दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड को चौथे-पारी में करीब 479 रन का असंभव लक्ष्य दिया और दस विकेट लेने के लिए खुद को दो दिन का समय दिया। एलन डोनाल्ड और शॉन पोलक जैसे गेंदबाजों के रहते, जोहान्सबर्ग की टूटती हुई पिच पर दो दिन मेहमान टीम के 10 विकेट लेने के लिए पर्याप्त थे। और फिर असंभव हुआ। चौथे और पांचवें दिन इंग्लैंड खड़ा रहा कि वह दक्षिण अफ्रीका को जीत से दूर रख सके और एक असंभव ड्रॉ पा सके। इस अविश्वसनीय खेल की अगुवाई कर रहे थे उनके 27 वर्षीय कप्तान माइक आथर्टन, जिन्होंने 185 रनों की कड़ी मेहनत वाली पारी के लिए दस घंटे से ज्यादा बल्लेबाजी की थी। 492 गेंदों की वह पारी आथर्टन की बल्लेबाजी करियर परिभाषित कर गई थी। वह दृढ़, कठिन और अविश्वसनीय थे। कई अन्य गुणवत्ता वाले बल्लेबाजों की तरह, उन्होंने भी कभी शुरुआत पाने के बाद शायद ही कभी सामने की टीम को मौका दिया।
उन्हें मैदान से बाहर निकालने का सबसे अच्छा समय था जब वह क्रीज पर ताजा हो और आंकड़े इस दावे का समर्थन करते हैं। इंग्लैंड के इस सलामी बल्लेबाज ने 212 पारियों के अपने टेस्ट करियर में 20 शून्य बनाये और उनके नाम पर सोलह शतक भी हैं।
इसलिए, दुनिया भर के गेंदबाजों ने इस बात को प्राथमिकता दी कि क्रीज़ पर आये ताज़ा आथर्टन को विदाई जल्द दे दी जाये क्योंकि अगर वह सेट हो गये तो मैच उनकी पहुँच से दूर और खत्म हो जायेगा।