काफी सालों से करप्शन और विवादों में चल रहे दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ सूचना का अधिकार (आरटीआई) के अंडर आने वाला पहला क्रिकेट संघ बन गया है। डीडीसीए के 5 सदस्यीय आरटीआई सेल को हेड पब्लिक इंफॉर्मेशन ऑफिसर (पीआईओ) प्रदीप कुमार बनर्जी करेंगे। इसमें दो अपील संबंधी अधिकारी भी होंगे, जिसमें सीईओ और कार्यकारी समिति के अध्यक्ष शामिल होंगे। सीआईओ का ऐलान डीडीसीए के चुनावों के बाद किया जा सकता है। एक नैतिक अधिकारी और लोकपाल भी इस समिति का हिस्सा होंगे। एक आरटीआई अपील के लिए 10 रूपये लगेंगे और एक केस में ज्यादा से ज्यादा दो अपील ही की जा सकती है। डीडीसीए ने पी़डीएफ फॉर्म को अपनी वेबसाइट पर जारी कर दिया है। लोढ़ा कमेटी जहां चाहती है कि बीसीसीआई आरटीआई के अंडर आए, लेकिन बोर्ड इस बात को मानने को तैयार नहीं है। बोर्ड का साफ तौर पर मानना है कि वो किसी भी तरह की सरकारी मदद नहीं लेते हैं और न ही वो खुद को नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन बनाना चाहते हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और डीडीसीए चुनावों में प्रेसीडेंट के पद के लिए खड़े हुए मदन लाल ने इस ऐतिहासिक कदम की तारीफ करते हुए पीटीआई को बताया, "पारदर्शिता होनी ही चाहिए और अगर मैं चुनाव को जीतता हूं, तो मेरे लिए लोगों के सवालों का जवाब देना आसान हो जाएगा। डीडीसीए को पारदर्शिता के मामले में और क्रेडिबल बनाने के लिए आरटीआई एक बहुत ही अच्छा कदम है।" डीडीसीए ने स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा, "भारत के कानून के हिसाब से बीसीसीआई को भी आरटीआई के अंडर आना चाहिए, क्योंकि सभी नेशनल और स्टेट स्पोर्ट्स फेडरेशन आरटीआई के दायरे में आते ही है। कानून को देखते हुए हुए स्टेट संघ को पारदर्शिता दिखानी चाहिए। आरटीआई से पारदर्शिता लाने में भी काफी मदद मिलेगी।" आपको बता दें कि पिछले कई सालों से डीडीसीए के ऊपर करप्शन के चार्ज लगते रहे हैं और इसको लेकर पूर्व क्रिकेटर्स ने कार्रवाई की मांग भी की है।