90 के दशक के अंत और 2000 के शुरुआत में काफी युवा खिलाड़ियों ने टीम में अपनी जगह बनाई, शोएब मलिक ने पहले मैच से ही अपने टैलेंट की झलक दिखा दी थी, जब बांग्लादेश के खिलाफ 2001 में उन्होंने पहले ही टेस्ट मैच में शतक लगाया था। हालांकि वनडे क्रिकेट में उनका डैब्यू 1999 में ही हो गया था, वो जब 17 साल के थे और टीम काफी बदलाव के दौर से गुजर रही थी और यहाँ तक की जावेद मियांदाद ने वर्ल्ड कप से पहले टीम के कोच पद से इस्तीफा दे दिया था। पहले वनडे में उन्होंने एक ऑफ स्पिनर के रूप में शुरुआत की और 8 ओवर डाले और शेरविन कैंपबैल और रिचार्डो पोवेल का विकेट हासिल किया। 2001 के बाद से टीम के नियमित सदस्य बन गए थे। उनका प्रदर्शन बल्ले के साथ काफी अच्छा रहा, जिस कारण उन्हें बल्लेबाज़ी के लिए ऊपर प्रोमोट किया जाने लगा। उन्होंने 232 वनडे मैच में 151 विकेट हासिल किए हैं। वो टीम के कप्तान भी रहे है और अपने 17 साल के करियर के बाद भी वो टीम के मिडल ऑर्डर की जान हैं।