टेस्ट क्रिकेट को असली क्रिकेट कहा जाता है। टी20 क्रिकेट के इस दौर में भी कई फैंस का फेवरिट प्रारूप टेस्ट क्रिकेट ही है। दरअसल टेस्ट क्रिकेट में ही किसी खिलाड़ी की असली परीक्षा होती है। अगर वो बल्लेबाज है तो फिर क्रीज पर उसके सयंम की परीक्षा होती है और यही चीज गेंदबाजों के साथ भी है। इसीलिए इसे टेस्ट क्रिकेट कहा जाता है, क्योंकि प्लेयर्स का काफी कठिन टेस्ट इसमें होता है। टेस्ट क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने के लिए आईसीसी ने टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत की है लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रिकेट इतिहास का पहला टेस्ट मुकाबला कब खेला गया था।
1877 में 15 मार्च के दिन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट मैच खेला गया था। मेलबर्न में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट मैच खेला गया था। हर कोई जानना चाहता है कि क्रिकेट इतिहास के पहले टेस्ट मैच में क्या हुआ था। तो आइए हम आपको बताते हैं ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच 1877 में खेले गए पहले क्रिकेट टेस्ट मैच की 6 बड़ी बातें।
क्रिकेट इतिहास के पहले टेस्ट मैच की 6 बड़ी बातें
1. इंग्लैंड की प्रोफेशनल टीम
इंग्लैंड को क्रिकेट का जन्मदाता कहा जाता है। उस समय इंग्लैंड में दो तरह के क्रिकेट खेलने वाले होते थे। एक वो थे जो फुल टाइम क्रिकेट खेलते थे। उन्हें 'प्रोफेशनल' क्रिकेटर कहा जाता था। वहीं दूसरे वे लोग थे जो अपने जॉब के साथ क्रिकेट खेलते थे। ये लोग अपने मनोरंजन के लिए क्रिकेट खेलते थे। उन्हें 'अमैच्योर' कहा जाता था।
आपको यहां मजेदार बात बता दें कि 'अमैच्योर' क्रिकेटर काफी अच्छे क्रिकेटर थे। डॉ. डब्ल्यू.जी. ग्रेस इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। कप्तान और ऑलराउंडर जेम्स लिलीव्हाइट ने उस वक्त सभी 12 प्रोफेशनल क्रिकेटरों के साथ ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था।
2. इंग्लैंड के फर्स्ट च्वॉइस विकेटकीपर को मारपीट मामले में जेल जाना पड़ा
इंग्लैंड के फर्स्ट च्वॉइस क्रिकेटर टेड पूले जुए की वजह क्रिकेट इतिहास का पहला टेस्ट नहीं खेल पाए थे। इंग्लिश टीम ने न्यूजीलैंड में कुछ मैच खेले थे। उस समय पर्यटकों के लिए बहुत सारे अन ऑफिशियल मैचों का आयोजन किया जाता था। इन मैचों में 11 से ज्यादा खिलाड़ी एक टीम में होते थे। किसी बल्लेबाज के व्यक्तिगत स्कोर के आधार पर उस समय काफी सट्टेबाजी होती थी। टेड पूले भी उस समय काफी सट्टा लगाते थे। उन्होंने उस वक्त एक मैच में सट्टा लगाया कि सभी बल्लेबाज शून्य पर आउट होंगें। संयोग से ऐसा ही हुआ। 11 बल्लेबाज बिना खाता खोले आउट हो गए। लेकिन पूले ने उस मैच में खुद अंपायरिंग की थी। इसी वजह से धोखाधड़ी के जुर्म में उन्हें क्राइस्टचर्च जेल में डाल दिया गया।
3. ऑस्ट्रेलिया की संगठित टीम
उस समय ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट में कई तरह की दिक्कतें चल रहीं थीं। विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स में मनमुटाव का खामियाजा क्रिकेट टीम को भुगतना पड़ रहा था। काफी मशक्कत के बाद दोनों तरफ के प्लेयरों को मिलाकर एक टीम बनाई गई। हालांकि जैसे ही ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज फ्रेड्रिक स्पफॉर्थ को पता चला कि उनके न्यू साउथ वेल्स के साथी बिली मुर्डोक की जगह विक्टोरिया के जैक ब्लैकहेम को विकेटकीपर के तौर पर चुना गया है उन्होंने टीम से अपना नाम वापस ले लिया।
हालांकि चयनकर्ताओं ने किसी तरह उनकी जगह दूसरे खिलाड़ी को शामिल कर लिया। जिसका नतीजा ये हुआ कि पहली बार संयुक्त ऑस्ट्रेलिया की टीम ने कोई मैच खेला और वो मैच क्रिकेट इतिहास का पहला अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट मैच था।
4. उस मैच में हर चीज पहली बार हुआ
पहले टेस्ट मैच का पहला गेंद डालने का सौभाग्य इंग्लैंड के गेंदबाज एल्फ्रेड शॉ को प्राप्त हुआ, जबकि उसका सामना ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज चार्ल्स बैनरमैन ने किया। टेस्ट क्रिकेट की पहली गेंद पर कोई रन नहीं बना था। अगली गेंद पर बैनरमैन ने रन बनाया। बैनरमैन के नाम टेस्ट क्रिकेट का पहला शतक बनाने का रिकॉर्ड है, लेकिन दुर्भाग्यवश वो रिटायर्ड हर्ट होने वाले पहले खिलाड़ी भी बन गए। उस ऐतिहासिक टेस्ट मैच के दौरान खेल के दूसरे दिन लंच के तुरंत बाद उनकी उंगली फ्रैक्चर हो गई। उनकी जगह डब्ल्यू नेविंग ने फील्डिंग की। इस तरह से वो टेस्ट में पहले सब्सीट्यूड खिलाड़ी बन गए।
पहले टेस्ट मैच में पहला विकेट हासिल करने का गौरव इंग्लैंड के गेंदबाज एलेन हिल को प्राप्त हुआ। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज नथैनिल थॉम्पसन को आउट किया था। इसके साथ ही उन्होंने टेस्ट क्रिकेट का पहला कैच भी पकड़ा। एल्फ्रेड शॉ की गेंद पर उन्होंने टी. पी होरन का कैच पकड़ा था।
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान डेन ग्रॉगरी टेस्ट मैच में रन आउट होने वाले पहले बल्लेबाज थे। जबकि उनके भाई नेड ग्रॉगरी डक पर ऑउट होने वाले पहले बल्लेबाज बने। दूसरी पारी में वो बिना खाता खोले आउट हुए। इंग्लैंड की पारी के दौरान ऑस्ट्रेलिया के मीडियम पेसर मिडविंटर ने टेस्ट इतिहास का पहला 5 विकेट लिया था। वहीं इंग्लैंड की दूसरी पारी के दौरान ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर ब्लैकहेम को टेस्ट क्रिकेट का पहला स्टंपिंग करने का गौरव हासिल हुआ था।
5. मैच के बीच में सट्टेबाजी और भी अन्य चीजें!
चार्ल्स बैनरमैन ने पहले टेस्ट में 165 रन बनाए थे। वो बहुत पहले ही आउट हो जाते लेकिन इंग्लिश ऑलराउंडर थॉमस एर्मिटेज ने उनका आसान सा कैच टपका दिया था। एर्मिटेज इससे काफी दुखी हुए, उन्होंने इसके लिए अपने आपको दोषी माना। उन्होंने अपने कप्तान लिलीव्हाइट से शर्त लगाई कि वो इसके एवज में 50 रन जरुर बनाएंगें। लेकिन दोनों ही पारियों में वो महज 9 और 3 रन ही बना सके।
एक और घटना हुई जब इंग्लैंड के सेकेंड च्वॉइस विकेटकीपर हैरी जप को टीम में जबरदस्ती शामिल किया गया, ताकि इंग्लैंड के 11 खिलाड़ियों की फौज तैयार हो सके। हालांकि उनकी आंखों में थोड़ी प्रॉबल्म थी, इसके बावजूद हैरी जप ने मैच में अर्धशतकीय पारी खेली और इंग्लैंड की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में अर्धशतक लगाने वाले वो पहले खिलाड़ी बन गए।
हालांकि उनके पैर स्टंप पर लग गए थे फिर दोनों अंपायरों के ध्यान नहीं दे पाने की वजह से उन्हें जीवनदान मिल गया। बाद में टेस्ट मैच में एलबीडब्ल्यू आउट होने वाले वो पहले खिलाड़ी बन गए। थॉमस विलियम गैरेट ने उन्हें अपना शिकार बनाया।
6. गोल्डन मैच का ईनाम
उस समय 'गेट मनी' का रिवाज था। दर्शकों से गेट पर पैसे लिए जाते थे और टीम में बराबर-बराबर बांटा जाता था। चुंकि उस मैच में इंग्लैंड को हार का सामना करना पड़ा था इसलिए उसे कम पैसे मिले। ऑस्ट्रेलिया ने क्रिकेट इतिहास के पहले टेस्ट मैच में 45 रनों से जीत हासिल की इसलिए उन्हें ज्यादा ईनाम मिला।
विक्टोरिया क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ से ऑस्ट्रेलियाई टीम के हर खिलाड़ी को एक सोने की घड़ी दी गई। टेस्ट क्रिकेट के पहले शतक के लिए बैनरमैन को खास तोहफा मिला वहीं इंग्लैंड की दूसरी पारी में 7 विकेट चटकाने के लिए ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज थॉमस केंडल को भी खास उपहार मिला। जबकि विकेट के पीछे अच्छा काम करने के लिए विकेटकीपर ब्लैकहैम भी खास पुरस्कार से नवाजे गए।