ICC World Cup 2019: चैंपियंस ट्रॉफ़ी में खेलने वाले 6 क्रिकेटर जो वर्ल्डकप में हो सकते हैं नज़रअंदाज़

पिछले एक दशक में टीम इंडिया ने काफ़ी तरक्की कर ली है। विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम काफ़ी मज़बूत हो गई है और आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में पहले पायदान पर बनी हुई है। इसके अलावा वनडे और टी-20 रैंकिंग में दूसरे स्थान पर है। टीम इंडिया के मैनेजमेंट ने फ़िटनेस लेवल तय करने के लिए सभी क्रिकेटर्स के लिए यो-यो टेस्ट पास करना अनिवार्य कर दिया है। अंबाती रायडू और संजू सैमसन टीम इंडिया और इंडिया-ए टीम में अपनी जगह बनाने में नाकाम रहे क्योंकि उन्होंने यो-यो टेस्ट पास नहीं किया था। किसी भी क्रिकेटर के लिए ये ज़रूरी होता है कि वो अपनी कंसिस्टेंसी को बरकरार रखे ताकि टीम के लिए फ़ायदेमंद हो पाए। महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली लगातार बेहतर प्रदर्शन करते रहते हैं, लेकिन कई ऐसे भारतीय क्रिकेटर हैं जिनकी लय बरकरार नहीं रह पाती है। हम यहां उन 6 भारतीय खिलाड़ियों को लेकर चर्चा कर रहे हैं जिन्होंने 2017 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी में हिस्सा लिया था लेकिन अब वो चयनकर्ताओं की नज़र से दूर हो गए हैं। ऐसे में इन क्रिकेटर्स के लिए 2019 का आईसीसी वर्ल्ड कप खेल पाना मुश्किल लग रहा है।

#6 केदार जाधव

केदार यादव एक हरफ़नमौला खिलाड़ी हैं, साल 2018 की शुरुआत से ही उन्हें काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पहले वो टीम इंडिया के रेग्युलर सदस्य थे लेकिन आज वो कहीं भी नहीं हैं। वो मैच जिताउ प्रदर्शन करने में माहिर हैं और मध्य के ओवर में विकेट निकालने की क़ाबिलियत रखते हैं, लेकिन उनका फ़िटनेस लेवल हमेशा संदेह के घेरे में रहता है। चूंकि अब टीम इंडिया में नंबर 4 और नंबर 5 के लिए दिनेश कार्तिक और केएल राहुल ने जगह ले ली है ऐसे में केदार जादव को मौका मिलना नामुमकिन सा है। केदार ने अपना आख़िरी वनडे मैच इसी साल दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेला था, लेकिन ख़राब प्रदर्शन की वजह से उन्हें श्रीलंका में हुई निदहास ट्रॉफ़ी में शामिल नहीं किया गया। जाधव की उम्र फ़िलहाल 33 साल है और वो अकसर चोट का शिकार रहते हैं, ऐसे में शायद ही वो अगले वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया में जगह बना पाएं।

#5 युवराज सिंह

युवराज सिंह टीम इंडिया के एक अनुभवी बल्लेबाज़ हैं। उन्होंने साल 2011 के वर्ल्ड कप में मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट का ख़िताब हासिल किया था। साल 2007 की टी-20 में भी उन्होंने कई शानदार प्रदर्शन किए थे। अपने प्रदर्शन से उन्होंने कई मौके पर टीम इंडिया को जीत दिलाई है। कैंसर से जंग जीतने के बाद उन्होंने टीम इंडिया में वापसी की थी, लेकिन कंसिस्टेंसी बरकरार न रख पाने की वजह से वो टीम में अपने जगह पक्की नहीं कर पाए। इस साल के आईपीएल सीज़न में उनका प्रदर्शन बेहद बुरा रहा, उन्होंने 8 मैचों में महज़ 65 रन ही बनाए। उनका सर्वाधिक निजी स्कोर 20 रन था। उनकी बढ़ती उम्र और उनका गिरता फ़ॉम ये बता रहा है कि वो साल 2019 का वर्ल्ड कप नहीं खेल पाएंगे।

#4 अजिंक्य रहाणे

अजिंक्य रहाणे भारतीय टेस्ट टीम के उप-कप्तान हैं लेकिन वो फ़िहलाल वनडे और टी-20 टीम में शामिल नहीं हैं, क्योंकि सीमित ओवर के खेल में उनका प्रदर्शन इतना अच्छा नहीं रहा है। वो वनडे क्रिकेट में स्ट्राइक की अदला-बदली में इतने माहिर नहीं हैं। यही वजह है कि उन्हें वनडे और टी-20 टीम से बाहर कर दिया गया है। इस साल खेले गए सीमित ओवर के 6 मैच में उन्होंने महज़ 140 रन बनाए हैं। इस साल आईपीएल में रहाणे का प्रदर्शन बिलकुल अंतरराष्ट्रीय स्तर का नहीं था। इंग्लैंड दौरे के लिए भी सीमित ओवर के खेल के लिए रहाणे का चयन नहीं किया गया है, ऐसे में उनकी लिए अगला वर्ल्ड कप खेलना एक ख़्वाब के जैसा है।

#3 मोहम्मद शमी

भारत के सीम गेंदबाज़ मोहम्मद शमी के लिए ये साल काफ़ी बुरा रहा है। उनके खेल में ही नहीं, बल्कि उनकी निजी ज़िदगी भी परेशानियों से भरी रही। विवाहेतर संबंधों के आरोप की वजह से वो लगातार सदमे में रहे हैं और अभी तक इस परेशानी से उबर नहीं पाए हैं। वो दिल्ली डेयरडेविल्स टीम का हिस्सा हैं, लेकिन इस साल आईपीएल में वो सभी मैच नहीं खेल पाए, इस टीम में उनकी जगह आवेश ख़ान को मौका दिया गया है। शमी का करियर चोट की वजह से उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। वो अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच नहीं खेल पाए थे क्योंकि वो यो-यो टेस्ट पास नहीं कर पाए थे। चूंकि उमेश यादव एक अच्छे सीम गेंदबाज़ के तौर पर उभर का सामने आए हैं, और उमेश का प्रदर्शन इस साल आईपीएल में शानदार रहा है। ऐसे में शमी को अगले वर्ल्ड कप में मौका मिलना मुश्किल है।

#2 रविंद्र जडेजा

रविंद्र जडेजा टीम इंडिया के बॉलिंग ऑलराउंडर हैं लेकिन पिछले कुछ वक़्त से वो वनडे और टी-20 में कमाल दिखाने में नाकाम रहे हैं। उनकी गेंदबाज़ी में धार कम हुई है और बल्लेबाज़ी में वो लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। हांलाकि टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो जडेजा और अश्विन की स्पिन जोड़ी टीम इंडिया के लिए हमेशा गेम चेंजर साबित होती है। इस अलावा एक और वजह ये भी है कि सीमित ओवर के लिए टीम इंडिया के पास कुलदीप यादव और युज़वेंद्र चहल की जोड़ी मौजूद है, ऐसे में राष्ट्रीय चयनकर्ता जडेजा और अश्विन की सेवाएं नहीं लेना चाहेंगे।

#1 रविचंद्रन अश्विन

जब से टीम इंडिया में सीमित ओवर के लिए युज़वेंद्र चहल को मौका दिया गया है, रविचंद्रन अश्विन को वनडे और टी-20 में मौका नहीं मिल पा रहा है। चहल को ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ घरेलू वनडे सीरीज़ में मौका दिया गया था, फिर वो टीम इंडिया के रेग्युलर खिलाड़ी बन गए हैं। अगर वनडे और टी-20 के लिए अगर किसी अन्य स्पिनर को मौका देना होगा तो चयनकर्ता वॉशिंग्टन सुंदर को मौका दे सकते हैं। हांलाकि अश्विन विकेट लेने की क़ाबिलियत रखते हैं लेकिन वो रन बचाने में माहिर नहीं हैं। मौजूदा दौर में ऐसा देखा जा रहा है कि फिरकी गेंदबाज़ों को ज़्यादा कामयाबी मिल रही है, ऐसे मे ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ों को उतनी तरजीह नहीं दी जाएगी। अगर अश्विन अपनी गेंदबाज़ी में विविधता लाएं तो उन्हें एक और मौका मिल सकता है। लेखक – सूरज श्री गणेश अनुवादक- शारिक़ुल होदा

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
WWE
WWE
NBA
NBA
NFL
NFL
MMA
MMA
Tennis
Tennis
NHL
NHL
Golf
Golf
MLB
MLB
Soccer
Soccer
F1
F1
WNBA
WNBA
More
More
bell-icon Manage notifications