90 के आखिर में सचिन तेंदुलकर और शेनवॉर्न अपने करियर के चरम पर थे। हर मैच में इन दोनों खिलाड़ियों के बीच जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती थी। 1998 में खेला गया कोका-कोला कप भी हमेशा याद रखा जाएगा। उस सीरीज में भी दोनों खिलाड़ियों के बीच जमकर प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। सचिन ने अपने शानदार शतक की बदौलत भारतीय टीम को फाइनल में पहुंचा दिया जहां उसका मुकाबला कंगारू टीम से था। फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी लग रहा था, लेकिन भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को संभलने का मौका ही नहीं दिया। मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने उस मैच में 134 रनों की शानदार पारी खेलकर भारतीय टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई। सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के 273 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए बेहतरीन बल्लेबाजी की, उनकी ये पारी कंगारू टीम पर भारी पड़ गई। सचिन ने ना केवल 134 बेहतरीन रन बनाए बल्कि कुछ खूबसूरत छक्के भी लगाए। मैच के 20वें ओवर में शेन वॉर्न की गेंद पर उन्होंने पहला छक्का लगाया। शेन वॉर्न ने सचिन को राउंड द् विकेट गेंद डालने का फैसला किया लेकिन सचिन गेंद को लॉन्ग ऑन बाउंड्री के बाहर 6 रनों के लिए भेज दिया।
वॉर्न उस मैच में काफी महंगे साबित हुए और बिना कोई विकेट लिए 61 रन खर्च डाले। सचिन तेंदुलकर की एक पारी ने पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। बाद में वॉर्न ने मजाक-मजाक में कहा भी था कि उन्हें सचिन के सपने आते हैं। जाहिर सी बात है ऐसे छक्के किसी भी गेंदबाज के लिए बुरे सपने हो सकते हैं।