7 भारतीय खिलाड़ी जो साल 2013 में चैंपियंस ट्राफी में खेले थे, लेकिन 2017 में नहीं खेलेंगे

आईसीसी चैंपियंस ट्राफी में जाने वाली भारतीय टीम की घोषणा कर दी गयी है। जिसमें अनुभवी खिलाड़ियों के अलावा उभरते सितारों को भी मौका मिला है। इंग्लैंड में होने वाले इस टूर्नामेंट में भारत के ऊपर ख़िताब बचाने का अतिरिक्त दबाव होगा। साल 2013 में चैंपियन टीम का हिस्सा रहे 7 खिलाड़ियों को इस बार टीम में जगह नहीं मिली है: आर विनय कुमार कर्नाटक के तेज गेंदबाज़ आर विनय कुमार साल 2013 में आईपीएल में अपने शानदार प्रदर्शन 16 मैचों में 23 विकेट के बूते भारतीय टीम में जगह बनाई थी। ये तेज गेंदबाज़ साल भर से ज्यादा सीमित ओवरों की टीम में शामिल रहा था। साथ ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना टेस्ट करियर भी विनय ने शुरू किया था। यद्यपि विनय कुमार चैंपियंस ट्राफी में भारतीय टीम के सदस्य तो थे लेकिन वह किसी मुकाबले में नहीं उतरे थे। बाद में वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरिज में खेले थे। जहाँ वह निर्णायक मुकाबले में काफी महंगे साबित रहे थे। उसके बाद वह टीम से बाहर कर दिए गये थे। इरफ़ान पठान भुवनेश्वर कुमार के साथ इरफ़ान पठान दूसरे बैकअप सीम गेंदबाज़ थे। जिन्हने टूर्नामेंट में सिर्फ एक मुकाबला खेला था। बड़ौदा के इस क्रिकेटर का प्रदर्शन आईपीएल में अच्छा नहीं रहा था। उनके नाम सिर्फ 10 विकेट थे। लेकिन उन्हें विनय कुमार की तरह ही श्रीलंका के खिलाफ हुई सीरिज में मौका मिला था। श्रीलंका के बाद इरफ़ान पठान को दोबारा भारतीय टीम में जगह नहीं मिली। हालाँकि वह चैंपियंस ट्राफी की विजेता टीम के सदस्य हैं। अमित मिश्रा लेग स्पिनर मिश्रा भारतीय टीम में लम्बे समय से जगह बनाये हुए हैं, लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला है। इरफ़ान पठान की तरह ही मिश्रा को भी इंग्लैंड में वार्म-अप मुकाबले में खेलने का मौका मिला था। उन्हें टीम में उनके आईपीएल के प्रदर्शन के आधार चुना गया था। लेकिन कप्तान धोनी और टीम प्रबन्धन ने जडेजा और आश्विन पर ही भरोसा जताया। लेकिन उसके बाद मिश्रा भारत के लिए खेलते रहे हैं। लेकिन 2014 के टी-20 वर्ल्डकप के बाद उन्हें बड़े टूर्नामेंट अंतिम 11 में मौका नहीं मिला है। आशा है कि उन्हें 2019 के वर्ल्डकप में मौका मिलेगा। इशांत शर्मा लम्बे कद के तेज गेंदबाज़ इशांत शर्मा ने भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में खेला है। साल 2013 के चैंपियंस ट्राफी के फाइनल मुकाबले में वह बतौर नायक उभरे थे। जब उन्होंने लगातार दो गेंदों में रवि बोपारा और इयोन मॉर्गन को आउट कर दिया था। हालाँकि उसके बाद इशांत के प्रदर्शन में सीमित ओवर के क्रिकेट में गिरावट आती गयी। कुछ महीने बाद ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर जेम्स फाकनर ने मोहाली में इशांत की जमकर धुनाई की। जिसके बाद वह टीम से बाहर हो गये। हालाँकि टेस्ट प्रारूप में इशांत भारतीय टीम के अहम सदस्य हैं। मुरली विजय टेस्ट क्रिकेट में भारत के सलामी बल्लेबाज़ मुरली विजय साल 2013 के चैंपियंस ट्राफी में खेले थे। वार्म अप मैचों में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। इस वजह से शर्मा को भारतीय टीम का सलामी बल्लेबाज़ बना दिया गया। ये फैसला भारतीय क्रिकेट के लिए अहम साबित हुआ। विजय को उसके बाद भारतीय टीम में दोबारा जगह नहीं मिली। लेकिन वह टेस्ट में भारतीय टीम का लगातार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हालाँकि विजय को टीम में वापसी की उम्मीद है। दिनेश कार्तिक साल 2010 में दिनेश कार्तिक ने अपना आखिरी वनडे मुकाबला खेला था। हालाँकि वह चैंपियंस ट्राफी 2013 की टीम में शामिल किये गये थे। लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था। इस बार उनके घरेलु प्रदर्शन और जारी आईपीएल सीजन में प्रदर्शन को देखते हुए ऐसा लग रहा था की वह टीम में जगह पाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भले ही कार्तिक को इस टूर्नामेंट के लिए नहीं चुना गया हो, लेकिन भविष्य में उन्हें टीम इंडिया में शामिल किया जा सकता है। सुरेश रैना साल 2017 की टीम में सुरेश रैना को जगह न मिलना किसी चौंकाने वाले निर्णय की तरह रहा है। क्योंकि रैना भारतीय वनडे टीम के सदस्य रहे हैं और उन्होंने बड़े मौकों पर टीम को जीत दिलाई है। रैना की सबसे बड़ी कमजोरी शार्ट बॉल को न खेल पाना है। इस वजह से उनकी फॉर्म पर बहुत ही बुरा असर पड़ा है। लेकिन इसके बावजूद वह भारत धाकड़ बल्लेबाजों में से एक हैं। ऐसे में आशा है कि वह जल्द ही बेहतर प्रदर्शन करके भारतीय टीम में वापसी करेंगे। साल 2015 में रैना ने अपना आखिरी वनडे मुकाबला खेला था। ऐसे में उनके भविष्य पर सवालिया निशान उठता है।

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