6 भारतीय खिलाड़ी, जिनका कप्तान के रूप में रिकॉर्ड 100% जीत का रहा

विराट कोहली क्रिकेट के सभी प्रारूपों में मौजूदा समय में भारतीय टीम के कप्तान हैं, लेकिन वो भारत के 32वें टेस्ट, 22वें वन-डे और 5वें टी20 अंतर्राष्ट्रीय कप्तान हैं। कप्तानी की प्रभावी शुरुआत के बावजूद दाएं हाथ के बल्लेबाज इस लिस्ट में नजर नहीं आते, ऐसा शायद इसलिए क्योंकि कुछ ही पूर्णकालिक कप्तानों ने अच्छी शुरुआत की और लंबे समय तक वो हारे नहीं। हालांकि, भारत के 33 टेस्ट कप्तान, 23वन-डे और 5 टी20 अंतर्राष्ट्रीय कप्तान रहे हैं और उनमें से कुछ का 100 प्रतिशत जीत रिकॉर्ड रहा है। वैसे मजेदार बात ये है कि सभी कार्यवाहक कप्तान इस सूची में शामिल रहे हैं और लिस्ट वाले कप्तानों में से किसी ने ही 10 मैच से अधिक में कप्तानी नहीं की है। हालांकि, क्रिकेट के किसी एक प्रारूप में सभी का 100 प्रतिशत जीत रिकॉर्ड रहा है। आईए नजर डालते हैं उन कप्तानों पर, जिनका रिकॉर्ड 100 प्रतिशत रहा है।

Ad

अनिल कुंबले (वन-डे)

अनिल कुंबले सिर्फ इसलिए याद नहीं रखे जाते क्योंकि वो क्रिकेट के सभी प्रारूपों में भारत के सर्वश्रेष्ठ विकेट टेकर गेंदबाज हैं या फिर एक पारी में सभी 10 विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। मगर उन्हें खेल भावना और समर्पण के लिए भी याद रखा जाता है। ये बात जगजाहिर रही है कि कुंबले को हारना पसंद नहीं था। बहरहाल, कुछ ही लोगों को इसकी जानकारी होगी कि वन-डे में 100 प्रतिशत जीत का रिकॉर्ड रखने वाले तीन भारतीय कप्तानों में से एक कुंबले भी हैं। टेस्ट कप्तान के रूप में कुंबले का सफ़र सभी को याद रहा है। उन्होंने 2007-08 में 14 टेस्ट में कप्तानी की, जिसमें भारत को तीन जीत, पांच ड्रॉ और छह हार झेलना पड़ी। हालांकि, वन-डे की कप्तानी में उनका रिकॉर्ड जोरदार रहा है। उन्होंने वन-डे में 2002 में एक मैच में कप्तानी की, जिसमें भारत की जीत हुई थी। भारत और इंग्लैंड के बीच चेन्नई में हुए तीसरे वन-डे में सौरव गांगुली हिस्सा नहीं ले सके थे। इसलिए कुंबले को कप्तानी सौंपी गई। हरभजन और कुंबले ने इस मैच में अच्छी गेंदबाजी जरुर की, लेकिन अजित अगरकर ने चार विकेट लेकर इंग्लैंड को 48 ओवर में 217 रन पर ऑलआउट कर दिया। भारत के दोनों ओपनर्स वीरेंदर सहवाग और सचिन तेंदुलकर ने अर्धशतक जमाए और भारत ने 20 गेंद शेष रहते चार विकेट से मैच जीत लिया। ये हालांकि, कुंबले की कप्तानी का एकमात्र वन-डे मैच था, लेकिन इसके बाद उन्हें कप्तानी की जिम्मेदारी संभालने के लिए पांच साल का इंतज़ार करना पड़ा। कुंबले को फिर टेस्ट में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया। रवि शास्त्री 3rd Test Match - England v India टेस्ट में सिर्फ दो ही भारतीय कप्तानों का 100 प्रतिशत जीत रिकॉर्ड रहा है। इनमें से एक नाम है रवि शास्त्री। शास्त्री की कप्तानी में भारत ने वेस्टइंडीज के ऊपर चेन्नई में 1988 में जीत दर्ज की थी। इस मैच को एक डेब्यूटेंट के लिए याद रखा जाता है, जिसने अपनी फिरकी के जाल में विव रिचर्ड्स, डेस्मंड हेंस, रिची रिचर्डसन और कार्ल हूपर जैसे बल्लेबाजों को उलझाया। नरेंद्र हिरवानी ने 17 टेस्ट में 66 विकेट चटकाए जबकि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उनका आगाज लाजवाब रहा। उन्होंने टेस्ट की दोनों पारियों में 8-8 विकेट लिए व मैच में कुल 136 रन देकर 16 विकेट लिए। भारत ने चेन्नई टेस्ट 255 रन से जीता और सीरीज 1-1 से बराबर की। शास्त्री के कप्तान के रूप में ये एकमात्र टेस्ट था। वन-डे में उनका प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहा। शास्त्री के नेतृत्व में भारत ने 11 वन-डे में 4 जीत ही दर्ज की। सुरेश रैना (टी20 अंतर्राष्ट्रीय) Indian captain Suresh Raina makes a run टी20 अंतर्राष्ट्रीय में भारत के अब तक सिर्फ 5 कप्तान रहे हैं। इनमें से सिर्फ दो ही कप्तान का 100 प्रतिशत जीत का रिकॉर्ड रहा है। इन दो कप्तानों में सुरेश रैना को तरजीह मिलती है क्योंकि उन्होंने दूसरे कप्तान से अधिक टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में कप्तानी की है। रैना ने 2010 में ज़िम्बाब्वे दौरे पर कप्तानी का डेब्यू किया था। बतौर टी20 अंतर्राष्ट्रीय कप्तान के रूप में अपने पहले दौरे पर रैना ने न सिर्फ दोनों मैच जीते जबकि मैन ऑफ़ द मैच और मैन ऑफ़ द सीरीज का ख़िताब भी जीता। इसके बाद 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ एकमात्र टी20 अंतर्राष्ट्रीय में रैना ने भारत की कमान संभाली और टीम जीत गई। रैना ने वन-डे में भी भारतीय टीम का नेतृत्व किया, लेकिन उनका रिकॉर्ड ज्यादा प्रभावी नहीं रहा। 12 वन-डे में कप्तानी करते हुए रैना ने टीम को 3 जीत दिलाई। 5 में भारत को शिकस्त झेलना पड़ी जबकि एक मैच बेनतीजा रहा। हालांकि, रैना उन तीन भारतीय कप्तानों में से एक हैं, जिसने एक मैच से अधिक में कप्तानी करके जीत का रिकॉर्ड 100 प्रतिशत रखा हो। वीरेंदर सहवाग (टी20 अंतर्राष्ट्रीय) Indian bowler and Captain Virender Sehwa क्रिकेट के सभी प्रारूपों में 10 से अधिक मैचों में कप्तानी करने वाले भारतीय खिलाड़ियों में सहवाग का रिकॉर्ड सर्वश्रेष्ठ में से एक हैं। जहां उनका वन-डे या टेस्ट में कप्तानी रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा, वहीं टी20 अंतर्राष्ट्रीय में उनका रिकॉर्ड बेहतरीन रहा। न सिर्फ सहवाग भारत के पहले टी20 अंतर्राष्ट्रीय कप्तान थे बल्कि वो उन दो भारतीय कप्तानों में से एक हैं जिनका 100 प्रतिशत जीत रिकॉर्ड रहा। 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत के पहले टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच में सहवाग ने कप्तानी संभाली थी। भारत ने इस मैच को 6 विकेट से जीता था। यही टी20 अंतर्राष्ट्रीय कप्तान के रूप में सहवाग का एकमात्र मैच था क्योंकि फिर 2007 वर्ल्ड टी20 से पहले एमएस धोनी को फुल टाइम कप्तान नियुक्त कर दिया था। अन्य दो प्रारूपों में सहवाग का रिकॉर्ड औसत रहा है। 2003 से 2012 के बीच सहवाग ने 12 वन-डे में कप्तानी की। भारत ने 7 वन-डे में जीत दर्ज की। टेस्ट में सहवाग ने दो जीते, एक ड्रॉ कराया और एक में हार झेली। अजिंक्य रहाणे (टेस्ट और वन-डे) CRICKET-ZIM-IND अजिंक्य रहाणे एकमात्र कप्तान हैं, जिनका दो अलग-अलग प्रारूपों में 100 प्रतिशत जीत का रिकॉर्ड रहा है। वन-डे और टेस्ट दोनों में रहाणे ने कप्तान के तौर पर सभी मैचों में जीत दर्ज की। जहां सीमित ओवर क्रिकेट में रहाणे की जगह पर सवाल उठते आएं हैं वहीं उनका कप्तान के रूप में रिकॉर्ड बेहतरीन हैं। जब विराट कोहली इस वर्ष ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट में नहीं खेल सके तो रहाणे ने उनकी जगह कप्तानी की जिम्मेदारी संभाली। धर्मशाला में भारत ने रहाणे की कप्तानी में टेस्ट मैच जीता। हालांकि, रहाणे को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कप्तानी की जिम्मेदारी जल्दी ही मिली, जब उन्हें 2015 ज़िम्बाब्वे दौरे के लिए कप्तान बनाया गया। उनके नेतृत्व में भारत ने तीनों मैच जीतते हुए सीरीज 3-0 से अपने नाम की। फिर टी20 अंतर्राष्ट्रीय में जब रहाणे को कप्तानी का मौका मिला तो पहला मैच जीतने के बाद दूसरे मैच में उनकी टीम को शिकस्त झेलना पड़ी। रहाणे का क्रिकेट के सभी प्रारूपों में कुल मिलाकर कप्तान के रूप में रिकॉर्ड रहा: 6 मैच में 5 जीत और एक हार। गौतम गंभीर (वन-डे) gauti 110 की औसत और 100 से अधिक स्ट्राइक रेट से 329 रन बनाना, जिसमें दो शतक शामिल रहे, ये बनाने वाले बल्लेबाज गौतम गंभीर को मैन ऑफ़ द मैच और मैन ऑफ़ द सीरीज अवॉर्ड मिला। ये सब उस सीरीज में हुआ, जिसमें गंभीर को पहली बार कप्तानी करने का मौका मिला। गंभीर की कप्तानी में भारत ने 5-0 से सीरीज जीती, जिसमें नियमित कप्तान एमएस धोनी, सचिन तेंदुलकर, वीरेंदर सहवाग, हरभजन सिंह और ज़हीर खान नहीं खेल रहे थे। 2010 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वन-डे सीरीज में गंभीर की कप्तानी छाई जहां भारत ने मेहमान टीम का 5-0 से वाइटवॉश किया। भारत ने चेन्नई में आखिरी वन-डे जीता। धोनी की गैरमौजूदगी में गंभीर ने अपनी कप्तानी की चमक दिखाई और टीम में अपनी उपयोगिता भी साबित की। इसके बावजूद उन्हें कप्तानी करने का एक और मौका करीब एक वर्ष के बाद मिला, जिसमें भारत ने फिर जीत दर्ज की। इसलिए गंभीर का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कप्तानी रिकॉर्ड 100 प्रतिशत जीत का रहा। गंभीर भारत के एकमात्र कप्तान हैं, जिनका क्रिकेट के सभी प्रारूपों में जीत का रिकॉर्ड 100 प्रतिशत रहा है। हालांकि, उन्हें टी20 अंतर्राष्ट्रीय और टेस्ट में कप्तानी का मौका ही नहीं मिला। लेख- श्रीहरी, अनुवादक- विवेक निगम

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
Cricket
Cricket
WWE
WWE
Free Fire
Free Fire
Kabaddi
Kabaddi
Other Sports
Other Sports
bell-icon Manage notifications