भारतीय क्रिकेट इतिहास की 8 यादगार साझेदारियां जो फ़ैन्स के ज़ेहन में आज भी हैं ज़िंदा

FEATURE

#1 गौतम गंभीर – विराट कोहली – महेंद्र सिंह धोनी, विश्व कप 2011 का फाइनल मुकाबला

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GAMBHIR-KOHLI-DHONI

इस यादगार साझेदारी में रनो का अंबार नहीं था फिर भी यह भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण साझेदारी थी। मौका था 2011 विश्व कप फाइनल। एक बार फिर भारत विश्व कप जीतने से बस एक कदम दूर था, लेकिन हालात पूरी तरह से विपरीत थे। भारत सिर्फ 31 रनों पर अपने शीर्ष दो बल्लेबाज गंवा चुका था। भारत का खाता भी नहीं खुला था और सहवाग आउट हो चुके थे। इतना ही आंकड़े कहते हैं कि इस समय तक पिछले 9 विश्व कप फाइनल मैचों में सिर्फ 2 बार, दूसरी पारी में खेलने वाली टीम को जीत मिली थी। सहवाग के बाद जब सचिन भी कम स्कोर पर कैच दे बैठे तो वानखेड़े में सन्नाटा छा गया। इसके बाद भारतीय पारी को संभाला गौतम गंभीर और कोहली ने। भारत की बिखरती उम्मीदों को इन दो बल्लेबाजों ने फिर से संभाला। इन दो खिलाड़ियों का एक-एक रन हर भारतीय फैन्स के लिए राहत भरा था। इस जोड़ी ने 93 गेंदों में 83 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की। जब कोहली का विकेट गिरा, तब भारत 3 विकेट खोकर 114 रन बना चुका था। इसके बाद मैदान पर इतिहास रचने उतरे महेंद्र सिंह धोनी। धोनी और गंभीर ने मिलकर भारत पर बने दबाव को जड़ से ही खत्म कर दिया। दोनों खिलाड़ियों ने 19.4 ओवरों में 109 रन जोड़े। अंत में दुनिया के सबसे बेजोड़ फिनिशर्स में से एक धोनी ने छक्का लगाकर भारत के खाते में एक और विश्व कप जोड़ दिया। लेखकः आयुष भट्ट अनुवादकः देवान्श अवस्थी

Edited by Staff Editor
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