भारतीय क्रिकेट टीम के 6 बड़े खिलाड़ी जिनका 2019 विश्व कप में खेलने का टूट सकता है सपना

राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र टेस्ट, आयरलैंड के खिलाफ टी -20 श्रृंखला और इंग्लैंड दौरे में एकदिवसीय श्रृंखला के लिए भारतीय टीम का चयन किया है। इनमें से एकदिवसीय (वनडे) टीम चयन सबसे महत्वपूर्ण था क्योंकि 201 9 विश्व कप के लिए अभी सिर्फ एक साल रह गया है, ऐसे में हर श्रृंखला महत्वपूर्ण हो जाती है। इस के अलावा चूंकि विश्व कप 2019 की मेजबानी भी इंग्लैंड ही करेगा इसलिए यह श्रृंखला और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। हालांकि टीम का चयन उम्मीद के मुताबिक ही किया गया है लेकिन वनडे टीम से कुछ बड़े नाम गायब हैं और ऐसा होने से इन खिलाड़ियों के विश्व कप में खेलने पर एक प्रश्न चिह्न लग गया है। आइए जानते हैं ऐसे 6 खिलाड़ियों के बारे में जिनका विश्व कप में खेलने का सपना शायद पूरा ना हो सके।

#6 अक्षर पटेल

अक्षर पटेल ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की बहुत शानदार शुरुआत की थी और वनडे टीम में एक गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में खुद को स्थापित किया था। उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी से विरोधी टीम के बल्लेबाजों पर अंकुश लगाया और मैच के मध्य ओवरों में महत्वपूर्ण विकेट भी निकाले। हालांकि उन्होंने बल्लेबाज़ी में कुछ खास नहीं किया लेकिन अपनी सटीक गेंदबाजी और चुस्त क्षेत्ररक्षण के साथ टीम में अपनी उपयोगिता साबित की। लेकिन अक्सर काफी समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। उन्होंने चोट से उबरने के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला में एकमात्र टी -20 में हिस्सा लिया लेकिन कुछ खास नहीं कर पाए। आईपीएल में भी अक्षर का खराब प्रदर्शन जारी रहा है। इसलिए यह कहना बहुत मुश्किल है कि 24 वर्षीय यह गेंदबाज़ भारत की विश्व कप टीम का हिस्सा बन पाएंगे।

#5 मोहम्मद शमी

मोहम्मद शमी ने विश्व कप 2015 में भारत को सेमीफाइनल तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस तेज गेंदबाज के पास मैच की शुरुआत में ही विरोधी बल्लेबाज़ पर दवाब बनाकर विकेट लेने की क्षमता है। दुर्भाग्य से, उनका प्रदर्शन विश्व कप के बाद से ही गिरता चला गया और दूसरे गेंदबाज़ों जैसे भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह ने अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार किया। इसके अलावा शमी कई श्रृंखलाएं चोट की वजह से नहीं खेल पाए और जिन मैचों में खेले, उनमें काफी रन लुटाये। ऐसा लगता है कि चयनकर्ता चाहते हैं कि शमी टेस्ट क्रिकेट पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करें क्योंकि गेंदबाजी की उनकी शैली उन्हें क्रिकेट के बड़े प्रारूप के लिए अधिक उपयुक्त बनाती है। इसके अलावा, भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह के साथ-साथ उमेश यादव भी बेहतरीन फॉर्म में नज़र आ रहे हैं, ऐसे में शमी का भारत की वनडे टीम का हिस्सा बनना लगभग नामुमकिन सा लगता है।

#4 मनीष पांडे

2015 में भारत के लिए अपनी अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले बल्लेबाज़ मनीष पांडे से भारतीय टीम को बहुत उम्मीदें थी। घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया गया था। लंबे समय तक बाहर बैठने के बाद, पांडे ने आखिरकार 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक लगाकर अपनी क्षमता का परिचय दिया था। अपने शानदार प्रदर्शन के बाद, उन्हें टीम प्रबंधन ने मध्य क्रम को मजबूती प्रदान करने की जिम्मेवारी दी लेकिन दुर्भाग्य से, वह उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम रहे। पांडे ने अक्सर गैर-जिम्मेदार शॉट्स खेलकर अपना विकेट गंवाया जिसका खामियाजा पूरी टीम को चुकाना पड़ा। इसके अलावा, चोटों की वजह से भी उन्हें कई मैच बाहर बैठ कर देखने पड़े। पिछले साल जब वह भारतीय टीम में जगह बनाने की हालत में थे, तब वह चैंपियंस ट्रॉफी से पहले घायल हो गए। अंततः चयनकर्ताओं ने उन्हें एकदिवसीय टीम से बाहर कर दिया। अब श्रेयस अय्यर, अंबाती रायुडू, ऋषभ पंत और संजू सैमसन जैसे मजबूत विकल्पों की वजह से पांडे का भारतीय टीम में चुना जाना मुमकिन नहीं लगता।

#3 रविंद्र जडेजा

ऑलराउंडर की भूमिका के लिए विभिन्न खिलाड़ियों को आज़माने के बाद अंततः भारतीय टीम प्रबंधन ने रविंद्र जडेजा पर भरोसा दिखाया था। जडेजा की अच्छी बल्लेबाजी तकनीक और धारदार गेंदबाज़ी के चलते उन्हें टीम में शामिल किया गया था। लेकिन हार्दिक पंड्या के टीम में आ जाने से जडेजा टीम से बाहर हो गए हैं। एकदिवसीय टीम से उनके बाहर होने का सबसे बड़ा कारण है- अंतिम ओवरों में तेज़ी से रन बनाने की उनकी अक्षमता। इसके साथ ही, गेंदबाज़ी में भी वो बल्लेबाजों पर अंकुश लगाने में नाकाम रहे हैं। चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में उनके निराशाजनक प्रदर्शन ने चयनकर्ताओं को अन्य विकल्पों की तलाश करने पर मजबूर किया है। इसके अलावा गेंदबाज़ी में युज़वेन्द्र चहल और कुलदीप यादव के लगातार अच्छे प्रदर्शन से जडेजा को टीम में वापसी के लिए और इंतजार करना होगा।

#2 अजिंक्य रहाणे

भारत की एकदिवसीय टीम में अजिंक्य रहाणे की जगह हमेशा बहस का विषय रही है। रहाणे की बल्लेबाज़ी क्षमता पर किसी को संदेह नहीं है, लेकिन बल्लेबाजी की उनकी शैली सीमित ओवर क्रिकेट के लिए अनुकूल नहीं लगती। उन्होंने सलामी बल्लेबाज़ के रूप में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन शिखर धवन, रोहित शर्मा और केएल राहुल जैसे आक्रामक सलामी बल्लेबाज़ों की वजह से टीम प्रबंधन ने रहाणे को मध्य क्रम में धकेल दिया है। मध्य ओवरों में, रहाणे विशेष रूप से स्पिनरों के खिलाफ रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं। पिछले एक साल में रहाणे टीम से अंदर-बाहर होते रहे हैं लेकिन मध्य क्रम में दूसरे बल्लेबाज़ों की मौजूदगी में रहाणे का भारत के लिए एक और विश्व कप खेलना का सपना, सपना ही रह सकता है।

#1 रविचंद्रन अश्विन

रविचंद्रन अश्विन इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय टीम में चयन ना होने से सबसे ज्यादा निराश होंगे। वो देश के सर्वश्रेष्ठ ऑफ स्पिनर्स में से एक हैं, लेकिन उनका हालिया प्रदर्शन प्रभावशाली नहीं रहा है। चैंपियंस ट्रॉफी से खराब फॉर्म में चल रहे अश्विन पर युज़वेंद्र चहल और कुलदीप यादव जैसे युवा स्पिनरों को प्राथमिकता दी गई है और इन दोनों ने अब तक बेहतरीन प्रदर्शन किया है। चयनकर्ताओं ने श्रृंखला के लिए ऑफ स्पिनर का चयन करने का फैसला किया था और उन्होंने अनुभवी अश्विन की बजाए युवा वाशिंगटन सुंदर का चयन किया। ऐसे में जब विश्व कप में सिर्फ एक साल का समय रह गया है, ओडीआई क्रिकेट नहीं छोड़ा गया, अश्विन का भारतीय एकदिवसीय टीम में वापसी करना बहुत मुश्किल लगता है। लेखक: रैना सिंह अनुवादक: आशीष कुमार

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