जिन दिनों वे अपने करियर के चरम पर थे, उन दिनों मीडिया और दर्शकों के बीच वे सबसे लोकप्रिय थे। बल्ले और गेंद दोनों से वो खेल की दिशा बदलने का माद्दा रखते थे। 1981 हेडिंग्ले टेस्ट में उन्होंने दिखा दिया था कि मुश्किल क्षणों में वे खेल का स्तर बढाने की क्षमता रखते हैं। आंकड़े उनके लिए महत्व नहीं रखते थे, बॉथम का स्टाइल था प्रभावशाली खेल। मैदान पर उनकी भव्य उपस्थिति और प्रतिष्ठा के दम पर वे अपने साथी खिलाड़ियों के बीच ज्यादा लोकप्रिय थे, आंकड़ों के लिए कम। सर इयान बॉथम का रूतबा बोलता था।
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