जब कुंबले ने अपने करियर की शुरुवात की थी तब लोगों ने ऐसा सोचा नहीं था कि वे भारतीय क्रिकेट की किस्मत बदलने का हुनर रखते हैं। क्लासिकल लेग -स्पिनर्स की तरह, न तो वो बल्लेबाजों को फ्लाइट से बीट करते थे, न ही उन्हें अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आने के लिए उकसाते थे। वे खतरनाक लेंग्थ से बॉल स्वूप करवाकर बल्लेबाजों की बोलती बंद कर देते। कुंबले अपने करियर के दौरान गति परिवर्तन करते रहे और अपनी गेंद से जादू दिखाते हुए भारत की कई बड़ी जीतों के नायक रहे।
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