अफ़ग़ान प्रशंसकों ने देहरादून स्टेडियम के साथ ढूंढ निकाला सदियों पुराना कनेक्शन

देहरादून के नवनिर्मित राजीव गांधी स्टेडियम में बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान के बीच तीन टी20 मैचों की सीरीज खेली गई। अफ़ग़ानिस्तान ने तीनों ही मुकाबले जीतकर सीरीज अपने नाम कर ली है। देहरादून के इस स्टेडियम को अब अफ़ग़ानिस्तान ने अपना नया घरेलू मैदान बनाया है। इस बात से अफ़ग़ानिस्तान प्रशंसकों को बिल्कुल भी गुरेज नहीं है बल्कि उन्होंने तो इस जमीं के साथ एक पुराना जुड़ाव ढूंढ निकाला है। अफ़ग़ानिस्तानी प्रशंसकों के अनुसार ' देहरादून से 35 किमी ऊपर की ओर , बराकज़ई राजवंश के संस्थापक दोस्त मोहम्मद खान और अफगानिस्तान के प्रमुख शासकों में से एक मसूरी में ही रहा करते थे। 20वीं शताब्दी की शुरुआत में निर्वासक अफगान शासकों के लिए मसूरी में ब्लाहस्सीर पैलेस औए देहरादून में काबुल पैलेस बनाया गया था। दोस्त ने पहले एंग्लो-अफगान युद्ध (1839-1842) में अंग्रेजों से हारने के बाद छह साल से अधिक समय तक अंग्रेजों से मसूरी में शरण मांगी थी। उनके पोते याकूब मोहम्मद को 1879 में भारत में निर्वासित कर दिया गया था। अपने दादा की तरह, उन्होंने भी दून घाटी का चयन किया और औपचारिक रूप से देहरादून में बसने वाले पहले अफगान बने थे। अफ़ग़ान टीम के फैन्स के कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान टीम का देहरादून में घरेलू मैदान बनाना बेहद सुखद अनुभूति है। यहां अपने देश की टीम को खेलते देख कर एक दम घर जैसा महसूस होता है। बीसीसीआई ने पहले भी अफगानिस्तान क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए नोएडा में क्रिकेट स्टेडियम तैयार किया था। अब इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए देहरादून में क्रिकेट स्टेडियम तैयार किया गया है। इसके साथ ही बीसीसीआई ने भारत का दौरा करने वाली सभी टीमों का अफगानिस्तान के साथ अभ्यास मैच खेलना अनिवार्य कर दिया है। गौरतलब है कि अफगानिस्तान अपना पहला टेस्ट मैच भारतीय टीम के साथ खेलने जा रही है। बेंगलुरु में खेले जाने वाला ये एकमात्र टेस्ट 14 जून से प्रारंभ होगा।

Edited by Staff Editor
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