6 वजहों से युवराज सिंह 2019 विश्वकप के लिए भारतीय टीम में जगह बना सकते हैं

युवराज सिंह का मुश्किल हालातों में प्रदर्शन को देखते हुए अभी भी फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट इस बात का अंदाजा लगा रहे हैं कि वो विश्वकप की टीम में जगह बना सकते हैं। अपने 18 साल के करियर में युवराज सिंह ने कई बार अपने आप को साबित किया है। युवराज सिंह ने भारतीय टीम को कई यादगार जीत दिलाई है, जिसकी वजह से चयनकर्ता उनको विश्वकप की टीम में चुनने के लिए सोच सकते हैं। इस आर्टिकल में हम उन कारणों पर नजर डालेंगे, जो साबित करते हैं कि युवी टीम में अपनी जगह बना सकते हैं:

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#नंबर 4 का स्लॉट खाली

भारतीय टीम का मध्यक्रम अभी भी पूरी तरह से सेटल नहीं है और इस बीच दूसरे बल्लेबाजों की तुलना में अभी भी युवराज सिंह की औसत नंबर 4 पर खेलते हुए सबसे ज्यादा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि धोनी भी पहले जैसे बल्लेबाज नहीं रहे हैं, टीम को एक अनुभवी खिलाड़ी की जरूरत है। युवराज सिंह को विराट कोहली और एमएस धोनी के साथ खेलना पसंद है और जब वो फॉर्म में होते हैं, तो टीम का रनरेट भी शानदार ही रहता है। युवी पिछले साल तक टीम का हिस्सा थे और वो विश्वकप के बाद संन्यास का ऐलान कर सकते हैं।

# मुश्किल हालातों में खेलने का अनुभव

18 साल के करियर में युवराज सिंह ने 4 विश्वकप, 6 वर्ल्ड टी20 और 5 बार चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लिया है। इसके अलावा युवी 6 बार इंग्लैंड दौरे पर गए हैं और उनको वहां के हालातों में खेलने का अच्छा अनुभव भी है। इंग्लैंड में मौसम लगातार बदलता रहता है और खिलाड़ियों के लिए यह बिल्कुल भी आसान नहीं होता। इसी वजह से टीम को युवराज सिंह जैसे अनुभवी खिलाड़ी की जरूरत पड़ सकती है, जिन्होंने वहां काफी हद तक अच्छा किया है।

# बड़े मैच का खिलाड़ी

आईसीसी नॉकआउट 2000, नेटवेस्ट 2002, चैंपियंस ट्रॉफी 2002, वर्ल्ड टी20 2007, वर्ल्डकप 2011, चैंपियंस ट्रॉफी 2017, युवराज सिंह ने पिछले 20 सालों में लगभग सभी बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है और मुश्किल परिस्थिति में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करके भी दिखाया है। युवराज सिंह आत्मविश्वास वाले खिलाड़ी है, अगर मैनेजमेंट उनके ऊपर विश्वास दिखाती है तो वो पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं। ऐसा ही कुछ उन्होंने 2011 विश्वकप में भी करके दिखाया है।

# घरेलू टूर्नामेंट

इस साल बीसीसीआई घरेलू टूर्नामेंट में 200 से ऊपर मुकाबले होस्ट करने वाली है, जिससे सभी टीमों और खिलाड़ियों के पास अच्छा मौका होने वाला है। 19 सितंबर से शुरू होने वाले विजय हजारे ट्रॉफी में हर टीम को कम से कम 7 मुकाबले खेलने ही है, इसके बाद रणजी ट्रॉफी के 8 मुकाबले और सयैद मुश्ताक अली ट्रॉफी के 6 मुकाबले। हालांकि युवराज सिंह को अपनी दावेदारी पेश करने के लिए सभी मुकाबले खेलने होंगे और शुरूआत से ही अच्छा प्रदर्शन करके दिखाना होगा। युवराज सिंह अगर अच्छा करते हैं, तो निश्चित ही उनके नाम पर चर्चा जरूर की जा सकती है।

# अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले

भारतीय टीम को एशिया कप से लेकर विश्वकप के बीच में 21 एकदिवसीय और 11 टी20 मुकाबले खेलने हैं। एशिया कप के बाद वेस्टइंडीज की टीम भारत दौरे पर 5 एकदिवसीय मुकाबले खेलेगी, इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में भी भारत को 3 एकदिवसीय मैचों की सीरीज खेलनी है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया की टीम भी भारत दौरे पर आने की प्लानिंग कर रही है। चयनकर्ता भी युवराज सिंह को खुद को साबित करने के लिए पूरा मौका दे सकती है। हालांकि उसके लिए उन्हें घरेलू क्रिकेट में रन बनाने होंगे।

#कमबैक किंग

युवराज सिंह अपने करियर में कई बार टीम से बाहर हुए है, लेकिन फिर भी हर बार उन्होंने मजबूती के साथ टीम में वापसी की है। 2010 में टीम से बाहर किए जाने के बाद उन्होंने 2011 विश्वकप में शानदार प्रदर्शन किया। कैंसर से जंग लड़ने के बाद भी उन्होंने मैदान में वापसी की और अपना जलवा दिखाया। हाल में युवी अपनी फिटनेस और खेल पर काफी काम कर रहे हैं और निश्चित ही युवराज पहले की तरह एक बार अपनी वापसी को खास बनाने की कोशिश करना चाहेंगे। हालांकि देखना होगा कि उन्हें एक बार फिर टीम में मौका मिलता है या नहीं।

Edited by Staff Editor
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