सुनील नारेन ने तब दुनिया को आकर्षित किया था जब उन्होंने अपनी जादुई गेंदबाज़ी से ट्रायल मैच में सभी 10 विकेट ले लिए थे। उन्हें विंडीज के चयनकर्ताओं ने त्रिनिदाद और टोबैगो की टीम से तुरंत बुला लिया था। नारेन को वेस्टइंडीज की तरफ से अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच 2011 में खेलने को मिला था और उसके बाद उन्होंने साल 2012 में वेस्टइंडीज को टी-20 विश्वकप में ख़िताब दिलाने में अहम भूमिका अदा की। वह कैरम बॉल, नकल बॉल और स्किडर का अच्छा इस्तेमाल करते हैं। साल 2012 और 2014 में आईपीएल में केकेआर की टीम को आईपीएल का चैंपियन बनाने में नारेन ने अहम भूमिका निभाई थी। हालाँकि वह टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम साबित हुए थे। लेकिन वह छोटे प्रारूप में खेलते रहे हैं। नारेन चैंपियंस लीग टी-20 2014 में संदिग्ध गेंदबाज़ी एक्शन के लिए विवादों में भी रहे जहाँ उन्हें बैन भी झेलना पड़ा था। उसके बाद उन्हें विंडीज टीम से अक्टूबर में हुए वनडे और टी-20 सीरीज से बाहर कर दिया गया था। जो उनके लिए बुरी खबर की तरह था। इसके बाद 2015 की विश्वकप टीम से इस गेंदबाज़ ने अपनी गेंदबाज़ी एक्शन को सुधारने के लिए नाम वापस ले लिया था। उसके बाद वह जब नवम्बर में वापस आये तो उन्हें दोबारा खराब एक्शन का आरोप लगा था। उसके बाद उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी एक्शन में सुधार करते हुए आईपीएल 2016 में वापसी की और अच्छा प्रदर्शन भी किया। जिसके बाद उन्हें राष्ट्रीय टीम में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के साथ त्रिकोणीय सीरीज के लिए दोबारा चुना गया। उन्होंने वापसी करते हुए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 6 विकेट लिया और अपनी टीम को 4 विकेट की जीत दिलाई। ऐसे में कहीं दोबारा उनके एक्शन पर सवाल तो नहीं उठेगा ये सवाल अब फिर तैर रहा है। लेखक: पल्लब चटर्जी, अनुवादक: मनोज तिवारी