लगातार पांच मैचों में किसी भी टीम का बेहतर प्रदर्शन करना आसान नहीं है। यह और भी कठिन हो जाता है, जब सामने विपक्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर का हो। यह जीतने वाले पक्ष की गुणवत्ता के बारे में भी बताता है। भारत ने पिछले एक दशक से सीमित ओवरों के क्रिकेट में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और उनके रिकॉर्ड ने क्रिकेट मैदान पर अपने प्रभुत्व को स्थापित भी किया है। पिछले दस सालों में, भारत ने 5 मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में छह बार किसी टीम का सफाया किया है। इस लेख में हम उन उदाहरणों पर एक नजर डाल रहे हैं, जब भारत ने 5 मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में अपने विपक्षी को पूरी तरह से साफ़ कर दिया और सारे मैच जीते। #6 श्रीलंका, 2017- श्रीलंका भारत एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय श्रृंखला में टेस्ट सीरीज में भारी जीत के साथ आया। खिलाड़ियों ने आत्मविश्वास बरकरार रखा क्योंकि वे एकदिवसीय प्रारूप के अपने फॉर्म को दोहराने के लिये तैयार नजर आ रहे थे। उन्होंने एक अंदाज़ और तेवर के साथ कर भी दिखाया। दूसरी बार उन्होंने श्रीलंका को द्विपक्षीय एकदिवसीय श्रृंखला में 5-0 से मात दे दी। श्रीलंका की श्रृंखला में उनके क्षण थे लेकिन मिले अवसरों का लाभ नहीं उठा पाई। दूसरे और तीसरे एकदिवसीय मैच में भारत ने खुद को मुश्किल में पाया था। श्रीलंका का गेंदबाज़ी आक्रमण भारत के बल्लेबाजों पर लगाम लगा पाने में कामयाब न रह सका और भारत मैच हार के मुहँ से निकाल ले गया। #5 इंग्लैंड, 2011- भारत जुलाई के दौरान, भारत ने इंग्लैंड का दौरा किया और खेल के सभी तीन प्रारूपों में बड़ी हारो का सामना किया। उसी वर्ष बाद में, इंग्लैंड ने 5 मैच वनडे इंटरनेशनल सीरीज के लिए भारत का दौरा किया। इस बार भारत ने घरेलू परिस्थितियों का पूरा फायदा उठाया और 5-0 इंग्लैंड का सफाया कर दिया। इंग्लिश टीम उपमहाद्वीप के विकेटों के साथ तालमेल बिठाने में असमर्थ रही और पूरी श्रृंखला में खुद को परेशानी में पाया। मोहाली में तीसरे एकदिवसीय मैचों में, इंग्लैंड ने भारत को 300 का कठिन लक्ष्य पीछा करने के लिए पेश किया - एक इंग्लैंड खेल में आगे चल भी रहा था, लेकिन भारत के निचले क्रम के कठोर परिश्रम और डिफेन्स ने सुनिश्चित किया की भारत मैच जीत ले जाये। #4 जिम्बाब्वे, 2013- ज़िम्बाब्वे 2013 में, विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम ने जिम्बाब्वे का 5 मैचों की एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय श्रृंखला के लिए दौरा किया। हालांकि ज़िम्बाब्वे से भारत को ज्यादा खतरा नहीं होने की उम्मीद थी, और शुरु से ही भारत द्वारा श्रृंखला को बिना किसी ख़तरे के जीतने के अनुमान थे। जिम्बाब्वे के खिलाड़ियों ने अपने दिल से कोशिश की, लेकिन फिर भी सीरीज को 5-0 के मार्जिन से हार गयी। विराट कोहली ने सर्वोच्च स्तर पर एक कप्तान रूप में अपने कौशल की एक झलक भी दी। श्रृंखला के शुरू होने से पहले, ज़िम्बाब्वे के पक्ष में ज्यादा नतीजें झुके रहने की उम्मीद नही थी और श्रृंखला का नतीजा भी भविष्यवाणी से अलग नहीं था। #3 न्यूजीलैंड, 2010- भारत न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीतने के बाद, भारत ने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में अपनी गति को बढ़ाया। सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह और वीरेंद्र सहवाग सहित कई भारतीय दिग्गजों को इस घरेलू श्रृंखला के लिए विश्राम किया गया। इसमें गौतम गंभीर को भारतीय टीम की कप्तानी करने का मौका दिया गया और उन्होंने दोनों हाथों से इस अवसर को लपका। न्यूजीलैंड ने बड़ी मुश्किलों का सामना किया और संघर्ष किया क्योंकि भारत ने श्रृंखला 5-0 के बड़े अन्तराल से जीत ली। गौतम गंभीर ने भारत का श्रृंखला में न केवल नेतृत्व किया, बल्कि वह श्रृंखला के टॉप रन-स्कोरर बन गए, जिसमें उन्होंने 109.66 की औसत से 329 रन बनाए। #2 श्रीलंका, 2014- भारत नवंबर 2014 में, श्रीलंका ने 5 मैच वनडे मैचों की अंतर्राष्ट्रीय श्रृंखला के लिए भारत का दौरा किया। श्रीलंका के पास तिलकरत्ने दिलशान, कुमार संगकारा और महेला जयवर्धन के रूप में उनका दमदार कप्तान था। श्रृंखला की शुरुआत से पहले उन्हें हराना आसान काम नहीं दिख रहा था। फिर भी, भारत ने पूरी तरह से अपना दमखम दिखाया और 5-0 के अंतर से जीत के लिए अपना रास्ता बनाया। सिर्फ आखिरी गेम में एक बार ऐसा लगा था जब श्रीलंका ने भारत को कुछ टक्कर दी हो। हालांकि, विराट कोहली ने 126 गेंदों में 139 रनों की शानदार पारी खेली जिससे भारत ने तीन विकेट से जीत हासिल की, और भारत ने श्रृंखला का पूरा सफाया किया। #1 इंग्लैंड, 2008- भारत इंग्लैंड के भारत दौरे में शुरू में सात वनडे अंतर्राष्ट्रीय शामिल थे, जो तीन हफ्तों में खेला जाने वाले थे। हालांकि, कुख्यात मुंबई के आतंकवादी हमलों के बाद, दो मैचों को रद्द कर दिया गया और सीरीज अंततः 5 मैच की बन गई। कुछ मौकों पर, बारिश मैच खराब करती दिखी, लेकिन इतनी नही कि वे भारत को 5-0 की जीत से वंचित कर सके। राजकोट में उद्घाटन मैच से ही भारतीय टीम ने विपक्षियों को बैकफूट पर ला के खड़ा कर दिया। इंग्लिश क्रिकेटरों ने कुछ बढ़िया खेल की झलक दिखाई लेकिन भारतीय टीम उनके लिये काफी मजबूत टीम बन सामने आई। कटक में केविन पीटरसन का शतक श्रृंखला में इंग्लैंड के लिए एकमात्र उज्जवल मौका साबित हुआ। लेखक: सब्यसाची चौधरी अनुवादक: राहुल पांडे