टेस्ट क्रिकेट इतिहास के 6 महानतम भारतीय स्पिन गेंदबाज

# 3 हरभजन सिंह

दाएं हाथ का यह ऑफ ब्रेक गेंदबाज भारत का सबसे ज्यादा और दुनिया का दूसरा सबसे सफल ऑफ स्पिन गेंदबाज हैं। उन्होंने 417 विकेट लिए हैं जिसमें 25 बार पारी में पांच विकेट शामिल हैं। हरभजन एक पारंपरिक ऑफ स्पिनर नहीं है, वह गति और उछाल पर ज्यादा निर्भर करते हैं। वह बल्लेबाज को गेंद जल्दी डाल सकते हैं, जिससे उन्हें अपने शॉट्स खेलने में कठनाई होती है। 37 वर्षीय इस गेंदबाज़ के पास उनकी गेंदबाजी में एक 'दूसरा' नामक बेहतरीन अस्त्र भी शामिल है। जालंधर का यह स्पिनर 2001 की बॉर्डर गावस्कर सीरीज के दौरान सबकी नज़रों में आया, जब भज्जी को अनिल कुंबले के चोटिल होने के चलते मुख्य स्पिनर के रूप में चुना गया। उन्होंने अपने चयन को सही ठहराया, जब उन्होंने 17.03 के बेहतरीन औसत से 32 विकेट लेकर तीन मैचों की सीरीज समाप्त की। इस श्रृंखला के दौरान वह टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक बनाने वाले पहले भारतीय भी बने। जब भारत ने 2007-08 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया, तब उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पॉन्टिंग को लगातार तीन बार आउट किया था, जिससे ऑफ स्पिनर के खिलाफ पॉन्टिंग की परेशानियों की बातें होने लगी थी। 2013 के बाद से हरभजन राष्ट्रीय टीम से अंदर-बाहर होते रहे हैं। उनकी बढ़ती उम्र के साथ, अब संन्यास की संभावना ज्यादा करीब लग रही है। इसके बावजूद, भज्जी भारतीय क्रिकेट में महान खिलाड़ी रहे हैं और उन्होंने स्पिन गेंदबाजों के लिये बड़े मापदंडों की स्थापना काम किया है।

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