हाल ही में पूर्व भारतीय हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने सुझाव दिया था कि द्विपक्षीय टी20 सीरीज के आयोजन को बंद कर देना चाहिए और सीधे दो साल में इस फॉर्मेट का वर्ल्ड कप खेलना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने फ्रैंचाइजी क्रिकेट को भी बढ़ावा देने की बात कही थी। हालाँकि शास्त्री के इस सुझाव से पूर्व भारतीय खिलाड़ी आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) को ऐतराज है। चोपड़ा के मुताबिक द्विपक्षीय टी20 सीरीज को बंद करने के बजाय वनडे क्रिकेट में बदलाव की जरूरत है।
चोपड़ा का मानना है कि यह टी20 इंटरनेशनल नहीं है जो संघर्ष कर रहा है। पूर्व बल्लेबाज ने वनडे को मीनिंगलेस फॉर्मेट कहा। उन्होंने महसूस किया कि न तो प्रसारकों और न ही प्रशंसकों को वनडे मैच देखने में मजा आता है। इससे पहले, शास्त्री ने कहा था कि द्विपक्षीय टी20 टूर्नामेंट किसी को याद नहीं रहते हैं।
अपने यूट्यूब चैनल पर साझा किये गए वीडियो में चोपड़ा ने वनडे क्रिकेट को सबसे नीरस बताया। उन्होंने कहा,
यदि आप रुचि के स्तर को देखें, टेस्ट को अलग रखते हुए, क्योंकि सब कुछ कमर्शियल दृष्टिकोण से नहीं है, मुझे लगता है कि वनडे क्रिकेट सबसे उबाऊ प्रतियोगिता है। यह सबसे मीनिंगलेस है, यह वह फॉर्मेट है जिसे कोई याद नहीं रखता है।
पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि 50 ओवर वाला फॉर्मेट न तो प्रसारणकर्ताओं को रास आता है और न ही देखने वालों को। अपनी बात को समझाते हुए चोपड़ा ने कहा,
वनडे क्रिकेट का न तो प्रसारक और न ही प्रशंसक आनंद लेते हैं, इसके कई कारण हैं। 50 ओवर के क्रिकेट में बीच के 30 ओवर न तो टेस्ट होते हैं और न ही टी20। वनडे ऐसा फॉर्मेट नहीं है जो आपको बहुत लंबे समय तक व्यस्त रखने वाला है।
टी20 इंटरनेशनल को जारी रखना चाहिए - आकाश चोपड़ा
चोपड़ा ने द्विपक्षीय टी20 सीरीज को जारी रखने की बात कही। उन्होंने कहा,
मुझे लगता है कि टी20 इंटरनेशनल मैच जारी रहना चाहिए क्योंकि अगर आप दो साल में सिर्फ एक बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टी20 क्रिकेट खेलते हैं, तो आपके पास वास्तव में उस वर्ल्ड प्रतियोगिता के लिए तैयारी करने का समय नहीं होगा।