# डेनिस एमिस (इंग्लैंड)
इंग्लैंड के डेनिस एमिस ने 1972 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने डेब्यू वनडे में शतक लगाया था और ऐसा करने वाले पहले बल्लेबाज बने थे, लेकिन 1977 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी वनडे खेला और उसमें भी शतक लगाकर एक बेहद अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम किया। ओवल में खेले गए मैच में इंग्लैंड के डेनिस एमिस के 108 रनों की मदद से 54.2 ओवर में 242 रन बनाये, जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट खोकर जीत हासिल कर ली।
# क्लाइव रैडली (इंग्लैंड)
1978 में पाकिस्तान के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू करने वाले क्लाइव रैडली ने 1978 में ही अपना आखिरी वनडे भी खेला। अपने करियर में सिर्फ 4 वनडे खेले वाले रैडली ने पहले मैच में 79 रनों की बढ़िया पारी खेली थी। उन्होंने अपना आखिरी मैच ओल्ड ट्रैफर्ड में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला और उसमें 117 रनों की नाबाद पारी खेली। इंग्लैंड ने उनकी पारी की मदद से 278/5 का स्कोर बनाया, जिसके जवाब में न्यूजीलैंड की टीम 152 रन ही बना पाई। हालाँकि इस शानदार पारी के बाद रैडली कभी इंग्लैंड के लिए वनडे नहीं खेले।
# डेसमंड हेंस (वेस्टइंडीज)
1978 में वनडे डेब्यू करने वाले डेसमंड हेंस को अपने समय के दिग्गज बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। उनके नाम एक समय वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा 17 शतक लगाने का रिकॉर्ड दर्ज़ था, जिसे बाद में सचिन तेंदुलकर ने तोड़ा। 1978 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में भी शतक लगाने वाले हेंस ने 1994 में इंग्लैंड के खिलाफ पोर्ट ऑफ़ स्पेन में अपना आखिरी वनडे खेला और उस मैच में भी 115 रनों की बेहतरीन शतकीय पारी खेली। वेस्टइंडीज (265/7) ने बारिश से प्रभावित उस मैच में इंग्लैंड (193/9, लक्ष्य 36 ओवर में 209) को 15 रनों से हराया था।
# फेको क्लोपेनबर्ग (नीदरलैंड्स)
सितम्बर 2002 में चैंपियंस ट्रॉफी में अपना पहला मैच खेलने वाले फेको क्लोपेनबर्ग ने अपना आखिरी वनडे 2003 वर्ल्ड कप में नामीबिया के खिलाफ खेला था। ब्लोमफोंटिन में खेले गए मैच में फेको क्लोपेनबर्ग ने 121 रनों की शतकीय पारी खेली थी और क्लास-यान वैन नूर्टविक (134*) के साथ दूसरे विकेट के लिए 228 रनों की बेहतरीन साझेदारी निभाई थी। नीदरलैंड्स ने 314/4 का विशाल स्कोर बनाया था, जिसके जवाब में नामीबिया की टीम 250 रन ही बना सकी थी। क्लोपेनबर्ग ने गेंदबाजी में भी कमाल दिखाया था और चार विकेट लिए थे।