पाकिस्तान क्रिकेट को लंबे समय के बाद मिस्बाह-उल-हक के रुप में एक अच्छा कप्तान मिला था। मिस्बाह उल हक को निश्चित तौर पर यूनुस खान के साथ मध्यक्रम में याद किया जाता है।हालांकि ग्रीन ब्रिगेड का प्रदर्शन खेल के छोटे प्रारूपों में अच्छा रहा है लेकिन उनके टेस्ट के परिणाम सर्वश्रेष्ठ नहीं रहे हैं। कप्तानी के प्रति मिस्बाह की शांत और बेहद दिमागी दृष्टिकोण ने उन्हें पाकिस्तान का सबसे सफल टेस्ट कप्तान बना दिया, जो पहले कभी नहीं था। मिस्बाह ने 46 टेस्ट मैचों में पाकिस्तान का नेतृत्व किया जिसमें से टीम को 22 में जीत, 11 ड्रॉ के साथ 13 में हार मिली। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बहुत देर से की और 35 वर्ष की उम्र के बाद बल्लेबाजी करते हुए सबसे अधिक प्रभावशाली रहे। कुल मिलाकर उन्होंने पाकिस्तान के लिए 75 टेस्ट मैच खेले और उन्होंने 46.62 के औसत से 39 अर्धशतकों और दस शतकों के साथ 5222 रन बनाये।