#4. पार्थिव पटेल (2003)
पार्थिव पटेल को सबसे पहले 2002 में भारतीय टेस्ट टीम में जगह मिली क्योंकि उस समय टीम में किसी विशेषज्ञ विकेटकीपर-बल्लेबाज़ की कमी थी। इसके बाद 2003 में उन्हें वर्ल्ड कप से ठीक एक महीने पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम में शामिल किया गया, जिसमें उन्होंने औसत प्रदर्शन किया।
इसके बाद उन्हें भारत की 15 सदस्यीय वर्ल्ड कप टीम में भी जगह मिली। हालांकि, वह इस वर्ल्ड कप में कोई मैच नहीं खेल पाए और उन्हें सभी मैच बाहर बैठ कर देखने पड़े। उनकी जगह राहुल द्रविड़ ने विकेटकीपिंग की ज़िम्मेदारी संभाली।
अपने अनियमित प्रदर्शन और एमएस धोनी के आने के बाद पटेल के लिए भारतीय टीम में वापसी कर पाना और भी मुश्किल हो गया।
#5. पियूष चावला (2011)
पियूष चावला को अनिल कुंबले के वारिस के रूप में देखा गया था। अपनी खतरनाक गुगली के लिए जाने जाने वाले चावला को 2006 में 18 साल की उम्र में राष्ट्रीय टीम में जगह मिली लेकिन वह अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर पाए।
2011 में चुनी गई वर्ल्ड कप टीम में उन्हें प्रज्ञान ओझा और अमित मिश्रा पर तरजीह दी गई जो काफी लोगों के लिये चोंकाने वाला था। हालांकि इस टूर्नामेंट में उन्हें केवल एक ही मैच खेलने का मौका मिला।