6 ऐसे मौके जब टीमें पहली पारी में 500 रन बनाने के बावजूद हारीं

वास्तव में असली क्रिकेट टेस्ट क्रिकेट को माना जाता है। इसमें खिलाड़ी के हर पहलू का बाकायदा टेस्ट होता है। टेस्ट में बड़े स्कोर बनते हैं, जिसमें कई बार टीमों 500 से अधिक रन भी बनाती हैं। लेकिन कई बार पहली पारी में 500 से ज्यादा रन बनाने वाली टीम को हार भी मिलती है। हाल ही में पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के बीच जारी तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में पाकिस्तान ने पहली पारी में 579/3 रन बनाये। जवाब वेस्टइंडीज 227 रन पिछड़ गयी। लेकिन पाक की दूसरी पारी मात्र 123 रन सिमट गयी। जिसकी वजह से वेस्टइंडीज को जीत के लिए 346 रन बनाने का लक्ष्य मिला। इस मैच में विंडीज टीम 56 रनों से अंतत: हार गयी। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसे 6 मौके आये हैं, जब टीमें 500 रन बनाने के बाद हार गयी हैं। आइये डालते हैं एक नजर:


ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 6 विकेट से हराया, एडिलेड, 2006/07 एशेज इंग्लैंड पहली पारी : 551/6 घोषित

साल 2005 में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराकर एशेज अपने नाम किया था। तो इस लिहाज से ये सीरीज उस सीरीज की फालोअप सीरीज थी। जिसमें ऑस्ट्रेलियाई टीम बदला लेने के मूड में थी। ब्रिसबेन में पहले टेस्ट में कंगारुओं ने 277 रन की जीत हासिल की थी। दुसरे टेस्ट में इंग्लैंड ने पहली पारी में 551 रन बनाकर पारी घोषित कर दिया। जिसमें पॉल कोलिंगवुड ने दोहरा शतक बनाया था। हालाँकि मेजबान टीम ने जवाब में 513 रन बनाये थे। जिसमें क्लार्क और पोंटिंग ने शतकीय पारी खेली थी। मैच का रुख इंग्लैंड की दूसरी पारी में पलटा जब शेन वार्न 49/4 की अगुवाई में ऑस्ट्रेलिया ने अंग्रेज टीम को 129 पर आलआउट कर दिया। 168 रन के मिले लक्ष्य को ऑस्ट्रेलिया ने 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया। इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 10 रन से हराया, सिडनी 1894/95 एशेज ऑस्ट्रेलिया पहली पारी 586 रन आलआउट सन 1894/95 में हुए एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच रोमांचक टक्कर हुई थी। इंग्लैंड ने 3-2 से सीरीज पर कब्जा किया था। सीरीज का पहला मैच सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेला गया था। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान जैक ब्लैकहेम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का निर्णय लिया। सिड ग्रेगोरी के दोहरे शतक और जार्ज गिफ्फेन के 161 रन की मदद से ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 586 रन बनाये। जवाब में अंग्रेज टीम 325 रन सिमट गयी। इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी में बल्ले से अच्छा प्रदर्शन करते हुए 437 रन बनाये। अल्बर्ट वार्ड ने बेहतरीन 117 रन और जैक ब्राउन, फ्रांसिस और ब्रिग्ग्स ने भी अच्छी बल्लेबाज़ी की थी। 177 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही ऑस्ट्रेलियाई टीम ने एक समय 130/2 बना लिए थे। लेकिन कंगारूओं ने अपने अंतिम 8 विकेट मात्र 36 रनों के अंदर गवां दिए। इस तरह इंग्लैंड ने इस मैच को 10 रन से जीत लिया। दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को 6 विकेट से हराया, मेलबर्न, 1953 ऑस्ट्रेलिया पहली पारी 520 पर आलआउट दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच सन 1952/53 में 5 टेस्ट मैचों की एक सीरीज हुई थी। जो काफी रोमांचक सीरीज थी, जो बराबर पर छूटी थी। मेहमान टीम 2-1 से पिछड़ रही थी, इसलिए इस आखिरी मैच में उसे जीत की दरकार थी। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में नील हार्वे के 205 रन की पारी की मदद से 520 रन बनाये थे। जवाब में प्रोटेस टीम ने भी 435 रन बनाये। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी तेज गेंदबाज़ एड्डी फुलर के 5 विकेट लेने से चरमरा गयी। जिससे पूरी टीम सिर्फ 209 रन पर आलआउट हो गयी। प्रोटेस को जीत के लिए 295 रन बनाने थे। रॉय मैकलीन ने नाबाद 76 रन की पारी खेली। इसके अलावा रसेल इंडेन और जॉन वाटकिंस ने भी अर्धशतक जमाया था। 6 विकेट की इस जीत से प्रोटेस ने सीरीज को 2-2 से बराबर कर दिया था। ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 5 विकेट से हराया, मेलबर्न, 1928/29 एशेज इंग्लैंड पहली पारी में 519 आलआउट सन 1928/29 में इंग्लैंड ने एशेज में ऑस्ट्रेलिया पर सीरीज के पहले चार मैच जीतकर काफी हावी थी। आखिरी टेस्ट में इंग्लैंड ने पहली पारी में 519 रन बनाये थे। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने भी 491 रन बनाया था। उसके बाद इंग्लैंड की दूसरी पारी मात्र 257 रन पर सिमट गयी थी। कुल मिलाकर ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत के लिए 286 रन बनाने थे। जिसे ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 5 खोकर हासिल कर लिया। डोनाल्ड ब्रेडमैन और जैक रायडर ने 83 रन की साझेदारी की थी। इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज को 7 विकेट से हराया, पोर्ट ऑफ़ स्पेन, 1968 वेस्टइंडीज ने पहली पारी में 526/7 पारी घोषित सन 1968 में विंडीज और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की सीरीज हुई थी। जिसमें शुरू के 3 मैच ड्रा खत्म हुए थे। टॉस जीतकर विंडीज ने पहले बल्लेबाज़ी चुनी। रोहन कन्हाई और सेमर नर्स ने क्रमश: 153 और 136 रन की पारी खेलकर विंडीज को 526 रन तक पहुँचाने में अहम योगदान दिया। जवाब में इंग्लैंड ने मेजबानों से 122 रन बनाये। वेस्टइंडीज ने दूसरी पारी में बोल्ड निर्णय लेते हुए 92/2 पर पारी घोषित कर दिया। कुल मिलाकर इंग्लैंड को जीत के लिए 215 रन बनाने थे। जिसे ज्यॉफ्री बायकाट और कोलिन कोव्ड्री ने दुसरे विकेट के लिए 118 रन की साझेदारी निभाकर टीम को 7 विकेट से जीत दिला दी। इस तरह इंग्लैंड ये सीरीज 1-0 से जीत गया। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से हराया, एडिलेड, 2003/04 बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 556 पर आलआउट विदेशी धरती पर भारत की ये यादगार जीत में से एक है। ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में 2003/04 में बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी के इस मैच में मेजबान टीम ने पहली पारी में 556 रन बनाये थे। जवाब में भारतीय टीम ने राहुल द्रविड़ के 233 रन की पारी की मदद से 523 रन बनाये। लेकिन चीजें ऑस्ट्रेलिया के लिए दूसरी पारी में काफी खराब हो गयीं। अजित अगरकर की घातक गेदबाजी 41/6 ने ऑस्ट्रेलिया की पारी को 196 पर खत्म कर दिया। 230 रन के मिले लक्ष्य को भारत ने 3 विकेट गवांकर हासिल कर लिया। इस पारी में भी द्रविड़ ने नाबाद 72 रन बनाये। भारत ने 4 मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर लिया था।

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