आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल अगले सीजन में सभी खिलाड़ियों को नीलामी के लिए वापस भेज सकती है और ऐसे में सभी टीमों के पास अपने बड़े खिलाड़ियों को वापस हासिल करने के लिए 'राईट टू मैच' विकल्प की ही उम्मीद रहेगी। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 11वें सीजन में सभी खिलाड़ियों की वापस नीलामी होगी और बीसीसीआई के सदस्य इसको लेकर काफी गंभीर हैं। कोलकाता नाइटराइडर्स, सनराइजर्स हैदराबाद और दिल्ली डेयरडेविल्स की टीमों ने मैच कार्ड को लाने पर जोर दिया है। आईपीएल 2014 की नीलामी में मैच कार्ड को लागू किया गया था और टीम मालिकों के पास अपने पुराने खिलाड़ी को नीलामी की राशि में ही वापस ने का मौका था। मान लीजिये अगर विराट कोहली के लिए अगले साल नीलामी में बोली लगी और उन्हें किसी टीम ने खरीद लिया, तब आरसीबी को पूछा जाएगा कि क्या वो कोहली को उस राशि में अपनी टीम में फिर से शामिल करना चाहेंगे और अगर आरसीबी ने अपना कार्ड इस्तेमाल किया, तो कोहली फिर से अपनी पुरानी टीम में चले जाएंगे। मुंबई इंडियंस और किंग्स XI पंजाब भी अपने बड़े खिलाड़ियों को वापस टीम में लेना चाहती हैं, लेकिन प्रीति ज़िंटा के मुताबिक बीसीसीआई ने पहले ही सभी टीमों को बता दिया है कि लीग के सभी खिलाड़ी 2008 की तरह नीलामी के लिए वापस आएँगे। हालांकि अगले साल आईपीएल में वापसी करने वाली चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स का विचार अलग है। सीएसके अपनी टीम में महेंद्र सिंह धोनी और रविचन्द्रन अश्विन को फिर से हासिल करना चाहेगी, लेकिन बाकी टीम इस चीज़ के खिलाफ है। पुरानी टीमों में बरक़रार रहने को लेकर कई भारतीय खिलाड़ियों ने भी समर्थन दिया है। आईपीएल अगले साल एक नए रूप में आपके सामने आएगा। पहले 10 टीमों के टूर्नामेंट पर भी विचार किया जा रहा था, लेकिन इसकी सम्भावना नहीं के बराबर है। हां एक बात तय है कि अगर टीमों को 'राईट टू मैच' का अधिकार नहीं मिला, तो फैन्स को शायद आरसीबी में कोहली, मुंबई इंडियंस में रोहित शर्मा और चेन्नई सुपरकिंग्स में धोनी न दिखें। अब ये बीसीसीआई को तय करना है कि वो कैसे हर चीज़ के बावजूद फैन्स को खुश रखेंगे।