टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को पूरी क्रिकेट दुनिया में काफ़ी सम्मान की नज़र से देखा जाता है। उनको क्रिकेट का सबसे बेहतरीन रणनीतिकार कहा जाता है, वो भारत के सबसे कामयाब कप्तान साबित हुए हैं। उन्होंने टीम इंडिया को आईसीसी वर्ल्ड टी-20, आईसीसी वर्ल्ड कप और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी का ख़िताब दिलाया है। इसके अलावा भारत को टेस्ट रैंकिंग में टॉप पर पहुंचाने का श्रेय भी माही को ही जाता है। विराट कोहली, रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन धोनी की ही कप्तानी में उभर पाए हैं। धोनी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किए हुए 14 साल बीत चुके हैं। धोनी अब टेस्ट क्रिकेट से रिटायर हो चुके हैं और सीमित ओवर के खेल की कप्तानी भी छोड़ चुके हैं। चूंकि अब वो धीरे-धीरे अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के आख़िरी पड़ाव में पहुंच रहे हैं, हम यहां उनकी उन 6 आदाओं को याद कर रहे हैं जो शायद हम कभी भूल पाएं।
#1 लंबे बाल
जब महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था, तो उनकी बैटिंग स्टाइल ग़ैर पारंपरिक थी। इसके अलावा उनके किसी और चीज़ पर लोगों की नज़र रहती थी तो वो थे उनके लंबे घने बाल। पहले उन्होंने अपने बालों को गोल्डन रंग से रंग दिया था। उसके बाद उन्होंने अपने बालों का काला और सीधा करवा लिया था। वो धूम फ़िल्म के जॉन अब्राहम की तरह दिखने लगे थे। पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ भी उनकी ज़ुल्फ़ों के दीवाने हो गए थे। मुशर्रफ़ ने प्रेज़ेंटेशन सेरेमनी में धोनी के बालों की तारीफ़ करते हुए कहा था कि धोनी अपने बाल न कटवाएं। धोनी को इसी हेयर स्टाइल की वजह से यूथ आइकन ऑफ़ द ईयर का भी अवॉर्ड मिला था।
#2 मध्य क्रम को छोड़कर टॉप ऑर्डर में बल्लेबाज़ी करना
भारत के पास तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी करने वाले ज़बरदस्त खिलाड़ी हैं, धोनी को इस स्थान पर बैटिंग करने वाला सबसे बेहरीन बल्लेबाज़ समझा जाता है। स्लो रन रेट कभी भी धोनी के लिए मुश्किल का सबब नहीं रहा। जब वो इस क्रम बल्लेबाज़ी करने आते थे तो 250 से 300 का स्कोर ज़रूर बन जाता था। टीम मैनेजमेंट उन्हें ज़रुरत के हिसाब से उनका बल्लेबाज़ी क्रम बदलता रहता था। इसलिए टीम इंडिया के कप्तान ने उन्हें तीसरे नंबर पर आज़माया जो बेहद कामयाब साबित हुआ। तीसरे नंबर पर खेलते हुए उन्होंने कई यादगार पारियां खेली हैं। वनडे में उन्होंने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 148 रन और श्रीलंका के ख़िलाफ़ 183* रन का स्कोर बनाया था।
#3 डेथ ओवर में चौंकाने वाले फ़ैसले लेना
मौजूदा दौर में जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार को विश्व का सबसे बेहतरीन डेथ बॉलर के तौर पर जाना जाता है। ये दोनों गेंदबाज़ वनडे और टी-20 में आख़िरी कुछ ओवर में ज़िम्मेदारी से गेंदबाज़ी करते हैं। धोनी की कप्तानी के दौरान डेथ ओवर में कई चौकाने वाले नाम सामने आते थे। धोनी नाज़ुक मौक़ों पर ऐसे गेंदबाज़ों से बॉलिंग कराते थे जो अकसर इस काम के लिए अनुभवी नहीं होते थे। कोई भी वो लम्हा नहीं भूल सकता जब धोनी ने साल 2007 की आईसीसी वर्ल्ड टी-20 के फ़ाइनल में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ आख़िरी ओवर जोगिंदर शर्मा से कराया था और टीम इंडिया को जीत हासिल हुई थी। ऐसा ही एक मौक़ा साल 2013 में आईसीसी चैंपिंयन ट्रॉफ़ी के दौरान आया था, जब फ़ाइनल में भारत और इंग्लैंड के बीच ख़िताबी मुक़ाबला जारी था। धोनी ने इस मैच का 17वां ओवर ईशांत शर्मा से कराने का रिस्क लिया था। ईशांत इस मैच में महंगे साबित हुए थे। भारत ने ये मुक़ाबला जीत लिया था।
#4 हेलीफॉप्टर शॉट
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी को ‘हेलीफॉप्टर शॉट’ का जनक कहा जाता है, ये एक ग़ैर पारंपरिक शॉट के तौर पर जाना जाता है। ये शॉल लगाने के लिए सही टाइमिंग, ज़बरदस्त ताक़त और पीछे की तरफ़ झुकाव की ज़रूरत पड़ती है। धोनी अपने शुरुआती करियर में कई बार ऐसे शॉट लगाते हुए देखे गए थे। वो आईपीएल में भी इस शॉट का ख़ूब इस्तेमाल करते थे। लेकिन काफ़ी समय से धोनी ने ये शॉट नहीं खेला है।
#5 धोनी का स्टेडियम में बाइक से सफ़र
बाइक से स्टेडियम का चारो चक्कर लगाना धोनी की सबसे बेहतरीन यादों में से एक है। वो अकसर मैच में प्रेज़ेंटेशन सेरेमनी के बाद वो किसी भारतीय खिलाड़ी के साथ बाइक पर नज़र आते थे। उस दौर में मैन ऑफ़ द मैच अवॉर्ड के तौर पर बाइक दी जाती थी। इस बात से फ़र्क नहीं पड़ता था कि मैन ऑफ़ द मैच अवॉर्ड कौन जीता, जो कोई भी हो वो धोनी के साथ बाइक का सफ़र ज़रूर करता था। लेकिन कप्तान बनने के बाद ये सीन कम ही देखने को मिलता था। धोनी के फ़ैस के लिए ये पल सदा याद रहने वाला लम्हा है। साल 2017 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ सीरीज़ में जब जस्प्रीत बुमराह को ईनाम के तौर पर कार दी गई थी, तब विराट कोहली और उनकी टीम ने इस कार का सफ़र किया था। इससे धोनी के बाइक के सफ़र की यादें ताज़ा हो गईं थीं।
#6 युवराज और धोनी के बीच भाईचारा
टीम इंडिया में कई खिलाड़ियों के बीच भाईचारा देखने को मिला है लेकिन सबसे बेहतरीन रिश्ता धोनी और युवराज के बीच देखने को मिला था। युवराज और धोनी के बीच साझेदारी दुनिया की 7वीं सबसे बेहतरीन पार्टनरशिप साबित हुई है, जिसमें 10 शतकीय साझेदारी शामिल है। इन दोनों के बीच दोस्ती सिर्फ़ मैदान में ही नहीं, बल्कि स्टेडियम के बाहर भी देखने को मिलती थी। धोनी और युवराज दोनों का नाम दीपिका पादुकोण से प्यार की अफ़वाहों को लेकर उड़ा था। कई समारोह में धोनी इसको लेकर युवी से मज़ाक करते हुए भी देखे गए थे। दोनों के बीच यही दोस्ती वर्ल्ड कप 2011 की जीत की वजह भी बनी जब वानखेड़े स्टेडियम में दोनों ने मिलकर टीम इंडिया को दोबारा चैंपियन बनाया था। 2011 विश्व कप के फ़ाइनल में धोनी को मैन ऑफ़ द मैच और युवराज को मैन ऑफ़ द सीरीज़ के अवॉर्ड से नवाज़ा गया था। धोनी और युवराज की जोड़ी से टीम इंडिया को काफ़ी फ़ायदा हुआ है। युवराज के मुक़ाबले धोनी टीम इंडिया में देर से आए लेकिन दोनों ने मिलकर इस टीम की किस्मत बदल डाली। लेखक – तुषार गर्ग अनुवादक – शारिक़ुल होदा