6 मैच जिसमें भारत के लिए सबसे ज्यादा रन अतिरिक्त के थे

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क्रिकेट में 'अतिरिक्त' रन किसी टीम के गेंदबाज़ों में अनुशासन की कमी को दर्शाते हैं। इसमें वाइड, नो-बॉल, लेग-बाए शामिल हैं।

हालांकि क्रिकेट में कई ऐसे मौके आए हैं जब अतिरिक्त रनों की वजह से लचर बल्लेबाज़ी करने वाली टीम भी मैच में वापसी कर लेती है। कई बार तो अतिरिक्त रन पूरी टीम के 11 खिलाड़ियों में से सबसे अधिक होते हैं।

भारतीय टीम की बात करें तो 6 मौकों पर ऐसा हुआ है जब अतिरिक्त रन टीम के 11 खिलाड़ियों में से सबसे ज़्यादा थे:

#1. भारत बनाम वेस्टइंडीज़, मोहाली टेस्ट, 1994

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दिसंबर 1994 में 3 मैचों की टेस्ट सीरीज़ के अंतिम मैच में टॉस जीतने के बाद वेस्टइंडीज़ ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 443 रन बनाए, जिसके जवाब में भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में 387 रन बनाए। इसके बाद, विंडीज़ टीम ने अपनी दूसरी पारी 301 रन बनाकर घोषित कर दी और भारत को जीतने के लिए 358 रनों का लक्ष्य दिया।

दूसरी पारी में भारतीय टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और कोई भी बल्लेबाज़ 17 से अधिक स्कोर नहीं बना पाया। अपनी दूसरी पारी में टीम सिर्फ 114 रन बना पाई। वहीं अगर विंडीज़ गेंदबाजों ने 22 अतिरिक्त रन नहीं दिए होते तो पूरी भारतीय टीम 100 से भी कम स्कोर पर आल-आउट हो गई होती।

इस तरह से वेस्टइंडीज़ ने 243 रनों से यह मैच जीता और श्रृंखला में 1-1 से बराबरी कर ली। ग़ौरतलब है कि यह विंडीज़ टीम की भारत में मेज़बान टीम के खिलाफ आखिरी टेस्ट जीत थी।

#2. भारत बनाम पाकिस्तान, टोरंटो, 1996

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1996 में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए सहारा कप के पांचवें और निर्णायक मैच में, पाकिस्तान ने भारत को जीत के लिए 214 रनों का लक्ष्य दिया जो उस समय की भारतीय टीम के लिए मामूली लक्ष्य था।

लेकिन, मुश्ताक अहमद (5-36) और सक्लेन मुश्ताक (2-34) की स्पिन जोड़ी की घूमती गेंदों के आगे पूरी टीम सिर्फ 161 रनों पर आल-आउट हो गई। भारतीय टीम में सबसे ज़्यादा स्कोर (23) सचिन तेंदुलकर ने बनाए और अतिरिक्त रनों की संख्या 25 रही।

#3. भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका, डरबन टेस्ट, 1996

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1996-97 के दक्षिण अफ़्रीकी दौरे के अपने पहले टेस्ट मैच में, भारतीय टीम ने किंग्समीड की तेज़ पिच पर पहली पारी में मेज़बान टीम को सिर्फ 238 रन बनाने दिए। इसके बाद बल्लेबाज़ी करने उतरी मेहमान टीम एलन डोनल्ड की खतरनाक गेंदों के आगे सिर्फ 100 रन ही बना सकी, जिसमें सौरव गांगुली ने सबसे ज़्यादा 16 रन बनाए और इतने ही अतिरिक्त रन थे।

दूसरी पारी में भी भारतीय बल्लेबाजों ने सिर्फ 59 रन बनाए, जिसमें 5 अतिरिक्त थे। सिर्फ राहुल द्रविड़ (27*) एकमात्र ऐसे बल्लेबाज़ थे जो दहाई के आंकड़े तक पहुंच पाए।

#4. भारत बनाम वेस्टइंडीज़, टोरंटो, 1999

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सितंबर 1999 में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ तीन मैचों की वनडे श्रृंखला के दूसरे मैच में कैरीबियन टीम ने भारत के खिलाफ पहले बल्लेबाज़ी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में केवल 190 रन बनाए।

हालांकि इतना स्कोर भी भारतीय टीम के लिए बहुत साबित हुआ। एक समय पर स्कोर 7 विकेट के नुक्सान पर 43 रन था लेकिन सुनील जोशी के सर्वाधिक 25 और अतिरिक्त 26 रनों की बदौलत भारतीय टीम ने सिर्फ 120 रन बनाए और वेस्टइंडीज़ ने 70 रनों से यह मैच जीत लिया।

#5. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, सिडनी 2000

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2000 में एससीजी में खेले गए सीबी सीरीज़ के चौथे वनडे मैच में, कप्तान सचिन तेंदुलकर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया और पहले बल्लेबाज़ी करते हुए पूरी टीम 36.3 ओवरों में 100 रन बनाकर ढेर हो गई।

इन 100 रनों में से 32 अतिरिक्त रन थे जबकि सर्वाधिक स्कोर (22) राहुल द्रविड़ ने बनाया। वहीं मेज़बान टीम ने सिर्फ 27 ओवरों में बड़ी आसानी यह मैच जीत लिया।

#6. भारत बनाम न्यूज़ीलैंड, क्राइस्टचर्च 2003

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विश्व कप 2003 से ठीक पहले, भारत ने 7 मैचों की श्रृंखला के लिए न्यूजीलैंड का दौरा किया। इसमें लगातार दो मैच हारने के बाद, कप्तान गांगुली ने तीसरे वनडे में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया।

लेकिन, भारतीय टीम के पास मजबूत बल्लेबाज़ी लाइन-अप होने के बावजूद पूरी टीम सिर्फ 108 रन ही बना पाई। राहुल द्रविड़ ने एक बार फिर से सबसे ज़्यादा 20 रन बनाए जबकि 22 अतिरिक्त रन रहे।

मेज़बान टीम ने यह मैच बड़ी आसानी से जीत कर श्रृंखला भी 5-2 से जीती।