदर्शन से करीब 16 साल तक टीम इंडिया की जीत में हिस्सा लेते रहे। 1978 से लेकर 1994 तक उन्होंने 131 टेस्ट मैच खेले थे। उस दौरान उन्होंने 29.64 की औसत से 434 विकेट हासिल किए थे। 1994 से 2001 के बीच उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड था। उन्होंने ये कीर्तिमान रिचर्ड हेडली के रिकॉर्ड को तोड़कर बनाया था। उनकी गेंदबाज़ी की इकॉनमी रेट 2.78 थी। उन्होंने 23 दफ़ा टेस्ट की एक पारी में 5 विकेट लिए थे। कपिल जैसा खिलाड़ी सदियों में एक पैदा लेता है। जिस तरह की छाप उन्होंने भारतीय क्रिकेट पर छोड़ी है, वो कभी भुलाया नहीं जा सकता। क्रिकेट को देशभर में मशहूर करने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। लेखक- कार्तिक सेठ अनुवादक- शारिक़ुल होदा