7 शानदार छक्के जिसे भारतीय क्रिकेट फैंस कभी नहीं भूल सकते हैं

कई ऐतिहासिक छक्के भारतीय क्रिकेट में लगे हैं
कई ऐतिहासिक छक्के भारतीय क्रिकेट में लगे हैं

एक जमाना था जब क्रिकेट में छक्के लगाना बहुत बड़ी बात समझी जाती थी। एक छक्का लगने पर बल्लेबाज के साथ ही फैंस भी काफी खुश हो जाते थे। ज्यादातर मैचों में एक भी छक्का नहीं लगता था। सर डोनाल्ड ब्रेडमैन को क्रिकेट का सबसे महान बल्लेबाज माना जाता है, लेकिन अपने क्रिकेट करियर में 35, 000 से भी ज्यादा रन बनाने के बावजूद वो महज 6 ही छक्के लगा पाए। समय बदलने के साथ खेल बदला और खिलाड़ियों के खेलने का तरीका भी बदल गया। धीरे-धीरे समय बीतने के साथ खिलाड़ी ज्यादा आक्रामक हो गए और सीमित ओवरों के खेल में सिक्सर आम बात हो गई।

अब हर मैच में दोनों ही टीमों की तरफ से काफी अच्छे लंबे-लंबे छक्के देखने को मिलते हैं। लेकिन छक्के लगाने की भी एक कला होती है। ये महज 6 रन बटोरने का साधन भर नहीं है, बल्कि इससे बल्लेबाज की काबिलियत का भी पता चलता है। क्रिकेट में कुछ खिलाड़ियों ने ऐसे छक्के लगाए हैं जिन्हें सालों तक याद रखा जाएगा। अगर हम भारतीय फैंस के नजरिए से देखें तो कई खिलाड़ियों ने शानदार छक्के लगाये हैं जिन्हें फैंस कभी नहीं भूल सकते हैं। आइए जानते हैं 7 ऐसे ही छक्कों के बारे में जिन्हें भारतीय फैंस कभी भुला नहीं सकते।

7 शानदार छक्के जिसे भारतीय फैंस कभी नहीं भुला सकते हैं

7.निदहास ट्रॉफी फाइनल में दिनेश कार्तिक का छक्का

Australia v India - T20
Australia v India - T20

2018 के निदहास ट्रॉफी फाइनल मुकाबले में दिनेश कार्तिक ने जो छक्का लगाया था उसे हमेशा याद रखा जाएगा। बांग्लादेश ने पहले बैटिंग करते हुए 166 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करते हुए मुकाबला काफी रोमांचक स्थिति में पहुंच गया। भारतीय टीम को आखिरी गेंद पर जीत के लिए 5 रन चाहिए थे और दिनेश कार्तिक ने शानदार छक्का लगाकर ये मैच जिता दिया।

6. 2011 में ओल्ड ट्रैफर्ड मे राहुल द्रविड़ के छक्के

Rahul Dravid of India hits out
Rahul Dravid of India hits out

अपने पहले और आखिरी टी-20 मैच में राहुल द्रविड़ ने इंग्लैंड के खिलाफ लगातार 3 छक्के जड़े थे। राहुल द्रविड़ को ज्यादा आक्रामक बल्लेबाज नहीं माना जाता था। वो ज्यादातर ग्राउंडेड शॉट खेलते थे और उनकी बल्लेबाजी की तकनीक काफी अच्छी थी। ज्यादातर गेंदों पर वो रक्षात्मक रवैया अपनाते थे। आक्रामक शॉट कम खेलते थे।

शुरुआत में जब वो आए तो सीमित ओवरों की टीम में जगह बनाने के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ा था। राहुल द्रविड़ भारत के अकेले ऐसे खिलाड़ी होंगे जिन्होंने टीम की जरुरत के हिसाब से सब-कुछ किया। जब टीम को जरुरत पड़ी तो उन्होंने सलामी बल्लेबाज की भी भूमिका निभाई,जब टीम को विकेटकीपर की जरुरत पड़ी तो गल्व्स पहन कर विकेट के पीछे भी खड़े हो गए, यानि द्रविड़ ने भारतीय टीम के लिए सबकुछ किया। जब वो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायर हुए तो उनके नाम सभी फॉर्मेट में अच्छे-खासे रन थे। सीमित ओवरों के खेल में भी द्रविड़ ने अपना जलवा दिखाया।

द्रविड़ ने अपने पूरे अंतर्राष्ट्रीय करियर में मात्र एक टी-20 मैच खेला। 2011 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला और आखिरी टी-20 मैच खेला। द्रविड़ को ज्यादा आक्रामक प्लेयर नहीं माना जाता है, लेकिन उस मैच में उस वक्त टीम को रनों की जरुरत थी और द्रविड़ ने रन बनाकर दिए।

द्रविड़ ने पहले कुछ समय लिया लेकिन एक बार सेट हो जाने के बाद 11वें ओवर में समित पटेल के ओवर में उन्होंने 3 लगातार छक्के जड़ दिए। पहला छक्का उन्होंने मिड विकेट के ऊपर से मारा, दूसरा छक्का उन्होंने स्ट्रेट बाउंड्री के बाहर लगाया जबकि तीसरा छक्का उन्होंने स्वीप करके लगाया। द्रविड़ के वो 3 बेहतरीन छक्के आज भी भारतीय क्रिकेट फैंस के जेहन में ताजा हैं और वो उन्हें कभी नहीं भूल सकते।

5. 1998 में शारजाह में सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोका-कोला कप के फाइनल मुकाबले में शेन वॉर्न के ओवर में सचिन ने शानदार छक्का लगाया था। 90 के आखिर में सचिन तेंदुलकर और शेन वॉर्न अपने करियर के चरम पर थे। हर मैच में इन दोनों खिलाड़ियों के बीच जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती थी। 1998 में खेला गया कोका-कोला कप भी हमेशा याद रखा जाएगा।

उस सीरीज में भी दोनों खिलाड़ियों के बीच जमकर प्रतिस्पर्धा देखने को मिली थी। सचिन ने अपने शानदार शतक की बदौलत भारतीय टीम को फाइनल में पहुंचा दिया जहां उनका मुकाबला कंगारू टीम से था। फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी लग रहा था, लेकिन भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को संभलने का मौका ही नहीं दिया।

मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने उस मैच में 134 रनों की शानदार पारी खेलकर भारतीय टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई। सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के 273 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए बेहतरीन बल्लेबाजी की, उनकी ये पारी कंगारू टीम पर भारी पड़ गई।

सचिन ने ना केवल 134 बेहतरीन रन बनाए बल्कि कुछ खूबसूरत छक्के भी लगाए। मैच के 20वें ओवर में शेन वॉर्न की गेंद पर उन्होंने पहला छक्का लगाया। शेन वॉर्न ने सचिन को राउंड द् विकेट गेंद डालने का फैसला किया लेकिन सचिन ने गेंद को लॉन्ग ऑन बाउंड्री के बाहर 6 रनों के लिए भेज दिया।

वॉर्न उस मैच में काफी महंगे साबित हुए और बिना कोई विकेट लिए 61 रन खर्च डाले। सचिन तेंदुलकर की एक पारी ने पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। बाद में वॉर्न ने मजाक-मजाक में कहा भी था कि उन्हें सचिन के सपने आते हैं। जाहिर सी बात है ऐसे छक्के किसी भी गेंदबाज के लिए बुरे सपने हो सकते हैं।

4. 2004 में मुल्तान में वीरेंदर सहवाग

England v India: 4th npower Test - Day Four
England v India: 4th npower Test - Day Four

भारत में कई महान बल्लेबाज हुए हैं। सुनील गावस्कर से लेकर सचिन तेंदुलकर तक एक से बढ़कर एक दिग्गज बल्लेबाज भारत ने वर्ल्ड क्रिकेट को दिए। इन खिलाड़ियों ने कई सारे रिकॉर्ड तोड़ और बनाए लेकिन एक रिकॉर्ड ऐसा रहा जो सालों तक कोई भी भारतीय बल्लेबाज नहीं बना सका और वो रिकॉर्ड था टेस्ट क्रिकेट में 300 रन।

सुनील गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में 10, 000 से ज्यादा रन बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने लेकिन अपने क्रिकेट करियर में वो कभी तिहरा शतक नहीं लगा सके। दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने तो अपने करियर में रिकॉर्डों की झड़ी लगा दी लेकिन वो कभी तिहरा शतक नहीं लगा सके। तिहरे शतक के इस सूखे को खत्म किया विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग ने। मुल्तान टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ तिहरा शतक जड़कर वो 'मुल्तान के सुल्तान' बन गए।

295 रनों पर जब सहवाग पहुंचे तो सबको लगा कि तिहरा शतक पूरा करने के लिए सहवाग अब रक्षात्मक रवैया अपनाएंगे, लेकिन सहवाग के दिमाग में तो कुछ और ही चल रहा था। 300 रनों का दबाव उन पर बिल्कुल नहीं था। 295 रनों के स्कोर पर पाकिस्तानी टीम के दिग्गज स्पिनर सकलैन मुश्ताक गेंदबाजी करने के लिए आए। पाकिस्तान ने सहवाग पर दबाव बनाने की पूरी कोशिश की लेकिन सहवाग भी कहां चूकने वाले थे और उन्होंने छ्क्का जड़ दिया।

इस शॉट के साथ ही सहवाग इतिहास रच चुके थे। टेस्ट क्रिकेट में 300 रन बनाने वाले वो पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए।

3. 2007 में डरबन में युवराज सिंह

England v India - Twenty20 Super Eights
England v India - Twenty20 Super Eights

युवराज सिंह ने पहले टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ 6 गेंदों पर 6 छक्के लगाए थे। 2007 के पहले टी-20 वर्ल्ड कप में युवराज सिंह के उन 6 छक्कों को कौन भूल सकता है जो उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ स्टुअर्ट ब्रॉड की गेंद पर लगाए थे। युवराज सिंह से पहले 3 बल्लेबाज एक ओवर में 36 रन बना चुके थे। लेकिन इससे पहले किसी भी बल्लेबाज ने किसी भी ऐसे तेज गेंदबाज के गेंद पर 6 छक्के नहीं मारे थे जो कि एक मजबूत टीम का रेगुलर तेज गेंदबाज हो।

युवराज सिंह ने स्टुअर्ट ब्रॉड की गेंद पर 6 गेंदों पर 6 छक्के ऐसे लगाए मानो कि वो कोई साधारण गेंदबाज हों। स्टुअर्ट ब्रॉड को समझ नहीं आ रहा था कि वो कहां गेंदबाजी करें। युवराज ने उनकी गेंद को स्टेडियम की हर दिशा में सीमा रेखा के पार पहुंचाया। ब्रॉड अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे थे लेकिन उस समय युवराज की बल्लेबाजी को देखकर लग रहा था कि ब्रॉड चाहे जहां गेंदबाजी करें युवराज सिंह 6 छक्के लगाकर ही रहेंगे।

भारत ने 2007 का पहला टी-20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया लेकिन युवराज के वो 6 छक्के आज भी भारतीय फैंस के जेहन में ताजा हैं।

2. 2003 में सेंचुरियन में सचिन तेंदुलकर का सिक्स-

सचिन तेंदुलकर का जबरदस्त छक्का सभी को याद है
सचिन तेंदुलकर का जबरदस्त छक्का सभी को याद है

वनडे वर्ल्ड कप में भारतीय टीम कभी पाकिस्तान से नहीं हारी है लेकिन जब भी इन दोनों टीमों के बीच मुकाबला होता है फैंस थोड़ा नर्वस हो जाते हैं। 2003 के वर्ल्ड कप में भी भारत और पाकिस्तान के बीच हाईवोल्टेज मुकाबला हुआ। पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने सईद अनवर के बेहतरीन शतक की बदौलत 50 ओवरों में 273 रनों का अच्छा स्कोर खड़ा किया।

भारत की बल्लेबाजी मजबूत थी लेकिन पाकिस्तान की गेंदबाजी भी उतनी ही अच्छी थी। खासकर पाकिस्तानी स्पीड स्टार शोएब अख्तर को लेकर भारतीय फैंस ज्यादा चिंतित थे कि उनकी गेंदों पर भारतीय बल्लेबाज कैसे रन बनाएंगे। सबको उम्मीद थी कि सेंचुरियन की तेज पिच पर शोएब अख्तर खतरनाक साबित होंगे। अपनी पहली गेंद शोएब अख्तर ने काफी तेज डाली लेकिन सचिन तेंदुलकर ने शोएब की गेंद को कट करके थर्ड मैन बाउंड्री के बाहर 6 रनों के लिए भेज दिया। पूरा स्टेडियम हैरान रह गया कि आखिर सचिन ने इतना शानदार छक्का कैसे लगाया ? पर भारतीय फैंस काफी खुश थे।

तेंदुलकर ने उस मैच में शोएब अख्तर की जमकर धुनाई की और बेहतरीन 98 रन बनाए। अपनी बल्लेबाजी से उन्होंने शोएब अख्तर का डर सभी के दिल से दूर कर दिया। शोएब अख्तर उस मैच में काफी महंगे साबित हुए 10 ओवरों में 72 रन खर्च कर डाले। भारत ने ये मैच 26 गेंद शेष रहते ही जीत लिया। इस तरह से वर्ल्ड कप में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक और मुकाबला अपने नाम किया।

1.वानखेड़े स्टेडियम में एम एस धोनी का विजयी छक्का

एम एस धोनी ने शानदार छक्का लगाकर टीम को वर्ल्ड कप जिताया था
एम एस धोनी ने शानदार छक्का लगाकर टीम को वर्ल्ड कप जिताया था

2011 का वर्ल्ड कप फाइनल और जगह मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के उस शॉट ने पूरे हिंदुस्तान को वो खुशी मनाने का मौका दिया जिसका इंतजार सभी देशवासी 28 साल से कर रहे थे। श्रीलंका के 275 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी ने कप्तानी पारी खेली और अंत में नुवान कुलसेखरा की गेंद पर छक्का लगाकर भारत को 28 साल बाद वर्ल्ड कप दिला दिया। उस लम्हे को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। सालों तक धोनी के उस शॉट को याद रखा जाएगा। जब भी भारतीय क्रिकेट के शानदार इतिहास की बात होगी तब धोनी के उस छक्के का जिक्र जरुर होगा।

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Edited by सावन गुप्ता