भारतीय क्रिकेट में चंद्रशेखर का नाम काफी बड़ा है। वह बेहतरीन लेग स्पिनर हुआ करते थे। भारत के लिए विदेशों में अपनी मैच विनिंग काबिलियत दिखाते हुए उन्होंने 5 टेस्ट में 42 विकेट लिए थे। एक बार उन्होंने कहा था कि उन्हें खुद नहीं पता होता था कि गेंद के साथ वह क्या करते थे। उनकी सटीक गुगली, टॉप स्पिन और लेग ब्रेक जो तकरीबन मध्यम गति के तेज गेंदबाज़ की तरह होती थी। 1971 में भारत को पहली बार इंग्लैंड में सीरीज में जीत हासिल हुई थी, जिसमें चन्द्र ने 38 रन देकर 6 विकेट लिए थे। और इसके आलावा उन्होंने में मेलबर्न में भारत की जीत में अहम योगदान दिया था और 104 रन देकर 12 विकेट लिए थे। विस्फोटक बल्लेबाज़ विवियन रिचर्ड्स ने कहा था, “ चन्द्र के सामने उन्हें लम्बे समय तक टिककर खेलना पड़ता था। वह मेरे लिए सबसे कठिन गेंदबाज़ था, जिसका सामना मैंने किया था। मैं उनके खिलाफ कभी सहज महसूस नहीं कर पाया था। ये उनकी महानता थी, उनकी काबिलियत ही थी कि वह विपक्षी बल्लेबाजों को गलती करने पर मजबूर कर देते थे। वह एक मात्र ऐसे गेंदबाज़ थे जिनका मैं बहुत ही सम्मान करता था। उन्हें दैवीय क्षमता हासिल थी।”