एमसीसी (MCC) ने गुरुवार को कुछ नियमों में बदलाव किया है और उन्हीं में से एक बदलाव सलाइवा के प्रयोग को लेकर है, जिस पर अब रोक लगा दी गई है। सलाइवा बैन को लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है और इसी क्रम में पूर्व भारतीय खिलाड़ी आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। चोपड़ा ने कहा कि यह निर्णय प्रशंसा के योग्य है लेकिन इससे वे गेंदबाज प्रभावित होंगे, जो रिवर्स स्विंग का इस्तेमाल करते हैं।
क्रिकेट के खेल में सलाइवा का प्रयोग लम्बे से समय से गेंद की चमक बरकरार रखने के लिए किया जाता रहा है। हालांकि कोरोना काल में इस पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी गई थी। इसके बाद एमसीसी ने देखा कि गेंद इसके बिना भी स्विंग कर रही है और इसी वजह से अब सलाइवा का प्रयोग हमेशा के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
गेंद को चमकाने के लिए वैक्स के इस्तेमाल पर विचार किया जा सकता है - आकाश चोपड़ा
अपने यूट्यूब चैनल पर बोलते हुए आकाश चोपड़ा ने बताया कि सलाइवा का उपयोग करना कितना अस्वच्छ था और वह इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के फैसले से सहमत क्यों हैं। उन्होंने कहा,
सलाइवा बैन कोविड के कारण लगाया गया था। समिति को लगता है कि स्विंग को कोई महत्वपूर्ण नुकसान नहीं हुआ है क्योंकि गेंद अभी भी एक उचित मात्रा में स्विंग करती है। इसलिए इसको जारी रखते हैं। मैं इसका समर्थन करता हूं क्योंकि यह अस्वच्छ तरीका था।
हालांकि चोपड़ा ने इस बात पर भी जोर दिया कि सलाइवा बैन से रिवर्स स्विंग प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि गेंद को चमकाने के लिए वैक्स के इस्तेमाल पर एमसीसी विचार कर सकता है।
चोपड़ा ने आगे कहा,
इसका निश्चित रूप से रिवर्स स्विंग पर असर पड़ेगा। इसलिए दूसरी नई गेंद को थोड़ा जल्दी उपलब्ध कराया जा सकता है। आप प्रतियोगिता को संतुलित करने के लिए गेंद को चमकाने के लिए वैक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं, खासकर जहाँ सूखी परिस्थितियां हों।
इसके अलावा आकाश चोपड़ा ने बाउंसर्स को खेल का अहम हिस्सा बताया और उनको बैन ना करने के निर्णय का समर्थन किया। चोपड़ा ने कहा कि अगर अम्पायर को लगता है कि बल्लेबाज को नुकसान पहुँच सकता है तो वो रोक सकते हैं और यह सही है।