भारत में कई महान बल्लेबाज हुए हैं। सुनील गावस्कर से लेकर सचिन तेंदुलकर तक एक से बढ़कर एक दिग्गज बल्लेबाज भारत ने वर्ल्ड क्रिकेट को दिए। इन खिलाड़ियों ने कई सारे रिकॉर्ड तोड़ और बनाए लेकिन एक रिकॉर्ड ऐसा रहा जो सालों तक कोई भी भारतीय बल्लेबाज नहीं बना सका और वो रिकॉर्ड था टेस्ट क्रिकेट में 300 रन। सुनील गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में 10, 000 से ज्यादा रन बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने लेकिन अपने क्रिकेट करियर में वो कभी तिहरा शतक नहीं लगा सके। दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने तो अपने करियर में रिकॉर्डों की झड़ी लगा दी लेकिन वो कभी तिहरा शतक नहीं लगा सके। तिहरे शतक के इस सूखे को खत्म किया विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग ने। मुल्तान टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ तिहरा शतक जड़कर वो 'मुल्तान के सुल्तान' बन गए।
15 साल के लंबे अंतराल के बाद भारतीय टीम ने 2004 में पाकिस्तान का दौरा किया। भारत ने इससे पहले पाकिस्तान में एक भी टेस्ट मैच नहीं जीता था लेकिन उस मैच सहवाग की मैराथन पारी ने भारत की स्थिति मजबूत कर दी। सहवाग ने उस मैच में इतिहास रचा। हमेशा की तरह सहवाग ने उस मैच में भी अपना नेचुरल गेम खेला। उन्होंने पाकिस्तानी गेंदबाजों की जमकर धुनाई की और मैदान के चारों तरफ शॉट लगाए। 295 रनों पर जब सहवाग पहुंचे तो सबको लगा कि तिहरा शतक पूरा करने के लिए सहवाग अब रक्षात्मक रवैया अपनाएंगे। लेकिन सहवाग के दिमाग में तो कुछ और ही चल रहा था। 300 रनों का दबाव उन पर बिल्कुल नहीं था। 295 रनों के स्कोर पर पाकिस्तानी टीम के दिग्गज स्पिनर सकलैन मुश्ताक गेंदबाजी करने के लिए आए। पाकिस्तान ने सहवाग पर दबाव बनाने की पूरी कोशिश की लेकिन सहवाग भी कहां चूकने वाले थे, उन्होंने सकैलन की गेंद को हवा में उड़ाकर और गेंद सीधे बाउंड्री लाइन के बाहर गिरी। इस शॉट के साथ ही सहवाग इतिहास रच चुके थे। टेस्ट क्रिकेट में 300 रन बनाने वाले वो पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए। उनका वो शानदार छक्का आज फैंस को रोमांचित कर देता है। टीम की स्थिति चाहे कैसी भी हो, सहवाग अपने ही अंदाज में बल्लेबाजी करते थे। विपक्षी टीम कौन सी है, गेंदबाज कौन सा है, सहवाग को इसकी बिल्कुल भी परवाह नहीं रहती थी। वो तो बस अपने ही अंदाज में गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचाते थे।