एमएस धोनी के बारे में 7 बातें जो आपको शायद ही पता हो

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भारत के सबसे सफल कप्तान एमएस धोनी हमेशा ही सुर्खियों में बने रहते हैं। चाहे पिच पर रन बनाने की बात हो या फिर एंडोर्समेंट्स की, शायद ही कोई ऐसी चीज हो, जिसपर 35 वर्षीय माही खबर बने बिना रह जाते हो। फिर भी उनके बारे में कुछ ऐसी चीजें हैं, जिसके बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी शायद ही हो। अधिकांश लोग जानते है कि वह एक शानदार गोलकीपर थे तो क्या आप जानते हैं कि वह एक और स्पोर्ट्स भी खेलते थे? धोनी ने कई हेयरस्टाइल्स रखी, जिसमें उनके करियर की शुरुआत में रखी लंबे बालों वाली हेयरस्टाइल सबसे ज्यादा ट्रेंडिंग रही। मगर क्या आप जानते हैं कि ऐसी हेयरस्टाइल रखने का कारण क्या था? तो फिर, ऐसी कुछ चीजें हैं जो आपको शायद धोनी के बारे में नहीं पता है यहां हम आपको धोनी के बारे में सात बातें बताने जा रहे है, जो शायद ही आपको पता हो : #1 क्रिकेट के बाहर की जिंदगी भले ही एमएस धोनी ऋति स्पोर्ट्स के शेयरहोल्डर नहीं हो, लेकिन भारतीय सीमित ओवरों के कप्तान को स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी के 15 प्रतिशत स्टेक हासिल करने में ज्यादा समय नहीं लगा। इसमें भारतीय क्रिकेटर्स ही क्लाइंट्स हैं। भले ही कुछ लोगों ने धोनी पर हितों के टकराव का आरोप लगाया हो, लेकिन फर्म ने इस पर से संकट के बादल हटाते हुए स्वीकार किया कि धोनी के अब स्टेक्स नहीं है और वह थोड़े समय के लिए ही शेयरहोल्डर थे। यह माही को क्रिकेट के अलावा स्पोर्ट्स में निवेश करने से नहीं रोक पाया। सहारा इंडिया परिवार के साथ 35 वर्षीय रांची रेज़ टीम के सह-मालिक बने, जो रांची आधारित क्लब है और हॉकी इंडिया लीग में हिस्सा लेता है। एमएस धोनी का बाइक के प्रति प्यार किसी से छुपा नहीं है और वह सुपरस्पोर्ट वर्ल्ड चैंपियनशिप में अक्किनेनी नागार्जुन के को-पार्टनर है, जहां उनकी टीम माही रेसिंग टीम इंडिया भाग लेती है। फुटबॉल की दीवानगी और चेन्नई सुपर किंग्स के कारण चेन्नई से लगाव के कारण इसे देखते हुए कोई हैरानी नहीं हुई कि वह अभिषेक बच्चन और वीटा दानी के साथ चेन्नईयन एफसी के सह-मालिक बने जो इंडियन सुपर लीग में भाग लेती है। #2 धोनी के टीटीई वाले दिन ms-dhoni-journey-1467842961-800 झारखंड से आए धोनी के बारे में कहना सही होगा कि क्रिकेट में उनका सफर आसान नहीं रहा। उनका सफर इसलिए प्रभावी बना क्योंकि वह हमेशा ही क्रिकेटर नहीं बनना चाहते थे। उन्होंने युवा उम्र में कई समय तक ट्रेन टिकट एग्जामिनर (टीटीई) के पद पर काम किया जो मशहूर भारतीय क्रिकेटर बनने से काफी समय पहले की यात्रा है। 2001 से 2003 तक धोनी खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर टीटीई थे। खड़गपुर स्टेशन पश्चिम बंगाल के मिदनापोर जिला के अंतर्गत आता है। अपने शानदार क्रिकेट करियर के सामान ही धोनी के साथी उन्हें ईमानदार और मुंह पर कहने वाला भारतीय रेलवेज का कर्मचारी बताते हैं। जहां वह एक मॉडल कर्मचारी थे, तब उनका शरारती रूप भी दिखा जिसकी वजह से वह एक बार खबर बन चुके थे। उन्होंने मस्ती करने के लिए अपने दोस्तों का साथ लिया। वह सफेद चादर ओढ़े रेलवे क्वार्टर काम्प्लेक्स में निकल गए और भूत बनकर गार्ड्स को डराया। #3 फुटबॉल के अलावा खेला बैडमिंटन ms-dhoni-football-1467842826-800 भारतीय क्रिकेटर बनने का एमएस धोनी का सफर अन्य क्रिकेटरों से अलग रहा। शुरुआती समय में उन्होंने एक युवा होने के बाद भी क्रिकेट खेलना शुरू नहीं किया था। उनके फुटबॉल कोच को धन्यवाद देना चाहिए, जिन्होंने माही को स्थानीय क्रिकेट क्लब (कमांडो क्रिकेट क्लब) में खेलने के लिए भेजा। इससे पहले वह बैडमिंटन और फुटबॉल खेला करते थे और दोनों ही खेलों की जिला टीम में चयनित भी हुए थे। विकेटकीपर के रूप में उनके रिफ्लेक्सेस आज भी सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं। इसका श्रेय इस बात को जाता है कि धोनी ने अपने करियर की शुरुआत गोलकीपर के रूप में की थी। यही नहीं, 10वीं क्लास में पहुंचने से पहले उन्होंने क्रिकेट पर ध्यान केन्द्रित करने का फैसला भी नहीं किया था। अगर उनके फुटबॉल कोच नहीं होते, तो धोनी कभी भी विकेट के पीछे खड़े होकर भारत को इतनी उपलब्धियां नहीं दिला पाते। मगर यह कौन जानता है कि वह भारत का प्रतिनिधित्व फुटबॉल में करते। #4 सचिन द्वारा कप्तान बनाए जाने की सिफारिश KOLKATA, INDIA - NOVEMBER 17: Sachin Tendulkar and Mahendra Singh Dhoni of India have a conversation during the fourth day of second test match between India and West Indies at Eden Gardens stadium on November 17, 2011 in Kolkata, India. (Photo by Subhendu Ghosh/Hindustan Times via Getty Images) एमएस धोनी एकमात्र भारतीय कप्तान हैं, जिन्होंने अपनी टीम को आईसीसी के तीनों प्रमुख टूर्नामेंट्स के खिताब जिताए। इसकी शुरुआत 2007 आईसीसी वर्ल्ड टी20 से हुई, फिर 2011 वर्ल्ड कप और फिर 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के साथ धोनी ने तीनों खिताब जीते। मगर क्या आप जानते है कि इन सबकी शुरुआत महान बल्लेबाज की सलाह से हुई? सचिन तेंदुलकर के साथ उनकी पहली मुलाकात तब हुई थी जब महान बल्लेबाज वेस्टजोन की तरफ से खेल रहे थे और धोनी 12वे खिलाड़ी थे। सचिन ने मैच विजयी 199* रन की पारी के दौरान पानी का इशारा किया और धोनी ने उन्हें पानी पिलाया। इसके बाद से धोनी ने सचिन को प्रभावित किया और जब भारत के नए कप्तान खोजने की बारी आई, धोनी के नाम की सिफारिश किसी और ने नहीं बल्कि भारत के महान बल्लेबाज सचिन ने की। जब 2007 में भारतीय टीम के अगले कप्तान की बात उठी तो सचिन ने धोनी को उनके शांत स्वाभाव के कारण और खिलाड़ियों के साथ बात करने की क्षमता को देखते हुए नाम की सिफारिश कर दी। और भारतीय क्रिकेट के लिए यह कितना महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। #5 मानद रैंक हासिल करने वाले दूसरे भारतीय क्रिकेटर ms-dhoni-army-1467843131-800 एमएस धोनी शायद भारतीय क्रिकेट के महान कप्तानों में से एक रहे, लेकिन उन्होंने कभी भी आर्मी के प्रति अपने लगाव को किसी से नहीं छुपाया। उन्होंने साथ ही कहा कि क्रिकेट करियर खत्म करने के बाद वह कुछ समय आर्मी में कोई भूमिका निभाना चाहेंगे। अगर इसमें किसी प्रोत्साहन के जुड़ाव की जरुरत थी तो वो भी उन्हें 2011 में मिल गया। 1 नवंबर को भारतीय प्रादेशिक सेना ने महेंद्र सिंह धोनी को लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक से सम्मानित किया। वह इस उपलब्धि को हासिल करने वाले दूसरे भारतीय क्रिकेटर बने। उनसे पहले भारत की विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव को इस मानद रैंक से सम्मानित किया गया था। #6 टाटा सूमो ने टाल दिया दुलीप ट्रॉफी पदार्पण JAIPUR, INDIA: India's Board President's XI wicketkeeper Mahendra Singh Dhoni (R) stumps South African captain Graeme Smith (L) as Indian player Sadagopan Ramesh (C) looks on during the first day of the three-day match between South Africa and Board President's XI in Jaipur, 14 November 2004. South Africa declared their innings at 226 runs for the loss of five wickets, with board President's XI scoring four runs in response at the end of the days play. AFP PHOTO/RAVEENDRAN (Photo credit should read RAVEENDRAN/AFP/Getty Images) हर कोई जानता है कि एमएस धोनी का राष्ट्रीय टीम तक का सफर आसान नहीं रहा। ऐसे राज्य से ताल्लुक रखने वाले जो क्रिकेटरों का उत्पाद करने के लिए मशहूर नहीं है, उन्हें मुकाम हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करना होती है। मगर धोनी के भाग्य ने उनकी राह और मुश्किल कर दी। जब ऐसा लगने लगा की दुलीप ट्रॉफी में वह ईस्टजोन की तरफ पदार्पण करेंगे, तब उन्हें टीम के मैदान में जाने से पहले के शब्द सुनने को नहीं मिले। चूंकि उस समय सोशल मीडिया नहीं था तो धोनी को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ से टीम में चयन की खबर सही समय पर नहीं मिली। जब तक खबर रांची तक पहुंची, टीम अगरताला के लिए रवाना हो चुकी थी। हालांकि उनके दोस्त परमजीत सिंह ने स्थानीय लोगों की मदद से इस उम्मीद के साथ टाटा सूमो कार बुक की ताकि धोनी को पहुंचने में 20 घंटे लगेंगे। दुर्भाग्यवश दोस्तों की मदद के बावजूद कार के खराब होने के कारण धोनी नहीं पहुंच पाए और दीप दासगुप्ता ने साउथजोन के खिलाफ विकेटकीपर की भूमिका निभाई। फिर धोनी दूसरे मैच के लिए पुणे गए और सचिन से पहली बार मिले, जबकि वह 12वे खिलाड़ी थे। #7 लंबे बाल रखने के पीछे का कारण JAIPUR, INDIA: Indian batsman Mahendra Singh Dhoni waves his bat and helmet after he scored a century during the third one-day international match between India and Sri Lanka at the Mansingh Cricket Stadium in Jaipur 31 October 2005. India won by 6 wickets. AFP PHOTO/RAVEENDRAN (Photo credit should read RAVEENDRAN/AFP/Getty Images) अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर के दौरान एमएस धोनी ने कई हेयरस्टाइल्स रखी। चाहे वह मोहॉक हो या फिर पारंपरिक, धोनी ने कभी भी नई हेयरस्टाइल रखने में कोई चिंता नहीं दिखाई। आज भी उनके प्रशंसकों से पूछा जाए कि उन्हें कौनसी हेयरस्टाइल याद है तो अधिकांश लोगों का जवाब मिलता है उनके लंबे बाल। धोनी ने अपने शुरुआती करियर में बड़े बाल रखे थे। मगर क्या आपको पता है कि उन्होंने ऐसे बाल रखने का फैसला क्यों किया? इस हेयरस्टाइल को रखने के पीछे का असली कारण क्या है? एक बार पत्रकार के सामने धोनी ने खुलासा किया कि ऐसे बाल उन्होंने जॉन अब्राहम के कारण रखे थे। धोनी की बिपाशा बासु और अब्राहम के साथ दोस्ती के बारे में कम ही लोग जानते हैं, लेकिन एमएस के बड़े बाल रखने का कारण बॉलीवुड एक्टर ही थे।