भारतीय क्रिकेट इतिहास की 8 यादगार साझेदारियां जो फ़ैन्स के ज़ेहन में आज भी हैं ज़िंदा

FEATURE

#5 सौरव गांगुली – राहुल द्रविड़, विश्व कप 1999

DADA-DRAVID

1999 विश्व कप में भारत के लिए हालात ठीक नहीं थे। पिता की आकस्मिक मौत की वजह से सचिन को टूर्नामेंट के बीच में भारत लौटना पड़ा। भारत, जिम्बाब्वे से मैच हार चुका था। अगला मैच था भारत और श्रीलंका के बीच और टूर्नामेंट में बने रहने के लिए दोनों ही टीमों को यह मैच जीतना जरूरी था। मैच में भारतीय पारी की शुरूआत करने उतरे सदागोपन रमेश और सौरव गांगुली। रमेश, चामिंडा वास का शिकार हो गए। इसके बाद राहुल द्रविड़, गांगुली का साथ देने आए। राहुल द्रविड़ ने श्रीलंकाई गेंदबाजों को आक्रामकता से खेलना शुरू किया। उन्होंने सिर्फ 25 गेंदों में 38 रन बना डाले। राहुल द्रविड़ और गांगुली दोनों ने शतकीय पारियां खेलीं। दोनों ने मिलकर 318 रनों की साझेदारी की। यह वनडे क्रिकेट में पहली 300 रनों की पार्टनरशिप थी। गांगुली ने 158 गेंदों में 183 रन बनाए। यह उस समय विश्व कप इतिहास में किसी भी खिलाड़ी द्वारा दूसरा सर्वाधिक स्कोर था। इस साझेदारी की बदौलत भारत ने श्रीलंका के सामने 373 रनों का विशाल लक्ष्य रखा। 2007 विश्व कप में बरमूडा के खिलाफ 413 रनों के पहले तक यह स्कोर (373) भारत का विश्व कप में सर्वाधिक स्कोर रहा। भारत ने इस ऐतहासिक मैच में श्रीलंका को 157 रनों के बड़े अंतर से हराया।

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