दक्षिण अफ़्रीका के महान बल्लेबाज़ों में शुमार एबी डीविलियर्स ने हाल ही में अपनी आत्मकथा लॉंच किया है। डीविलियर्स की इस आत्मकथा के बाद क्रिकेट फ़ैंस को उनकी कई ऐसी बातों के बारे में पता चल रहा है, जो आज तक डीविलियर्स के अलावा और कोई नहीं जानता था। अपनी इसी आत्मकथा में डीविलियर्स ने उस पारी का भी ज़िक्र किया है, जिसमें उन्होंने कैरेबियाई गेंदबाज़ों की विकेट के चारो ओर धुनाई करते हुए वनडे इतिहास का सबसे तेज़ शतक लगा डाला था। 31 गेंदो पर शतक लगाते हुए डीविलियर्स ने न्यूज़ीलैंड के कोरे एंडरसन का रिकॉर्ड तोड़ डाला था। एंडरसन ने इससे पहले शाहिद आफ़रीदी के 37 गेंदो पर लगाए गए सबसे तेज़ शतक को पीछे छोड़ा था। डीविलियर्स ने अपनी इस रिकॉर्ड पारी के बारे में आत्मकथा में लिखा है कि वह बल्लेबाज़ी के लिए जाना ही नहीं चाहते थे, और डेविड मिलर को भेजना चाह रहे थे। हाशिम अमला और रिली रोसू की आतिशी बल्लेबाज़ी के बाद जब डीविलियर्स को मौक़ा मिला, तो उन्होंने कोच रसेल डोमिंगो से गुज़ारिश करते हुए कहा अभी डेविड मिलर को भेज दीजिए। लेकिन डोमिंगो ने कहा कि नहीं आप तैयार रहिए और आप ही जाइए, जबकि डीविलियर्स को लग रहा था सुलेमान बेन्न जिनका दो ओवर बचा था उनके ख़िलाफ़ डेविड मिलर ज़्यादा सही होते। डोमिंगो ने साफ़ कहा कि इस परिस्थिति के लिए आप सबसे सही बल्लेबाज़ हो जाइए और बल्लेबाज़ी कीजिए। बल्लेबाज़ी के लिए जाने से पहले डीविलियर्स काफ़ी नर्वस थे, जैसा वह हर मैच से पहले रहते हैं। पैवेलियन से उतरते वक़्त वह लड़खड़ा कर सीढ़ियों से गिर पड़े थे, जिसपर फ़ैफ डू प्लेसी और डेल स्टेन काफ़ी हंसे भी थे और मज़ाक उड़ाया था। डीविलियर्स जब मैदान में उतरे तो उनके इरादे साफ़ थे, 32 वर्षीय इस बल्लेबाज़ ने पहले वनडे क्रिकेट का सबसे तेज़ अर्धशतक का रिकॉर्ड बनाया और फिर उसे आगे बढ़ाते हुए 31 गेंदो पर शतक लगाकर एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला था।